लोध्र

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लोध्र या लोध (वानस्पतिक नाम: Symplocos racemosa) एक आयुर्वेदिक औषधीय वनस्पति है। लोध् के पेड़ मध्यम आकार के होते हैं। इसकी छाल पतली तथा छिलकेदार होती है। इसके फूल सफेद और हल्के पीले रंग के तथा सुगन्धित होते हैं। लोध् के द्वारा लाख (लाक्षा) को साफ किया जाता है, इसलिए इसे लाक्षाप्रसादन भी कहते हैं।

उत्तर ओर पूर्वी भारत के पहाड़ियों पर पाए जाने वाले लोध्र के फायदे बहुत महत्वपूर्ण हैं. लोध्र के फूल सफ़ेद रंग के ओर खुशबू से भरे होते हैं. इसका फल गोलाकार में चिकनाई लिए हुए बैंगनी या काले रंग का होता है. इसकी भूरे रंग की छाल औषधीय गुणों से भरपूर होती है. मुख्य रूप से दस्त, आंखो से संबंधी समस्याओं ओर ब्लीडिंग डिसऑर्डर में प्रयुक्त लोध्र के और भी कई फायदे और कुछ सीमित नुकसान भी हैं.[1]

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संदर्भ[संपादित करें]

  1. "लोध्र के फायदे और नुकसान - Lodhra (Symplocos Racemosa) Benefits and Side Effects in Hindi". myUpchar. अभिगमन तिथि 2023-12-16.