थुतमोस तृतीय

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थुतमोस तृतीय की मूर्ति,लक्सर म्यूजियम

थुतमोस तृतीय (१४७९-१४२५ ईसापूर्व) प्राचीन मिस्र के नविन साम्राज्य के अठारहवें राजवंश का छठा फैरो था और मिस्र के इतिहास का सबसे महान फैरो भी| अपने शासन काल के पहले २२ वर्ष वह राज्याधिकारी के रूप में अपनी सौतेली माँ हत्शेप्सुत के साथ राज करता रहा| हत्शेप्सुत ने थुतमोस को अपना सेनापति नियुक्त किया था।[1]

हत्शेप्सुत की मृत्यु के बाद थुतमोस अगला फैरो बना, उसने लघभग १७ सैन्य अभियान किये और मिस्र का सबसे बड़ा साम्राज्य खड़ा किया जो उत्तर में फ़ोनीशिया और फ़रात नदी तक,पश्चिम में लीबिया तक और दक्षिण में नील नदी के चौथे जल-प्रपात तक यानि नुबिया तक था। [2]

उसका सम्पूर्ण शासन काल ५४ वर्ष का है, प्रतिशासक के रूप में २२ वर्ष मिलाकर| उसके नाम का अर्थ है "देवता थोथ ने जन्म लिया",यह संकेत है की वह देवता थोथ का उपासक था।

  1. Partridge, R., 2002. Fighting Pharaohs: Weapons and warfare in ancient Egypt. Manchester: Peartree. Pages: 202/203
  2. page v-vi of the Preface to Thutmose III: A New Biography, University of Michigan Press, 2006