मूरिश दीवार

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निर्देशांक: 36°08′04″N 5°20′56″W / 36.134553°N 5.348977°W / 36.134553; -5.348977

मूरिश दीवार
म्यूरॅला डे सान रेमोनडो
जिब्राल्टर की किलेबंदी का भाग
अपर रॉक नेचर रिजर्व, जिब्राल्टर
1831 का नक्शा दक्षिण जिब्राल्टर की दो सुरक्षा दीवारों मूरिश दीवार (उत्तर) और चार्ल्स पंचम दीवार (दक्षिण) को दर्शाता हुआ।
मूरिश दीवार is located in जिब्राल्टर
मूरिश दीवार
मूरिश दीवार
निर्देशांक36°08′04″N 5°20′56″W / 36.134553°N 5.348977°W / 36.134553; -5.348977
स्थल जानकारी
स्वामित्वजिब्राल्टर सरकार
जनप्रवेशहाँ
स्थल इतिहास
निर्मित1558 (1558)
निर्मातास्पेन के फ़िलिप द्वितीय

मूरिश दीवार (अंग्रेज़ी: Moorish Wall), जिसे फिलिप द्वितीय दीवार (अंग्रेज़ी: Philip II Wall) के नाम से भी जाना जाता है तथा भूतकाल में म्यूरॅला डे सान रेमोनडो (हिन्दी: सेंट रेमंड की दीवार) के नाम से संदर्भित किया जाता था, ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर में स्थित एक रक्षात्मक पर्दा दीवार है। इस दीवार का निर्माण 16वी शताब्दी में हुआ था तथा यह जिब्राल्टर की दक्षिणी किलेबंदी का हिस्सा है। इसका निर्माण कार्य वर्ष 1575 में पूर्ण हुआ था। दीवार खड़ी चट्टान के ऊपर से चार्ल्स पंचम दीवार के निचले अनुभाग के ऊपर से होती हुई जिब्राल्टर की चट्टान की ढलान पर आगे बढ़ती हुई उसके शिखर तक जाती है। यह चार्ल्स पंचम दीवार के उपरी अनुभाग के पूर्व में है तथा अब अपर रॉक नेचर रिजर्व का हिस्सा है।[1]

चार्ल्स पंचम दीवार[संपादित करें]

सितम्बर 1540 में उस्मानी साम्राज्य की सेना ने हेरादीन बार्बारोसा के नेतृत्व में जिब्राल्टर पर आक्रमण कर दिया था। इस हमले में बार्बारोसा ने सत्तर प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या को सम्राज्य का गुलाम बना लिया था।[2] चार्ल्स पंचम दीवार, जिसका मूल नाम म्यूरॅला डे सान बेनिटो (हिन्दी: सेंट बेनेडिक्ट की दीवार) था, को 1540 में दक्षिण की तरफ़ से होने वाले भविष्य के हमलो से जिब्राल्टर की चट्टान को बचाने के लिए बनाया गया था।[3] 1552 में इसका निर्माण कार्य आरंभ हुआ। इतालवी सैन्य अभियंता जियोवानी बतिस्ता कालवी ने दीवार में सुधार किए।[3] कालवी ने लगभग 280 मीटर (920 फीट) की लम्बाई वाली दीवार को इस तरह डिजाइन किया कि यह पूर्व-पश्चिम से सीधी रेखा में समुंद्री तट के पास से गुजरती हुई खड़ी चट्टान तक जाती है। एक धऋ दीवार चट्टान के शिखर से शुरू होती हुई उत्तर-दक्षिण दिशा की तरफ़ जाती है तथा वक्र रूप लेती हुई द रॉक की चोटी पर खत्म होती है।[4]

मूरिश दीवार का निर्माण[संपादित करें]

फ़िलिप द्वितीय के पास 1558 में चार्ल्स पंचम के पश्चात स्पेन का सम्राज्य आया। महाराजा फ़िलिप ने जेनोआ के अभियंता जियोवान जियाकोमो पेलेरी फ्रेटिनो को जिब्राल्टर की किलेबंदी के सुधार का काम ज़ारी रखने के लिए नियुक्त किया। अल फ्रेटिनो ने निर्णय लिया कि धऋ दीवार को परित्यक्त कर दिया जाए और कालवी की वक्र रूप वाली दीवार जिसका काम पूरा हो चुका था उसे ध्वस्त कर देना चाहिए। इसके बजाए उन्होंने सोचा कि उपरी दीवार को बना कर निचली दीवार में मिला कर चट्टान के ऊपर से द रॉक के शिखर तक ले जाना चाहिए। अल फ्रेटिनो की उपरी दीवार का काम 1575 में पूरा हो गया जो कालवी की वक्र दीवार के उत्तर में थी।[4] यह जिब्राल्टर की चट्टान की ढलान पर होती हुई सिग्नल स्टेशन तक जाती है।[4]

सन्दर्भ[संपादित करें]

ग्रन्थसूची[संपादित करें]

  • Chipulina, Neville (2012). "1740 - Skinner's Moorish Wall". मूल से 31 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 नवम्बर 2012.
  • Drinkwater, John (1786). A history of the late siege of Gibraltar: With a description and account of that garrison, from the earliest periods. Printed by T. Spilsbury. पृ॰ 28. अभिगमन तिथि 11 नवम्बर 2012.
  • Finlayson, Clive; Fa, Darren (31 अक्टूबर 2006). The Fortifications of Gibraltar 1068-1945. Osprey Publishing. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-84603-016-1. अभिगमन तिथि 11 नवम्बर 2012.[मृत कड़ियाँ]
  • "Gates & Fortifications". About Our Rock. Rock Interactive Co. Ltd. मूल से 1 नवंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 नवम्बर 2012.
  • "Gibraltar". Fortified Places. मूल से 4 नवंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 नवम्बर 2012.
  • Gilbard, George James (1888). A popular history of Gibraltar, its institutions, and its neighbourhood on both sides of the straits, and a guide book to their principal places and objects of interest ... Garrison Library. अभिगमन तिथि 11 नवम्बर 2012.
  • "Historical Gibraltar Attractions". Gibraltar Information. मूल से 29 अगस्त 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 नवम्बर 2012.