कर्नाटक का स्थापत्य

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

प्राचीनकाल से कर्नाटक का स्थापत्य (कन्नड़: ಕರ್ನಾಟಕ ವಾಸ್ತುಶಿಲ್ಪ) इसके दक्षिणी नियोलिथिक और शुरूआती लौह युग से से आरम्भ होता है जिसने धार्मिक-सांस्कृतिक रूप से वास्तुशिल्प वैचारिक और उपयोगितावादी परिवर्तन देखे।[1]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर