बैरेटा (छोटी पिस्तौल)

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बैरेटा 20 कैलिबर
20 कैलिबर की अमेरिकन बैरेटा (छोटी पिस्तौल)

प्रकार अर्द्ध स्वचालित पिस्तौल
उत्पत्ति का मूल स्थान पहले यूएसए बाद में इटली
उत्पादन इतिहास
निर्माता बैरेटा यूएसए
उत्पादन तिथि वर्तमान इटली 1984 से[1]
संस्करण बैरेटा 21 बॉबकैट और बैरेटा 21-ए बॉबकैट
निर्दिष्टीकरण
वजन 325 g [1]
लंबाई 125 mm (4.9 in)[2]

फ़ीड करने के लिए प्रणाली 8 गोलियाँ[3]

बैरेटा (छोटी पिस्तौल) मूल रूप से यूएसए में बनी 20 कैलिबर की सबसे छोटी पिस्तौल थी जिसका अमेरिका के मेरीलैण्ड राज्य (उपनिवेश) के ऐकोकीक शहर में सन् 1985 तक उत्पादन हुआ। क्योंकि 1984 से इटली की बैरेटा कम्पनी ने इसके उन्नत मॉडल बैरेटा 21 A बॉबकैट (अं: Beretta 21 A Bobcat) के नाम से उत्पादन शुरू कर दिया था इसलिये अमरीका की यह सबसे छोटी पिस्तौल अब दुर्लभ शस्त्र की श्रेणी में आ गयी।[2]

आसानी से मनुष्य की हथेली में आ जाने वाली यह पिस्तौल जेब में भी आराम से रखी जा सकती थी। नाथूराम गोडसे ने इसी मॉडल की पिस्तौल से महात्मा गान्धी की हत्या की थी।

मुकदमे के दौरान न्यायालय में नाथूराम गोडसे द्वारा दिये गये बयान के अनुसार इस प्रकार की पिस्तौल उसने नई दिल्ली में एक शरणार्थी से खरीदी थी।[3]

पिस्तौल की विशेषता[संपादित करें]

बैरेटा पिस्तौल की नाल के खुलने पर क्या स्थिति होती है उसे प्रदर्शित करता हुआ एक चित्र

वैसे तो अमूमन आजकल सभी पिस्तौलों की नली फिक्स न होकर एक अलग चैम्बर में आगे-पीछे की ओर को खिसकती हैं। और ऐसा कारतूस के फटने से उत्पन्न गैस के अत्यधिक दवाब के कारण होता है। परन्तु सभी पिस्तौलों की लीक से हटकर इसकी नाल या बैरेल आगे की तरफ से रिवॉल्वर की भाँति स्टील की एक कील में पिरोयी हुई होती है। नाल के ऊपर उठते ही इसका एक-एक कारतूस दगने के बाद उसका पीतल वाला खोखा अपने आप बाहर आ जाता है और ऊपर की उछल जाता है। फायर हो जाने के बाद नाल पुन: अपनी पूर्व स्थिति में आ जाती है। इसके साथ ही इसके नीचे लगी मैगज़ीन में से दूसरा भरा हुआ कारतूस फायर करने हेतु नाली में अपने आप चला जाता है।

इस प्रकार एक के बाद एक लगातार आठ फायर इस पिस्तौल से किये जा सकते हैं। इसके अलावा इसमें फायर करते समय झटका बिल्कुल नहीं लगता और निशाना ठीक बैठता है। परन्तु इसे चलाते समय निशानेबाज को अपना सिर बचाकर रखना होता है अन्यथा पीतल का खोखा चोट पहुँचा सकता है। इसीलिए इसकी नाल पर स्पष्ठ चेतावनी लिखी होती है-"पिस्तौल चलाने से पूर्व इसकी प्रयोग विधि समझ लें।"

परन्तु अब इस पिस्तौल के समुन्नत मॉडल इटली और अमरीका दोनों देशों में बनाये जाने लगे हैं। पॉकेट पिस्टल के रूप में इसकी लोकप्रियता असन्दिग्ध है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Beretta Pistols-The Ultimate Guide" by J.B. Wood, Stoeger Publishing, 2006. P.193.
  2. "Beretta Pistols-The Ultimate Guide" by J.B. Wood, Stoeger Publishing, 2006. P.193.
  3. क्रान्त, मदनलाल वर्मा (2006). स्वाधीनता संग्राम के क्रान्तिकारी साहित्य का इतिहास. 3 (1 संस्करण). नई दिल्ली: प्रवीण प्रकाशन. पृ॰ 760. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-7783-121-6. मूल से 14 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 नवम्बर 2013. दिल्ली में मुझे एक शरणार्थी मिला जो शस्त्र बेचता था। उसने मुझे एक पिस्तौल दिखायी। मुझे वह पिस्तौल पसन्द आ गयी और मैंने उसे खरीद लिया। यही वह पिस्तौल थी जिससे मैंने गान्धीजी को अपना निशाना बनाया।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]