अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय

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अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय

आदर्श वाक्य:न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिहि विद्यते
(अर्थ : निश्चित ही इस संसार में ज्ञान के समान पवित्र कुछ भी नहीं है।)
स्थापित2011
प्रकार:सार्वजनिक विश्वविद्यालय
मान्यता/सम्बन्धता:मध्य प्रदेश सरकार
कुलपति:प्रो.राम देव भारद्वाज
अवस्थिति:भोपाल, मध्य प्रदेश, भारत
परिसर:ग्रामीण
जालपृष्ठ:http://www.abvhv.edu.in

अटल बि‍हारी वाजपेयी हि‍न्‍दी वि‍श्‍ववि‍द्यालय भोपाल में स्थित एक विश्वविद्यालय है। 6 जून 2013 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने इसकी की आधारशि‍ला रखी।[1] यह विश्वविद्यालय तकनीकी, चिकित्सा, कला और वाणिज्य से जुड़े विषयों की शिक्षा प्रदान करेगा।[2]

मध्यप्रदेश और भारतवासियों के स्वभाषा और सुभाषा के माध्यम से ज्ञान की परम्परागत और आधुनिक विधाओं में शिक्षण-प्रशिक्षण की व्यवस्था और हिन्दी को गौरवपूर्ण स्थान दिलाने के लिये मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इसकी स्थापना 19 दिसम्बर 2011 को की गयी।[3][4] भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रबल पक्षधर रहे हैं। इसीलिये इस विश्वविद्यालय का नाम उनके नाम पर रखा गया। भोपाल चूँकि भारतवर्ष के केन्द्र में स्थित है अत: इस विश्वविद्यालय को वहाँ स्थापित किया गया।

इस विश्वविद्यालय का प्रमुख उद्देश्य हिन्दी भाषा को अध्यापन, प्रशिक्षण, ज्ञान की वृद्धि और प्रसार के लिये तथा विज्ञान, साहित्य, कला और अन्य विधाओं में उच्चस्तरीय गवेषणा हेतु शिक्षण का माध्यम बनाना है। यह विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश में हिन्दी माध्यम से ज्ञान के सभी अनुशासनों में अध्ययन, अध्यापन एवं शोध कराने वाला प्रथम विश्वविद्यालय है। यहाँ विद्यार्थियों के लिये प्रशिक्षण, प्रमाण‍-‍‍पत्र, पत्रोपाधि, स्नातक, स्नातकोत्तर,जैसे अनेक उपाधि कार्यक्रम संचालित हैं।

30 जून 2012 को प्रो॰ मोहनलाल छीपा इस विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति नियुक्त किये गये। इससे पूर्व वे महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर के कुलपति थे। भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 6 जून 2013 को भोपाल के ग्राम मुगालिया कोट में विश्वविद्यालय भवन का शिलान्यास किया।[5] विश्वविद्यालय का भवन 50 एकड़ में बनेगा। अगस्त 2013 से विश्वविद्यालय ने शिक्षण कार्य प्रारम्भ भी कर दिया है। वर्तमान में प्रो.रामदेव भारद्वाज इस विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति हैं [6] दिनांक 8/03/2017 को अंतरराष्ट्रिय महिला दिवस के मौके पर विकिपीडिया की टीम के द्वारा कार्य शाला का आयोजन किया गया।

प्रथम दीक्षान्त समारोह[संपादित करें]

विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह दिनांक 18 अप्रैल 2017 ,विक्रम संवत 2074,वैशाख कृष्ण ,सप्तमी को सम्पन्न हुआ। समारोह की अध्यक्षता श्री ओम प्रकाश कोहली जी महामहीम राज्यपाल मध्यप्रदेश ने की।सारस्वत अतिथि श्री सीताशरण शर्मा जी,मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष थे। मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे।श्री जयभान सिंह पवैया ,उच्च शिक्षा मंत्री मध्यप्रदेश ने दीक्षांत भाषण दिया।

उद्देश्य एवं दृष्टि[संपादित करें]

विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य हिन्दी भाषा को अध्ययन, प्रशिक्षण, ज्ञान की वृद्धि और प्रसार के लिये तथा विज्ञान साहित्य, कला व अन्य विधाओं में उच्चस्तरीय गवेषणा हेतु शिक्षण का माध्यम बनाना है। उपर्युक्त उद्देश्य की व्यापकता को प्रभावित किये बिना विश्वविद्यालय के निम्नलिखित उद्देश्य होंगे:-

  • विज्ञान, साहित्य, संस्कृति, कला, दर्शन और अन्य विधाओं के अध्ययन और गवेषणा को प्रोन्नत करना, संकलित करना और संरक्षित करना।
  • हिन्दी भाषा में शिक्षा और ज्ञान को प्रोन्नत करना और उसका प्रसार करना और इस प्रयोजन के लिए अन्य भाषाओं से अनुवाद करना, प्रकाशन, उद्देश्य , सूचना प्रौद्योगिकी और रोजगारकौशल का उपयोग संचालित करना।
  • हिन्दी भाषा के ज्ञान को प्रोन्नत करने के लिए अभिभाषणों, सेमीनारों, परिसंवादों, अधिवेशनों का आयोजन करना।
  • विभिन्न विधाओं में शिक्षण तथा प्रशिक्षण को प्रोन्नत करना, जैसा कि विश्वविद्यालय ठीक समझे और गवेषणा कार्य किए जाने का इंतजाम करना।
  • सभी धर्मों और मुख्य प्राचीन सभ्यताओं और संस्कृतियों के अध्ययन तथा गवेषणा कार्य को प्रोत्साहित करना।
  • परीक्षा संचालित करना और मानद उपाधियाँ और अन्य विशिष्टियाँ प्रदान करना।
  • ऐसे समस्त कार्य करना, जो विश्वविद्यालय के समस्त या किन्हीं उद्देश्यों को प्राप्त करने में अनुषांगिक, आवश्यक या सहायक हों।

विश्वविद्यालय का उद्देश्य ऐसी युवा पीढ़ी का निर्माण करना है जो समग्र व्यक्तित्व विकास के साथ रोजगार, कौशल व चारित्रिक दृष्टि से विश्वस्तरीय हो। विश्वविद्यालय ऐसी शैक्षिक व्यवस्था का सृजन करना चाहता है जो भारतीय ज्ञान परम्परा तथा आधुनिक ज्ञान में समन्वय करते हुए छात्रों, शिक्षकों एवं अभिभावकों में ऐसी सोच विकसित कर सके जो भारत केन्द्रित होकर सम्पूर्ण सृष्टि के कल्याण को प्राथमिकता दे।

कार्य विधि[संपादित करें]

  1. भारत में उच्चशिक्षा के क्षेत्र में सकल नामांकन अनुपात 16 प्रतिशत के लगभग होने के कारण इस विश्वविद्यालय का ध्येय उच्च शिक्षा का लोकान्तरण एवं लोक का रूपान्तरण करना।
  2. विश्वविद्यालय में निजता, अनन्यता, कुशलता एवं धन्यता जैसे शिखा सूत्रों की स्थापना करना।
  3. विद्यार्थी के समग्र विकास की दृष्टि से उच्च शिक्षा में पंचकोशीय शिक्षा व्यवस्था के प्रारूप को विकसित करना।
  4. ऐसे पाठ्यक्रमों की रचना करना जो कि विद्यार्थियों को स्वरोजगार एवं मूल्य आधारित व्यावसायिकता की ओर प्रेरित कर सके।
  5. सभी प्रकार के पाठ्यक्रमों में भारतीय योगदान को रेखांकित करना।
  6. विभिन्न ज्ञान अनुशासनों से सम्बन्धित विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध श्रेष्ठ पाठ्यपुस्तकों का हिन्दी भाषा में अनुवाद एवं मौलिक लेखन को प्रोत्साहित करना।
  7. भारतीय ज्ञान परम्परा एवं आधुनिक ज्ञान में समन्वय स्थापित करने की दृष्टि से विभिन्न अध्ययन केन्द्रों की स्थापना करना।

संकल्प[संपादित करें]

विश्वविद्यालय ने अपने आपको एक ऐसे भारत राष्ट्र के लिए समर्पित किया हैं जो समय से पहले सोचते हुए पूर्ण आत्म-सम्मान के साथ विश्व के राष्ट्रों की बिरादरी में अपनी भूमिका का निर्वाह कर सके। सम्भावनाओं की तलाश और नवीन सम्भावनाओं के निर्माण का भागीरथ प्रयत्न करते हुए अपनी क्षमता से पूरा करने का विश्वास ही उसका सम्बल होगा। इसके अतिरिक्त एक ऐसे शिक्षातन्त्र की रचना भी की जायेगी जो जनता-जनार्दन की आवश्यकताओं के अनुकूल तकनीक का निर्माण करे न कि ऐसी पद्धति जो विश्व की महाशक्तियों के लिये केवल तकनीकी-कुली ही तैयार करे।

नामकरण[संपादित करें]

इस विश्वविद्यालय का नाम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी पर रखा गया है। श्री वाजपेयी एक वरिष्ठ राष्ट्रीय राजनेता, उत्कृष्ट सांसद, प्रखर विद्वान तथा प्रभावशाली चिंतक थे। उन्होंने बहुत सी उत्कृष्ट तथा स्मरणीय कविताएं लिखी हैं। उनकी रचनाओं ने हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।[2] उल्लेखनीय है कि श्री वाजपेयी संयुक्त राष्ट्र में पहली बार हिन्दी में भाषण देकर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी को नई ऊंचाईयों पर स्थापित करने के लिए जाने जाते हैं।

विभाग[संपादित करें]

संगणक विज्ञान एवं अनुप्रयोग विभाग[संपादित करें]

एक माह प्रशिक्षण प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम
  • (१) संगणक हार्डवेयर एवं संजाल (10वीं उत्तीर्ण )
  • (२) कार्यालयीन संगणक अनुप्रयोग (10वीं उत्तीर्ण)
छ माह प्रशिक्षण प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम
  • (१) वेब डिज़ाइनिग (12वीं उत्तीर्ण)
  • (२) 3डी एनिमेशन (12वीं उत्तीर्ण)
  • (३) इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (12वीं उत्तीर्ण)
  • (४) ग्राफिक्स डिज़ाइनिग (12वीं उत्तीर्ण)
एक वर्षीय पत्रोपाधि पाठ्यक्रम
  • (१) संगणक अनुप्रयोग में पत्रोपाधि (डी. सी. ए.) (12वीं उत्तीर्ण)
  • (२) संगणक अनुप्रयोग में स्नातकोत्तर पत्रोपाधि (पी. जी. डी. सी. ए.) (स्नातक, किसी भी विषय के साथ)
उपाधि पाठ्यक्रम
  • (१) संगणक अनुप्रयोग में स्नातक (बी. सी. ए.) (वाणिज्य/भौतिकी/गणित विषय के साथ 12वीं उत्तीर्ण )
  • (२) स्नातकोत्तर संगणक विज्ञान (एम एस सी (सी एस)) (संगणक में स्नातक)

वाणिज्य एवं प्रबंधन[संपादित करें]

वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग में निम्न पाठ्यक्रम संचालित हैं-

स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम

  1. एम. काम. (वाणिज्य)
  2. एम. बी.ए. ( व्यावसायिक अर्थशास्त्र)
  3. एम. बी.ए. ( संभार तंत्र एवं आपूर्ती श्रंखला प्रबंधन)

स्नातक पाठ्यक्रम

  1. बी काम
  2. बी बी ए

अर्थशास्त्र[संपादित करें]

अर्थशास्त्र विभाग में निम्न पाठ्यक्रम संचालित हैं।

  1. बी ए
  2. एम ए

पुस्तकालय विज्ञान[संपादित करें]

पुस्तकालय विज्ञान विभाग में संचालित पत्रोपाधि पुस्तकालय एवं सुचना विज्ञान पर एक वर्षीय पाठ्यक्रम है। इस पाठ्यक्रम में दो सेमेस्टर होंगे, प्रत्येक सेमेस्टर में चार (4) प्रश्नपत्र होंगे यानि दो सेमेस्टरमें छात्र को आठ (8) प्रश्नपत्र देने होंगे। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को पुस्तकालय विज्ञान के मूलभूत सिद्धांतों से और सूत्रों से अवगत कराना है। वर्तमान ज्ञान समाज में निरंतर बदलते हुए शैक्षणिक,आर्थिक,तकनिकी, और सामाजिक वातावरण के अनुरूप पुस्तकालय के कार्य और उद्धेश्यों को समझने में छात्रों को सक्षम करना है। छात्रों को पुस्तकालयोंके प्रबंधन तकनिकी और प्रौधोगिकी के उपयोग में दक्ष करना है।

पत्रकारिता विभाग[संपादित करें]

अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्‍वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में प्रिंट मीडिया, इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया, न्‍यू मीडिया के स्‍नातकोत्‍तर, स्‍नातक, स्‍नातक उपाधि के पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। हमारे कई छात्र न्‍यूज चैनल और अखबारों में कार्य कर रहे हैं। आगामी योजना सांध्‍य कालीन पाठ्यक्रम शुरु करने की है। पत्रकारिता एवं जनसंचार क्षेत्र की आवश्‍यकताओं को पूर्ण करने की दृष्टि से 01 जुलाई 2013 को इस विभाग की स्‍थापना की गई। सत्र 2014- 15 में छात्रों की संख्‍या 16 है। विभागीय पुस्‍तकालय में 08 पुस्‍तकें पत्रकारिता से संबंधित उपलब्‍ध हैै।इस विभाग की विभागाध्‍यक्ष डॉ. रेखा रॉय है।

शिक्षा संकाय[संपादित करें]

  • बी.एड. (दो बर्षीय पाठ्यक्रम )

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "राष्‍ट्रपति‍ने अटल बि‍हारी वाजपेयी हि‍न्‍दी वि‍श्‍वविद्यालय की आधारशि‍ला रखी". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 6 जून 2013. मूल से 8 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 जून 2014.
  2. "अटल बि‍हारी वाजपेयी हि‍न्‍दी वि‍श्‍ववि‍द्यालय की आधारशि‍ला रखे जाने के अवसर पर राष्‍ट्रपति‍श्री प्रणब मुखर्जी का संबोधन". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 6 जून 2013. मूल से 8 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 जून 2014.
  3. "स्व-भाषा में शिक्षा की दिशा में मध्यप्रदेश की बड़ी छलांग (अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय)". मूल से 15 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 अक्तूबर 2013. Archived 2013-10-15 at the वेबैक मशीन
  4. "मध्यप्रदेश राजपत्र 1138(3) दिनांक 19 दिसम्बर 2011" (PDF). मूल से 1 अगस्त 2014 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 12 अक्तूबर 2013.
  5. "राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने किया उद्घाटन". मूल से 29 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 अक्तूबर 2013.
  6. "विश्वविद्यालय के आधिकारिक जालघर के अनुसार". मूल से 14 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 अक्तूबर 2013.

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]