पुनर्विन्यास अभिक्रिया

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पुनर्विन्यास अभिक्रिया

उन कार्बनिक अभिक्रियाओं को पुनर्विन्यास अभिक्रिया (rearrangement reaction) कहते हैं जिनमें किसी अणु का कार्बन स्केलेटन बदलकर मूल अणु का एक संरचनात्मक समावयवी (स्ट्र्क्चरल आइसोमर) बनता है।[1] पुनर्विन्यास अभिक्रिया, कार्बनिक अभिक्रियाओं का एक बहुत बड़ा वर्ग है। प्रायः कोई प्रतिस्थापी (substituent) एक परमाणु से उसी अणु के किसी दूसरे परमाणु पर चला जाता है। नीचे दिए गये उदाहरण में प्रतिस्थापी R कार्बन परमाणु 1 से हटकर कार्बन परमाणु 2 पर चला जाता है:

पुनर्विन्यास अभिक्रिया का सामान्य रूप
पुनर्विन्यास अभिक्रिया का सामान्य रूप

अन्तर-अणुक पुनर्विन्यास भी होते हैं।

परिचय[संपादित करें]

पुनर्विन्यास, अणुओं का हमें अच्छी तरह ज्ञात है कि कार्बनिक योगिकों के अणुओं का निर्माण कार्बन, हाइड्रोजन तथा अन्य परमाणुओं के विशेष विन्यास से होता है। इन यौगिकों के सूत्रों को, जिनसे अणुओं में परमाणुओं के विन्यास का ढंग मालूम होता है।

पुनर्विन्यान अनुत्क्रमणीय (irreversible) अभिक्रिया सूचित करता है, जिसमें अणु के सरंचनाविन्यास में परिवर्तन हुआ है। ऐसे परिवर्तनों में साधारण अणुओं में कुछ अंश जैसे पानी, या हाइड्रोजन हैलाइड, का विलोपन भी संभव है। इस प्रकार के पूनर्विन्यासों में अपेक्षाकृत छोटे छोटे परिवर्तन ही सन्निहित हैं, जैसे द्विबंध का बनना, या द्विबंध का स्थानांतरण और कार्बन पंजर में अल्प परिवर्तन। ऐलिलिक (allylic) यौगिकों के प्रतिस्थापन में द्विबंध का स्थानांतरण बहुधा देखने में आता है। जहाँ तक कार्बन पंजर के पुनविंन्यास का संबंध है, ये बहुधा उच्च शाखावाले तंत्रों में ही देखे जाते हैं।

तीन प्रमुख पुनर्विन्यास अभिक्रियाएँ ये हैं-

  • 1,2-पुनर्विन्यास,
  • पेरिसाइक्लिक अभिक्रियाएँ (Pericyclic reactions)
  • ओलिफीन मेटाथेसिस (Olefin metathesis)

1,2-पुनर्विन्यास[संपादित करें]

A 1,2-पुनर्विन्यास वह कार्बनिक अभिक्रिया है जिसमें प्रतिस्थापक रासायनिक यौगिक के एक परमाणु से दूसरे परमाणु पर चला जाता है। 1,2 शिफ्ट में यह गति एक परमाणु से उससे सटे परमाणु पर होती है किन्तु बड़ी दूरियों वाली गति भी सम्भव है। वैगनर-मीरवाइन पुनर्विन्यास (Wagner-Meerwein rearrangement) और बेकमान पुनर्विन्यास (Beckmann rearrangement) इसके उदाहरण हैं:

Wagner-Meerwein पुनर्विन्यास

बेकमान पुनर्विन्यास

पेरिसाइक्लिक अभिक्रियाएँ[संपादित करें]

A pericyclic reaction is a type of reaction with multiple carbon-carbon bond making and breaking wherein the transition state of the molecule has a cyclic geometry, and the reaction progresses in a concerted fashion. Examples are hydride shifts

Sigmatropic Hydride Shifts

and the Claisen rearrangement:

Claisen rearrangement

ओलीफिन मेटाथेसिस[संपादित करें]

Olefin metathesis is a formal exchange of the alkylidene fragments in two alkenes. It is a catalytic reaction with carbene, or more accurately, transition metal carbene complex intermediates.

General mechanism olefin metathesis

In this example, a vinyl compound is dimerized with the expulsion of ethene.

सन्दर्भ[संपादित करें]