राष्ट्रीय बाल भवन

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[राष्ट्रीय बालभवन] : जवाहर लाल नेहरु द्वारा 1956 नें इसकी स्थापना 5-16 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए की गई थी | यह [[मानव संसाधन विकास मंत्रालय]] द्वारा पूर्णतः वित्तपोषित है। [राष्ट्रीय बालभवन] का लक्ष्य है कि वर्तमान में स्कूल आयु वर्ग के 30 करोड़ बच्चों के दृष्टिगत 2020 तक वैश्विक ज्ञान के अग्रेता के रूप में भारत का भविष्य तभी संरक्षित है, जब हम प्रत्येक बच्चे में सृजनात्मक एवं क्षमता का सम्पोषण कर सकें । राष्ट्रीय बाल भवन के संस्थापक श्री जवाहर लाल नेहरू ने महसूस किया था कि इस लक्ष्य को सुनिश्चित करने के लिए बाल भवन बच्चे के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास में औपचारिक शिक्षा प्रणाली में काफी कम संभावना है। उन्होंने इस कमी की संपूर्ति में राष्ट्रीय बाल भवन को एक पर्याय के रूप में बच्चों की जिज्ञासा और कल्पना को संपोषित किया, उन्हें बाल्यकाल का आनन्द एवं उत्साहपूर्ण अध्ययन में मदद की है । बालभवन संस्थानिक आन्दोलन है. जो आज बच्चों को भावी सृजनशील चिन्तक, डिजाईनर, वैज्ञानिक, नेता, राष्ट्रभक्त एवं जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में सतत प्रयत्नशील हैं, जो समाज में अपना योगदान दे सकें ।

विशेषताए[संपादित करें]

॰ बच्चों की सृजनात्मक क्षमता बड़ाना।