तरंगाग्र

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[ किसी क्षण विशेष पर किसी माध्यम की वह सतह जिस पर स्थित सभी कण समान कला में कम्पन करते है तरंगाग्र कहलाती है यह तीन प्रकार के होते है 1. गोलाकार 2. बेलनाकार 3.समतल

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