निश्चुताश्म

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कन्दरा की छत से टपकता हुआ जल फर्श पर धीरे-धीरे एकत्रित होता रहता है। इससे फर्श पर भी स्तंभ जैसी आकृति बनने लगती है। यह विकसित होकर छत की ओर बढ़ने लगती हैं। धीरे धीरे ये एक स्तम्भ के रूप में फर्श से छत तक सीधे लग जाते हैं।इस प्रकार की स्थलाकृति को निश्चुताश्म कहते हैं।