अंजना मिश्रा बलात्कार मामला

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अंजना मिश्रा बलात्कार का मामला 1999 में उड़ीसा (भारत) में होनेवाला एक बहुचर्चित बलात्कार का मामला था। अंजना मिश्रा एक भारतीय वन सेवा के अधिकारी से अलग रह रही पत्नी थी जिनका 9 जनवरी 1999 को बलात्कार किया गया था। मामला उस समय तूल पकड़ गया जब अंजना तत्कालीन मुख्यमंत्री जे बी पटनायक और उनके मित्र पूर्व महाधिवक्ता इंद्रजीत रे पर आरोप लगाया कि इस मामले में उनका भी हाथ शामिल है।[1] इस बलात्कार मामले ने पार्टी की छवि खराब कर दी थी और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गिरिधर गमांग को नया मुख्यमंत्री बना दिया था।

वह कार जिसमें अंजना और उसके पत्रकार दोस्त 9 जनवरी 1999 पर यात्रा कर रहे थे बरांग के पास एक सुनसान जगह पर रोक दी गई थी भुवनेश्वर के बाहरी इलाके पर स्थित था और अंजना मिश्रा को अपने मित्र के समक्ष सामूहिक बलात्कार का शिकार बनाया गया।[2] दो आरोपियों को 26 जनवरी 1999 को गिरफ्तार कर लिया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया।[3] उड़ीसा उच्च न्यायालय ने मामले की जांच के लिए 26 फ़रवरी 1999 को जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के सोंपने के बाद सी बी आई ने मामले को ले लिया और 5 मई 1999 पर अपने आरोप पत्र प्रस्तुत किए।

एक लंबी लड़ाई के बाद अंजना मिश्रा ने अपना मुकदमा जीत लिया। 29 अप्रैल 2002 पर दिये गये एक फैसले में उड़ीसा के खुर्दा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने मामले में तीन आरोपियों में से दो को प्रत्येक को आजीवन कारावास और 5,000 रुपये का जुर्माना सजा सुनाई। न्यायाधीश महेंद्र नाथ पटनायक ने 9 जनवरी 1999 को प्रदीप साहू और दिरेंद्र मोहंती को दोषी पाया जबकि एक आरोपी अब भी फ़रार है।[4]

मुख्य आरोपी बिस्वाल के फ़रार रहने पर अंजना मिश्रा ने दु:ख प्रकट किया क्योंकि उसके अनुसार वही असल षड्यंत्रकारी था।

बलात्कार का एक पूर्व प्रयास[संपादित करें]

12 जुलाई 1997 को अंजना ने औपचारिक रूप से मुख्य मंत्री को शिकायती पत्र लिखा कि 11 जुलाई को तत्कालीन महाधिवक्ता इंद्रजीत रे ने कटक में उनके कार्यालय एवं निवास पर आमंत्रित किया और एक गोपनीय कॉल प्राप्त करने के बहाने अपने बेडरूम में ले गए थे और उसके साथ बलात्कार करने का प्रयास किया था। कोई कार्यवाही नहीं की गई थी। कई महिला संगठनों के प्रतिनिधियों के एक समझौता सौदा सुझाव दिया जो मुख्यमंत्री की ओर से अंजना दिया गया था। इसे अंजना ने अस्वीकार कर दिया था। उसने 19 जुलाई 1997 को कटक छावनी पुलिस स्टेशन में एक प्रथम सूचना रिपोर्ट दायर की। अंजना ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि वह रे को बचा रहे हैं।[5] सी बी आई अदालत ने रे को फ़रवरी 2000 में बलात्कार के प्रयास के आरोप में तीन साल के कठोर कारावास की सज़ा सुनाई।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. J.B. Patnaik. "Why should I apologise to Anjana?" (Interview). The Week. The Week. मूल से 22 मई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 जून 2012.
  2. ANJANA MISHRA (7 फ़रवरी 1999). "My story". The Week. The Week. मूल से 22 मई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 जून 2012.
  3. "One held for alleged rape of Anjana Mishra". Rediff on the net. UNI. अभिगमन तिथि 1 जून 2012.
  4. Anjana Mishra Solidarity Committee, Hyderabad (जनवरी 1999). "FROM THE FRYING PAN INTO THE FIRE". Select Committee on International Development Minutes of Evidence:Parliamentary copyright 1999. Womankind Worldwide. मूल से 9 मार्च 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 जून 2012.
  5. "Anjana Mishra allegedly gang-raped". Rediff on the Net. UNI. मूल से 25 जून 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 जून 2012.