अमिताभ ठाकुर

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अमिताभ ठाकुर
अमिताभ ठाकुर
जन्म 16 जून 1968
मुजफ्फरपुर, भारत
जीवनसाथी डॉ नूतन ठाकुर
सन्तान तान्या ठाकुर, आदित्य ठाकुर


अमिताभ ठाकुर भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी, कवि, व लेखक हैं, जो उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) के पद पर नियुक्त थे ।[1][2][3][4] पुलिस सेवा से हटने के बाद अब अमिताभ राजनीतिक दल आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं.

परिचय[संपादित करें]

इनका जन्म बिहार के मुजफ्फरपुर में हुआ। उनके पिता का नाम तपेश्‍वर नारायण ठाकुर और माता का नाम माधुरी बाला है। [1] वे नेशनल आर.टी.आई। फोरम के संस्थापक रहे हैं। इनकी पत्नी डॉ नूतन ठाकुर एक जानी मानी सामाजिक कार्यकर्ता हैं।

अमिताभ ने बोकारो स्टील सिटी, झारखण्ड से अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की, जहाँ उन्होंने केंद्रीय विद्यालय, नंबर-एक से 1983 में मेट्रिक तथा 1985 में इंटर की परीक्षा पास की. वर्ष 1985 में उन्होंने आईआईटी कानपुर में प्रवेश लिया जहाँ से उन्होंने वर्ष 1989 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी टेक की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने सिविल सर्विस की परिखा दी. वर्ष 1991 में उनका चयन भारतीय राजस्व सेवा के लिए हुआ तथा वर्ष 1992 में भारतीय पुलिस सेवा के लिए, जिसमें उन्होंने ज्वाइन किया.

पुलिस जीवन की विशिष्ट घटनाएँ[संपादित करें]

आईपीएस अफसर के रूप में अमिताभ को उत्तर प्रदेश कैडर मिला. उनकी फील्ड ट्रेनिंग कानपुर में तथा प्रारंभिक सेवा गोरखपुर में हुई, जहाँ उनकी पहली बार उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सीधी भिडंत हुई.

बाद में अमिताभ को अपने सेवा कल में कई नेताओं से साथ टकराव हुआ जिसमें तीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, याअखिलेश यादव तथा योगी आदित्यनाथअ प्रमुख हैं.

अमिताभ एक पुलिस अफसर के साथ ही अपनी सेवा के दौरान ही सक्रिय सामाजिक कार्यकर्त्ता भी रहे हैं.

फेसबुक पर 'आई हेट गाँधी' नामक एक फेसबुक ग्रुप में महात्मा गाँधी पर अभद्र टिप्पणी की जा रही थी, इन्होंने इस बाबत फेसबुक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी और कुछ दिनों बाद फेसबुक से उस ग्रुप को प्रतिबंधित कर दिया गया।।[5][6][7]

लेखन कार्य[संपादित करें]

वें फ्रेश ब्रू: क्रोनिकल्स ऑफ़ बिज़नस एंड फ्रीडम के लेखक हैं।[8][9] इसके अलावा अमिताभ के दो हिंदी कविता संग्रह "जैसा मैंने जाना है" और "आत्मादर्श" तथा एक कहै संग्रह "ढल गयी रात" प्रकाशित हो चुके हैं.


अमिताभ "साइबर क्राइम" नमक पुस्तक के भी लेखक हैं, जो उन्होंने एस एच जैदी के साथ मिलकर लिखा है और जो संभवतः साइबर क्राइम पर हिंदी में पहली पुस्तक है.

अमिताभ ठाकुर ने फेसबुक पर अपने अनुभवों तथा अपने कार्यों को पृष्ठभूमि बनाते हुए हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा में एक-एक पुस्तक लिखने का कार्य प्रारम्भ किया है जो बहुत शीघ्र ही प्रकाशित हो जायेंगे। अमिताभ ठाकुर द्वारा ये पुस्तकें फेसबुक संस्थापक मार्क जकरबर्ग तथा अपने फेसबुक के साथियों को समर्पित किया गया है।

राजनैतिक जीवन[संपादित करें]

भारतीय पुलिस सेवा से हटने के बाद अमिताभ अब आजाद अधिकार सेना के रास्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में राजनितिक रूप से सक्रीय हैं. पार्टी का मूल उद्देश्य अन्याय, अत्याचार और भ्रष्टाचार का विरोध तथा आम नागरिक के अधिकारों के लिए संघर्ष करना है. यह पार्टी अभी भारत निर्वाचन आयोग में पंजीकृत नहीं हुई है और पंजीकरण की प्रक्रिया में है.

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "UP Government sits on study leave". मूल से 11 जनवरी 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 जुलाई 2014.
  2. "Reconsider study leave matter". मूल से 21 सितंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 जुलाई 2014.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 12 मार्च 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 जुलाई 2014.
  4. "Jethwa, two other chosen for RTI gallantry awards". The Hindu. September 2, 2010. मूल से 21 सितंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि January 7, 2011.
  5. "Case against Facebook for hosting 'I hate Gandhi' group". मूल से 25 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 जुलाई 2014.
  6. Jones, Colin (January 25, 2011). "Black Friday deals for Target, H&M, Forever21, Old Navy, Radio Shack and more". Daily News. New York. मूल से 3 अप्रैल 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 जुलाई 2014.
  7. "GovernanceNow.com | Facebook bans online group: I hate Gandhi". मूल से 26 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 जुलाई 2014.
  8. "The Sunday Tribune - Books". मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 जुलाई 2014.
  9. "Book traces path of IIM alumni who chose to be entrepreneurs, IBN Live News". मूल से 14 अक्तूबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 जुलाई 2014.