विकिपीडिया:चौपाल/पुरालेख 011

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

मंत्रिमंडल लिखिए मंत्रीमंडल नहीं[संपादित करें]

यह ध्यान पहले भी दिलाया गया है मेरे द्वारा पर इसे अभी तक ठीक नहीं किया गया। इसका आशय है कि विकी पर मेरे द्वारा गलती बताना आप लोगों को अच्छा नहीं लगता है। यह गुण विद्वता का परिचायक नहीं होता है। विकी जैसे बड़े फलक पर कार्य करने वालों को बहुत उदार और प्रबंधकीय गुण से युक्त होना चाहिए। जो गलती बताये उसकी उपेक्षा करने जैसा व्यवहार करना कृतघ्नता कहलाती है। गलतियों को सुधार लेने से लेख अच्छा ही बनेगा फिर वह लेख किसने बनाया है यह प्रमुख नहीं है लेख अच्छा हो, स्तरीय हो यही हमारा उद्देश्य होना चाहिए।
--आलोचक ०९:३५, २ जून २००९ (UTC)


आवश्यक सूचना[संपादित करें]

सभी सदस्यों, योगदानकर्ताओं और प्रबन्धकों को बधाई जिनके निरंतर प्रयत्नों से हिन्दी विकिपीडिया में गहराई 9 तक पहुँची है। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

इस समय हिन्दी विकिपीडिया विश्व के २६४ भाषाओं के विकिपीडियाओं में 49वें स्थान पर है और इसमें 29614 लेख हैं। हिन्दी विकिपीडिया का प्रारंभ २००३ में हुआ था पर २००६ तक इसकी गति बहुत धीमी रही। इसमें ५००० से कम लेख थे और यह १०१वें स्थान पर था। पिछले २ सालों में हिन्दी विकि की गति में तेज़ी आई है। आजकल कई सदस्य बहुत सक्रिय हैं। पूर्णिमा वर्मन, डा. जगदीश, दिनेश स्मिता, आशीष भटनागर, रोहित, गुंजन वर्मा, प्रियंका, आलोचक, इवियन, इसमें से कुछ नाम हैं। ये सभी सदस्य बहुत ही अच्छा काम कर रहें हैं।

सभी की दिशा एवं कार्य करने के तरीके में बहुत फर्क है। यह स्वाभाविक भी है। बहुत ही अच्छा हो अगर साल के कुछ दिन यदि हम मिलकर कोई उद्देश्य लेकर कार्य करें। इस प्रकार हम हिन्दी विकि की एक-एक कमी को बहुत जल्दी ही दूर कर सकेंगे। हिन्दी एक विशाल जनसमुदाय द्वारा बोली जानी वाला समृद्धशाली भाषा है परन्तु इसमें लेखों की संख्या छोटी-छोटी क्षेत्रीय भाषाओं से भी कम हैं। काश! ऐसा होता कि इस साल कुल लेखों की संख्या एक लाख तक पहुँचा देते। अनेक नगरों, जिलों व्यक्तियों आदि पर लेख अभी हिन्दी में नहीं है इस दिशा में काम किया जा सकता है। गुणवत्ता की दिशा में भी हम आगे बढ़ रहे हैं। आज का आलेख में चयनित लेखों की संख्या 101 हो चुकी है। 12 निर्वाचित लेख हैं जो हर दृष्टि से उत्कृष्ट हैं।

लेकिन संख्या भी महत्वपूर्ण है। हम सभी सक्रिय सदस्य यदि रोज 100 एक पंक्ति के लेख तैयार करें तो सदस्यों की संख्या के अनुसार लेखों की संख्या गुणात्मक रूप से बढ़ेगी। इस समय हिन्दी विकि में लेखों की संख्या अपने निकटतम Macedonian भाषा के विकि से लगभग १००० लेख पीछे है। इसे पार करने में तो १ दिन का भी समय नहीं लगेगा। यह एक छोटा उद्देश्य है, आइए हम सभी सक्रिय सदस्य मिलकर चर्चा करें एवं उसके आगे बढ़ते हैं। --Munita Prasadवार्ता १४:३५, ८ मई २००९ (UTC)

मिलकर काम करने को ही परियोजना कहा जाता है। मैंने तो कई बार यहां बताया कि मैं फलां दिशा में कार्य कर रहा हूं, कोई आना चाहे तो वॉलंटियर का स्वागत है। किंतु आना तो दूर की बात, यहां कोई ये तक नहीं बताता, कि वो क्या काम कर रहा है। कोई खास लेख पूरा हो जाने की सूचना यहां देने की आवश्यकता को भी कोई नहीं समझता है, जिससे कि अन्य सदस्यों का उस पर ध्यान जाए, व चाहें तो अपनी टिप्पणियां, सुधार इत्यादि कर पाएं। इस का क्या कारण है, समझ में नहीं आता, किंतु पिछले कारणों को भूल कर हम एक नई शुरुआत करें, तो भी बहुत कुछ कर सकते हैं। भारत के बहुत से शहरों के लेखों को मैंने बढ़ाया है, और ढेरों को आगे भी बढ़ा रहा हूं। इससे पहले पदम भूषण धारकों के लेख बनाअए थे, जो कि एक पूरी की पूरी श्रेणी थी। इसके साथ ही भारत के सभि भाषाओं के टी वी चैनलोम के लेख बनाए। इस ही प्रकार अधिकांश सदस्य कोई एक एक विषय अपनी पसंद से चुन कर एकाग्रता से उस से बंध कर पूरे लेख बनाएं (कोई बढ़ाई की बात नहीं कर रहा, और बहुत से सदस्यों ने सिसे काम किए हैं), तो हिन्दी का विकास तो होगा हि, साथही देशा सहित होगा। अनेक दिशाओं में एक साथ होगा।--आशीष भटनागरसंदेश १५:२८, ८ मई २००९ (UTC)

हिन्दी विकि परियोजना को आगे बढ़ाने के कुछ उपाय[संपादित करें]

आशीष भटनागर जी आप ठीक कह रहें है। मुझे तो लगता है की १०-१२ सदस्यों को छोड़कर बाकी से सक्रिय सदस्य तो चैपाल पृष्ठ को खोलकर भी नहीं देखते होंगे। केवल हम ही १०-१२ लोग हैं जो यहाँ समस्याओं पर विचार करने के लिए कुछ लिखते हैं। बहुत से सदस्य, विशेष रूप से नए, तो बस अंग्रेज़ी के लेखों से सीधा कॉपी-पेस्ट करने में लगें हुए हैं। हमें इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए की केवल लेखों की संख्या बढ़ाना ही हमारा लक्ष्य नहीं होना चाहिए, वरन उनकी गुणवत्ता पर भी ध्यान देना चाहिए। अब यदि किसी कों अंग्रेजी में ही वो लेख पढ़ना है तो वो अंग्रेजी का लेख ही ना पढ़ ले। यदि कोई कॉपी-पेस्ट करता भी है तो धीरे-धीरे उसे हिन्दी में अनुवादित भी करता रहे, तब तो फायदा है, अन्यथा ऐसे लेख हिन्दी विकिपीडिया की गुणवत्ता को कम ही करते हैं। अब जैसे किसी ने एक लेख बनाया था, भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची, और नीचे पूरा अंग्रेजी में है। कुछ तो मैंने अनुवादित कर दिया है लकिन वह बहुत बड़ा लेख है और उस पर धीरे-धीरे ही काम हो सकता है। इसलिए उस लेख को बनाने वाले से निवेदन है की उसका अपने समयानुसार अनुवाद करता रहे। ऐसे ही मैने दिनों और वर्षों से संबंधित लेखों के लिए भी सुझाव दिया था। लेकिन उस पर अमल करना तो दूर, शायद २-३ लोगों से अधिक किसी ने उसे पढ़ा तक नहीं होगा।

और दूसरी बात १-२ पंतियों वाले लेख कहाँ से मिलेंगे। इसके लिए मेरा एक और सुझाव है। हम लोग सिम्पल इंग्लिश विकिपीडिया के लेखों का अनुवाद कर सकते है। इसके लेख बिल्कुल वैसे ही हैं जैसा मैने कुछ सप्ताह पूर्व सुझाव दिया था। यानी की इसके अधिकतर लेख ३,४ या ५ पंक्तियों वाले हैं और अंग्रेजी भी बहुत सरल हैं, और इसके इसके छोटे लेखों पर भी चित्र लगे होते हैं। यदि हम लोग या कुछ सदस्य भी केवल इस विकिपीडिया के लेखो का अनुवाद करते रहें तो हिन्दी के लेख भी जल्दी-२ बढ़ेगे और गुणवत्ता के साथ। सिम्पल इंग्लिश तक के लेख हिन्दी विकिपीडिया से लगभग दोगुने हैं।

इसलिए मेरे तो फिलहाल यही सुझाव हैं, ध्यान देना या ना देना बाकी सदस्यों पर हैं।

और जहाँ तक मेरे काम का प्रश्न है, तो मैं तो अपने लेखों को जितना हो सके पूर्ण बनाने का प्रयास करता हूँ। यदि मैं कोई भी नया लेख बनाता हूँ तो मेरा प्रयास यही रहता है की वह पढ़ने वाले को थोड़ी ही सही लेकिन कुछ जानकारी तो दे। और मेरे लगभग सभी लेखों पर दूसरी भाषाओं के लेखों के लिए भी लिंक मिलेंगें, और मैं अपने हिन्दी के नए बनाए लेख का लिंक कम से कम ४-५ प्रमुख भाषाओं पर देता हूँ, जैसे अंग्रेज़ी, जर्मन, फ्रांसीसी, रूसी, जापानी इत्यादि। कृप्या अन्य सदस्य भी ऐसा ही करें। --रोहित रावतसंदेश १६:३५ ०९ मई, २००९ (IST)

चौपाल पर शुद्ध हिन्दी लिखने का अनुरोध[संपादित करें]

चौपाल पर सभी सदस्य शुद्ध लिखने का प्रयास करें। कुछ ही शब्द हैं जिन्हें बार-बार लिखा जाता है, यदि एक बार शुद्ध लिखने का अभ्यास कर लें तो फिर गलती नहीं होगी। मैं इन गलतियों को सुधार नहीं रहा हूँ बल्कि दोनों रूप लिख रहा हूँ। आप अपने लेख की गलतियों को स्वयं सुधार लें।
हि > ही
सभि > सभी
बनाअए > बनाए
चैनलोम > चैनलों
बंध > बँध

सिसे
साथही > साथ ही

की > कि
पंतियों वाले लेख > पंक्तियों वाले लेख
यानी की > यानी कि
कृप्या > कृपया
अनुवादित > अनूदित

--आलोचक १५:४०, ९ मई २००९ (UTC)

कृप्या सही शब्द है नाकी कृपया। आप चाहें तो किसी हिन्दी विद्वान से पूछ सकते हैं या सरकारी वेबसाइट की सहायता ले सकतें हैं। --रोहित रावतसंदेश २१:४५ ०९ मई, २००९ (IST)

रोहित जी अब तक गलत लिखते रहे हो, अब सही लिखना सीख लीजिए। कृप्या कोई शब्द नहीं होता है कृपया शब्द है। सही बातों के लिए बहस नहीं की जाती है जब जानकारी हो जाए तब से उसे अपना लेना चाहिए। --आलोचक १६:२९, ९ मई २००९ (UTC)

क्या यह पृष्ठ विकी परियोजना के अर्न्तगत आता है, अगर नहीं तो कृपया इसे हटाया जाएँ --गुंजन वर्मासंदेश १७:०५, ९ मई २००९ (UTC)

मेरा नाम कमलेश भट्ट कमल है। यदि आप हिन्दी साहित्य से जुड़े हैं तो संभवतः मेरे नाम से परिचित होंगे। विकिपीडिया को समय समय पर देखता रहा हूँ। बहुत अच्छा कार्य हिन्दी के क्षेत्र में यहाँ किया जा रहा है। ध्यान इस बात का रखना है कि हिन्दी का मानक और शुद्ध रूप सुरक्षित बना रहे।
--कमलेश भट्ट कमल ०४:३६, १० मई २००९ (UTC)

सभी प्रबंधको एवं सदस्यों की तरफ से आपका स्वागत है कमलेश जी। हिन्दी के विकास में हम अपनी भुमिका तो निभा ही रहे हैं आप जैसे ज्ञानी व्यक्ति यदि यहाँ कुछ समय बिताएँ तो हमारा मार्गदर्शन एवं उत्साह वर्धन होगा। आशा है आप भविष्य में कुछ योगदान करेंगें एवं हमारी विकि और बेहतर होगी।

--Munita Prasadवार्ता ०६:०८, १० मई २००९ (UTC)

अनुवादित[संपादित करें]

यह शब्द कई स्थानों पर प्रयोग होता देखा गया है, जिसे कई बार गलत भी बताया गया है। इसको मैंने कुछ शब्दकोषों में खोजा, तो सही मिला, इसके साथ ही अनूदित भी मिला। इनमें से एक मानक शब्दकोष है डॉ॰हरदेव बाहरी का अंग्रेज़ी-हिन्दी शब्दकोष जिसमें मुझे translated के दोनों ही अर्थ मिले: अनुवादित एवं अनूदित। [1] इस प्रकार मेरे विचार से दोनो ही शब्द सही होने चाहिए। यह शब्दकोष मानक शब्दकोषों में आता है, साथ ही इसका पुराना संस्करण देखा है, जिसासे कि ये ना हो, कि नया शब्द समाविष्ट किया गया है। शेष विद्वान सदस्यों की राय का स्वागत है। --आशीष भटनागरसंदेश ०८:३२, १० मई २००९ (UTC)

कृपया इस पृष्ठ को हटाएँ[संपादित करें]

कृपया इस पृष्ठ आजाद सिंह चाहर को हटाएँ --गुंजन वर्मासंदेश ०८:४३, १२ मई २००९ (UTC)

हिन्दी विकिपीडिया[संपादित करें]

मैं इस लेख को और अधिक जानकारीपरक बनाना चाहता हूँ। मेरे मन में ये विचार आया है की हिन्दी विकिपीडिया के महत्वपूर्ण पड़ावों पर कौन-२ से लेख लिखे गए थे उनके लिखे जाने का दिन, मास, और वर्ष भी इस लेख पर लिखा जाए, यानी कि जैसे १००वाँ लेख कौनसा था, १,०००वाँ फिर १०,०००वाँ इत्यादि-२। क्या ये कहीं से पता चल सकता है? इसके अतिरिक्त भी अन्य जानकारियाँ मिल जाएँ तो लेख और अच्छा लगेगा। धन्यवाद। रोहित रावत १५:३२, १२ मई २००९ (UTC)

  • 9 मई 2009, हिन्दी विकि का 30,000 लेख
  • 29 मई 2008, हिन्दी विकि का 20,000 लेख
  • 6 दिसम्बर 2007, हिन्दी विकि का 15,000 लेख
  • 14 मार्च 2007, हिन्दी विकि का 10,000 लेख
  • 16 जनवरी 2007, हिन्दी विकि का 5,000 लेख
  • 25 जनवरी, 2005, 1000 लेख

--Munita Prasadवार्ता १६:५८, १२ मई २००९ (UTC)

संस्कृत विकिपीडिया से मदद की पुकार[संपादित करें]

Mahitgar १५:३७, १२ मई २००९ (UTC)

साँचा:भारत के जिले[संपादित करें]

उपरोक्त साँचा:तैयार है। सदस्यों से आग्रह है, कि वे कोई भी जिले का लेख संपादित करें तो कृपया उसके नीचे {{भारत के जिले}} लगा दें। सधन्यवाद।--आशीष भटनागरसंदेश १८:१३, १२ मई २००९ (UTC)

सभी सदस्यों की तरफ से आपको धन्यवाद। --Munita Prasadवार्ता ०२:५९, १३ मई २००९ (UTC)
इसमें धन्यवाद की आवश्यकता नहीं है। मैंने इसकी कमी देखी तो बनाया। हां हर जिले के लेख के नीचे ये साँचा लगाना एक ही सदस्य के लिए मुश्किल होगा। इसलिए ये अनुरोध किया है।--आशीष भटनागरसंदेश ११:१२, १३ मई २००९ (UTC)

कृपया इस पृष्ठ को हटाएँ[संपादित करें]

कृपया इन पृष्ठ अनुश्का कपूर , तनुश्री कपूर को हटाएँ --गुंजन वर्मासंदेश ०७:२२, १३ मई २००९ (UTC)


११ मई २००९ को आज का आलेख में लेखों की संख्या १०० हो गई। इस पड़ाव पर पहुँचने पर सभी प्रबंधको एवं सदस्यों को बधाई। आज का आलेख का १०० वां लेख जो मुखपृष्ठ पर प्रकाशित हुआ, वह संजीवनी था। --Munita Prasadवार्ता ०५:१०, १४ मई २००९ (UTC)

कृपया इस पृष्ठ को हटाएँ[संपादित करें]

कृपया इस पृष्ठ स्तन्‎ को हटाएँ --गुंजन वर्मासंदेश ०५:२१, १९ मई २००९ (UTC)

साँचा सहायता[संपादित करें]

साँचा:Glycolysis साँचा:ग्लाइकोलिसिस को बनाने में मुझसे कुछ गड़बड़ हुई है कृपया साँचा के विशेषज्ञ जी लोग सहायता करें। यह साँचा विकि के एक महत्वपूर्ण लेख कोशिकीय श्वसन से जुड़ा हुआ है। --Munita Prasadवार्ता ०७:४६, २० मई २००९ (UTC)

२५,००० लेख[संपादित करें]

हिन्दी विकिपीडिया पर लेखों की संख्या २५,००० किस दिन पहुँची थी? कृप्या कोई मुझे बताने का कष्ट करे। धन्यवाद। रोहित रावत १५:३२, २० मई २००९ (UTC)

कृपया शब्द[संपादित करें]

कृपया "कृप्या" शब्द को सही कर के लिख लीजिए। इसका सही रूप है "कृपया"। आपको पहले भी यह गलती बताई गई है फिर भी आप गलत ही लिख रहे हैं, शायद जानबूझ कर। भरोसा नहीं हो तो किसी शब्दकोश (शब्दकोष नहीं) में देख लीजिए। --आलोचक ०३:४०, २१ मई २००९ (UTC)


भारतीय रेलगाड़ियों की जानकारी
आशीष भटनागर द्वारा दी जा रही भारतीय रेलगाड़ियों की जानकारी बहुत महत्त्वपूर्ण है। आपके परिश्रम का सम्मान किया जाना चाहिए। --आलोचक ०२:४९, २१ मई २००९ (UTC)

कुछ सहयोगी वेबस्थल[संपादित करें]

कुछ समय पश्चात हिंदी विकिपीडिया में लिख रहा हुं। मैने इस समय में हिंदी विकिपीडिया के निमित्त सहायक सिद्ध हो सकने वाले कुछ वेबसामाग्री खोजा है, जिन में से प्रमुख कुछ सामाग्री को मै चौपाल में रखना चाहता हुं-

  • नश्तलीक से देवनागरी लिप्यान्तरण के निमित्त जालस्थान है, जिसके प्रयोजन से हम उर्दू विकिपीडिया से नजदीकी संपर्क कर सकते है और साथ ही में मध्य-पूर्व तथा इरान से संबंधित अरबी लिपि में लिखित लेख (जैसे कि साउदी अरब के जिले, इराक के जिले आदि)को उन्ही के उच्चारण में जान और लिख सकते है। यह जालस्थल इस प्रकार है-
  • गूगल ट्रान्सलेट जो अभी बहुत ही प्रारंभिक अवस्था में है। इसके प्रयोजन से हम अंग्रेजी विकिपीडिया के लेखौं को, मुख्य रुप से तिथि व वर्ष से संबंधित लेख (जो अभी भी रिक्तप्रायः अवस्था में है और जिन्हे साधारण भाषान्तरण के माध्यम से अंग्रेजी विकिपीडिया से हिंदी में ट्रान्सलेट किया जा सकता है) को परिमार्जित कर सकेंगे।
  • एन आइ सि के विभिन्न वेबसाइट विशेषकर जिला वेबसाइट से लिङ्क होने वाले साइट बढ्ती संख्या में हिंदी में उपलब्ध हो रहे है। विशेषकर उत्तराखण्ड, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ आदि नयें राज्य के वेबसाइट युनिकोडित हिंदी में उपलब्ध हो रहे है। इन वेबसाइट से हम भारत के विभिन्न स्थान के लेखौं को निर्माण व परिमार्जन कर सकते है।

हिंदी विकिपीडिया में जो वेग आ रहा है वह बहुत प्रसन्नता की बात है। इस गतिको अगर हम इन यान्त्रिक एवं वेब में उपलब्ध अन्य माध्यमौं के प्रयोग के साथ आगे बढें तो मेरे विचार में और भी उचित होगा। धन्यवाद।--युकेश ०८:२५, २२ मई २००९ (UTC)

इस वार्ता को पूरी होने के बाद उपरोक्त सांचे के वार्ता पर स्थानांतरित कर दिया गया है।--आशीष भटनागरसंदेश ०५
५५, २९ मई २००९ (UTC)

हिन्दी फिर से ४८वें स्थान पर पहुँच गई है, यह सब आप सभी के भागीरथ प्रयास से संभव हुआ है। सभी को बहुत बहुत वधाई।
--डा० जगदीश व्योम ०३:०४, २५ मई २००९ (UTC)

हाँ हम फिर से ४८वें स्थान पर तो आ गए हैं लेकिन हमें अपना प्रयास जारी रखना चाहिए, क्योंकि मैसिडोनियाई पहले भी बहुत पीछे थी लेकिन फिर एकदम आगे निकल गई थी। रोहित रावत ०५:५८, २५ मई २००९ (UTC)

सभी लोग कृपया ध्यान दें, बंगलुरु शहर का वर्तमान नाम बंगलुरु है, जिसका पुराना नाम बंगलौर था। बैंगलुरु, बांगौरुर, बांगलोर, इत्यादि गलत वर्तनी हैं। कृपया बंगलुरु, अन्यथा कम से कम बंगलौर प्रयोग करें। कहीं गलत दिखे तो सुधार भी दें, गलती किसी से भी हो सकती है, किंतु सुधार भी कोई भी कर सकता है।--आशीष भटनागरसंदेश ०८:३५, २६ मई २००९ (UTC)

कुछ जिज्ञासा[संपादित करें]

प्रिय ​विकिकोशकार ​​​​मित्रों,

मैं एक नया सदस्‍य हूं। जानना चाहता हूं ​कि ,​विकिपी​डिया के लेखों के ​लिए :–

१. हम बाजार में ​विषय ​विशेष पर उपलब्‍ध पुस्‍तकों का, जो ​कि कॉपीराइट द्वारा संर​क्षित हों, ​किस सीमा तक संदर्भ ले सकते हैं। क्‍या हम उनके द्वारा ​दिये गये तथ्‍यों का उपयोग कर सकते हैं? या ​फिर क्‍या हम उनके मत को इस प्रकार ​लिख सकते हैं ​कि: अमुक लेखक या ​विद्वान् के मत में आ​दि।

२. कॉपीराइट में आने वाली पुस्‍तकों से जानकारी का उपयोग करने के ​लिए अनुम​ति लेने का क्‍या तरीका है?

३.क्‍या हम समाचार पत्रों के समाचारों से जानकारी लेकर, ​उसका उपयोग करते हुए साथ में स्रोत के रूप में उनका उल्‍लेख कर सकते हैं? तथा समाचार पत्रों में प्रका​शित अन्‍य ज्ञानवर्धक लेखों से जानकारी का उपयोग करने का क्‍या सही तरीका होना चा​हिए?

कृपया अनुभवी सदस्य जानकारी दें। यदि यह स्थान ऐसे प्रश्नों के लिए नहीं होता तो लगे हाथों क्षमा भी कर दें।

धन्यवाद।

-Hemant wikikosh ०९:५१, २९ मई २००९ (UTC)

उत्तर

१ हाँ आप बाज़ार में उपलब्ध किसी भी विषय से संबंधित पुस्तक का संदर्भ ले सकतें हैं। हाँ इस बात का ध्यान रखें की जैसा किसी पुस्तक में दिया गया है वैसा पूरा का पूरा न छापें बल्कि उसमें अपनी समझानुसार कुछ बदलाव भी कर दें जिससे वह लेख विकिपीडिया पर लिखने योग्य हो जाए। यदि कोई कॉपीराइट वाली पुस्तक है तो अपने लेख में संदर्भ अनुभाग में उस पुस्तक के या अपने किसी भी स्रोत के बारे में लिख दें। स्रोत कोई संजाल पृष्ठ (वेबसाइट) भी हो सकता है।

२ इसके बारे में मुझे नहीं पता लेकिन तरीका शायद यही है की जो भी स्रोत है उसके बारे में संदर्भ में अवश्य लिख दें।

३ हाँ-२ बिल्कुल समाचार पत्रों से तो जानकारी ली ही जा सकती है। आखिर वहीं से तो हम लोग बहुत से विषयों पर अपनी बहुत सी जानकारी प्राप्त करते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि लेख लिखते समय उसे समाचार की तरह न छापें बल्कि किसी भी समाचार/घटना के बारे में एक बार पढ़ लें, फिर उसे समझने का प्रयास करें और फिर लेख में इस प्रकार लिखें कि वह समाचार देने वाला नहीं बल्कि उस घटना के बारें में जानकारी देने वाला लगे। इसके लिए उसी समाचार/घटना के बारे में अन्य समाचापत्रों-पत्रिकाओं, या विभिन्न वेबसाइटों पर से भी जानकारी एकत्रित कि जा सकती है।

आपको क्षमा माँगनें की आवश्यकता नहीं है, यह स्थान ऐसे ही प्रश्नों के लिए है। भविष्य में भी यदि कभी किसी बात पर संदेह हो तो आप अपने प्रश्न यहाँ पूछ सकते हैं। और अंत में एक महत्वपूर्ण बात ये कि न केवल लेखों की संख्या बढ़ानें पर ध्यान दें बल्कि उनकी गुणवत्ता पर भी ध्यान दें। अभी हिन्दी विकिपीडिया की गहराई ९ ही है, जो बहुत कम है। गहराई किसी विकिपीडिया की गुणवत्ता से संबंधित है। गहराई अधिक से अधिक संपादनों से भी बढ़ती है। इसलिए किसी लेख पर तब तक सुधार करतें रहें जब तक कि यह न लगें कि वह उस विषय सें संबंधित कुछ जानकारी देने योग्य बन गया है। हाँ बहुत से लेख एक साथ आरंभ किए जा सकते हैं लेकिन समय-२ पर अपने उन लेखों कि देखते रहें और उन पर जानकारी लिखते रहें, केवल एक नया पृष्ठ बनाकर, जिसपर उस पृष्ठ के नाम के अतिरिक्त कुछ ना हों, ना छोड़ दें।

रोहित रावत १०:३६, २९ मई २००९ (UTC)

हेमंत जी के प्रश्नों का बहुत अच्छा उत्तर रोहित ने दिया है। साथ में ये और जोड़ना चाहूंगा, कि आप संदर्भ के लिए {{cite}} प्रयोग करें। प्रयोग उदाहरण के लिए [2] देखें। और लेख के सबसे नीचे संदर्भ शीर्षक के नीचे {{reflist}} लगाना ना भूलें। कोई भी लेख देखें, जिनमें संदर्भ जोड़े गए हों। किसी भी पुर्तक आदि का संदर्भ देने के लिए किसी कॉपीराइट अनुमति की आवश्यकता नहीं होती। हां यदि आप उस का कोई अंश जैसे का तैसा प्रयोग कर रहे हैं, तब अवश्य होती है। वहां आप संदर्भ में ई-मेल से प्राप्त अनुमति पेस्ट कर सकते हैं ref लगा कर। चौपाल पृष्ठ बना ही चर्चा के लिए है। आप बेधड़क हो कर चर्चा कीजिए। हां किसी खास सदस्य से पूछना चाहें, तो उसकी वार्ता पर पूछें।--आशीष भटनागरसंदेश ०३:४८, ३० मई २००९ (UTC)
  1. बाहरी, डॉ॰ हरदेव (१९९६), अंग्रेज़ी-हिन्दी शब्दकोश, प्रथम (ग्यारहवां संस्करण), कश्मीरी गेट, नई दिल्ली: राजपाल एण्ड संस
  2. बाहरी, डॉ॰ हरदेव (१९९६), अंग्रेज़ी-हिन्दी शब्दकोश, प्रथम (ग्यारहवां संस्करण), कश्मीरी गेट, नई दिल्ली: राजपाल एण्ड संस

रोहितजी व आशीषजी, जानकारी के लिए धन्यवाद। आपके मूल्यवान् सुझावों को अमल में लाने का प्रयास रहेगा।

-Hemant wikikosh ०४:३८, १ जून २००९ (UTC)

मंत्रिमंडल होना चाहिए ----
उपर्युक्त लेख सूची सहित तैयार है। इस को सदस्य अद्यतन कर सकते हैं। साथ ही मंत्रियों एवं मंत्रालयों को प्रयोग भी कर सकते हैं।--आशीष भटनागरसंदेश ०४:१३, ३० मई २००९ (UTC)

चिन्ह को सही करके लिखिए[संपादित करें]

चिन्ह की जगह पर "चिह्न" लिखें। "चिन्ह" शब्द गलत है। इसे सही करते ही कड़ियाँ लाल हो जाती हैं इसलिए पहले से ही इसे सही रूप में लिखिए तो ठीक रहेगा।
मंत्रीमंडल भी गलत लिखा हॅ लिखा है, इसे मंत्रिमंडल कर दीजिए
--आलोचक ०५:०१, ३१ मई २००९ (UTC)

अति महत्वपूर्णः हिन्दी विकिपीडिया मुखपृष्ठ[संपादित करें]

आज के मुखपृष्ठ पर आज का आलेख वाले स्थान पर खाली स्थान आ रहा है, संपादक कृपया इसे देखें और शीघ्र सुधार करें। रोहित रावत ०७:२१, ३१ मई २००९ (UTC)

रोहित जी इस गलती को ठीक कर दिया गया है । ध्यान दिलाने के लिए धन्यवाद । --अमित प्रभाकर १६:३१, ३१ मई २००९ (UTC)

असभय भाषा: तुरंत हटाया जाए[संपादित करें]

मम्मि की चाटना, इस लेख को तुरंत हटाकर इसके लिखने वाले को हिन्दी विकिपीडिया पर प्रतिबंधित कर दिया जाए। रोहित रावत १३:३९, १ जून २००९ (UTC)

आज का आलेख, स्तंभ में उपरोक्त लेख २८ मई को पहले भी प्रदर्शित होने के बाद दोबारा १ जून को मुखपृष्ठ पर आ गया। संबंधित प्रबंधक कृपया इसका ध्यान रखें। कि मात्र २ दिन के बाद तीसरे दिन ही लेख दोबारा ना दिखाई दे।--आशीष भटनागरसंदेश १५:२५, १ जून २००९ (UTC)

आज का आलेख के विषय में निरंतर बाधाएँ और बहस के कारण काम को जारी रखना कठिन हो रहा है। हम कुछ दिनों की छुट्टी पर जा रहे हैं। 6 जून तक के लेख तैयार हैं। आगे का काम उपस्थित सदस्य जारी रख सकते हैं। --Munita Prasadवार्ता ०६:३१, ४ जून २००९ (UTC)--पूर्णिमा वर्मन ०६:३५, ४ जून २००९ (UTC)

प्रतिक्रिया[संपादित करें]

""जिसे कैल्शियम का सही उच्चारण तक नहीं आता हो, वो दूसरे के हर लेख को स्तरहीन कहने का अधिकारी कबसे हो गया?मात्र एक पेड़ पर चढ़ी हुई बेल(क्लाइम्बर) की तरह कार्य करते हुए, आप अपनी वाणी को सीमित रखें तो अच्छा होगा। कभी स्वयं निर्मित संदेश भी लिखा करें। सदा अंध समर्थन से काम नहीं चलता, मात्र छवि ही खराब होती है। पूर्णिमा जी जो कहें, स्तरहीन या कुछ भी, माना जा सकता है। आपका अभी इस क्षेत्र में स्वतंत्र अस्तित्व ही क्या है, जो आप मेरे लेखों को एक सिरे से स्तरहीन कहती रहती हैं। आज तक एक भी लेख स्वतंत्र लिखा है क्या?""
यह टिप्पणी एक ऐसे व्यक्ति की है जो विकी पर प्रबंधक की हैसियत से काम कर रहा है। परन्तु भाषा से लग रहा है कि इन महाशय ने अपने को बड़ा विद्वान और तानाशाह समझ लिया है। कौन काम करना चाहेगा इस तरह की टिप्पणी के बाद। "कैल्शियम" का सही उच्चारण नहीं आना उतना ही बडा दोष है जितना मंत्रीमंडल, भि, चिन्ह, कृप्या .... जैसे गलत शब्द बार बार लिखना....... पन्नो की संख्या मात्र बढाते रहना कोई बहुत बडा हुनर नहीं है। विकी को बहुत बडा नुकसान पहुँचा रहे हैं आजकल आशीष...... मुनिता के लिए ऐसी भाषा का प्रयोग करना मानसिक उद्दंडता का परिचायक है। आज पूर्णिमा वर्मन और मुनिता ने काम बन्द किया है कल और लोग भी बन्द कर देगें। अभी समय है अपनी आदत सुधारिये..... विकी के लिए कोई भूखा नहीं बैठा है सबके पास अपने अपने काम हैं फिर भी अपनी भाषा के प्रति प्रेम के कारण सभी अपना कीमती समय यहाँ दे रहे हैं..... कई लोग यहाँ ऐसे हैं जिनके सामने आप बहुत बौने हो सकते हैं पर और कोई यहाँ इस तरह की बातें नहीं लिख रहा है....... विकी आपकी नहीं है यह जन सामान्य के लिए है ....... और हाँ अपनी गलती मान लेना और विनम्र बनना बड़प्पन का प्रतीक है और इस तरह का अहंकार मूर्खता की निशानी है...... आपने अपने सारे परिवार के फोटो विकी पर डाल रखे हैं.... क्या औचित्य है इसका?............???....... विकी को मैं भी छोड रहा हूँ ....... क्योंकि यहाँ गलतियों को बताने पर कुतर्क करते हुए मैंने पहली बार देखा है......
--आलोचक १२:४७, ४ जून २००९ (UTC)

नमस्कारआलोचक जी!
आपने समय समय पर मेरी प्रशंसा की है। उसका धन्यवाद तो क्या दूं। किंतु इस संदेश का उत्तर देना आवश्यक समझता हूं। प्रथम तो बिना पढ़े ही मैं क्षमा मांगता हूं, जिस बात का आपको इतना बुरा लगा, चाहे वो सही हो या गलत। अब मैं विस्तृत व्याख्या करता हूं।

यह संदेश मात्र एक व्यक्ति के संदेश के उत्तर में था। तो सभी बातें, उस ही व्यक्ति पर लागू होंगीं।

  • प्रथम उक्ति, कि जिसे कैल्शियम....., वो दूसरे के हर लेख को स्तरहीन कहने का अधिकारी... क्या मैंने कभी मुनिता जी के किसी लेख को यों स्तरहीन कहा? लेकिन उन्होंने कई बार या कहें तो हर बार सार्वजनिक रूप से यही लिखा है कि मेरे स्तरहीन लेख, मेरे द्वारा चयनित स्तरहीन चित्र, जबकि खास मौकों को छोड़कर, सभी चित्र विकिमीडिया कॉमन्स के चयनित चित्र ही हैं। तब आपकी कोई टिप्पणी नहीं आई। मैंने उनके इतने बार बोलने के बाद भी एक बार भी उन्हें स्तरहीन लेख देने की उपाधि नहीं दी। जब दोनों में एक ही दोष रहा, तब कैसे मैं तानाशाह हो गया, और वो रह गई?
  • दूसरी उक्ति पेड़ पर चढ़ी बेल...वाणी सीमित रखें - क्या उनका कोई एक भी स्वतंत्र लेख आया है आज तक? इसमें कोई बुरी बात नहीं, उनके सभी चयनित लेख पूर्णिमा जी द्वारा पुनर्संपादित रहे हैं। इसमें भी कोई बुरी बात नहीं है, बुरी बात इसमें है, कि जो स्वयं किसी अन्य के पुनर्संपादन का निर्भर हो, वो किसी दूसरे ले लेखों को स्तरहीन बार बार कसे कह सकता है? उनके कहने में आपको कोई बुराई नहीं दिखी? सदा ही पूर्णिमा जी के संदेश के नीचे एक समर्थन आता है, बस, कोई मुक्त संदेश कभी कभार ही होगा। किंतु फिर भी मैं ही तानाशाह दिखा।
  • तीसरी उक्ति पूर्णिमा जी जो कहें, स्तरहीन या कुछ भी, उसे माना जा सकता है; आपका ... जब एक ओर मैं पूर्णिमा जी के टीका टिप्पणी को स्वीकार्य मान रहा हूं, तब कैसे मैं तानाशाह हो गया। और उनका अस्तित्व निश्चय ही यहां स्वतंत्र रूप में इतना नहीं है, कि वे किसी के सभी लेखॊं को एक सिर से सार्वजनिक रूप से स्तरहीन कहें।
कृपया निष्पक्ष रूप से आलोचना करें। एक ही दृष्टि से सबको देखें। मैंने मात्र निवेदन किया, कि बासमती चावल में कोई कमी दिखे तो कृपया बताएं, अन्यथा (२-१५ जून तक आलेख खाली थे) १५ जून तक लगा लें। इसमें जब कृपया आ गया, तब कैसे ये धमकी हो गया? मैंने तो पूर्णिमा जी को कितनी बार क्षमा याचना संदेश भी दिए, जिनमें से एक १४:०६, ३ जून २००९ (UTC) को दिया था।
जहां तक लेख संख्या मात्र बढ़ाने की ही बात है, तो क्या अंतर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली, हिन्दू मापन प्रणाली, रंगों की सूची, विश्व के देश, पृथ्वी का हिन्दू वर्णन, भारत के गवर्नर जनरल, सूक्ष्मजैविकी, जीनोम परियोजना, और बहुत से अन्य लेख मात्र संख्या बढ़ाते हैं? मैं इससे अधिक लेखों के नाम नहीं दे रहा हूं, क्योंकि मुझे अपना बखान नहीं करना है। मात्र आपकी लेख संख्या बढ़ाने की टिप्पणी का उत्तर देना था।
मेरे सदस्य पृष्ठ पर मेरे कुछ चित्र अवश्य दिखे होंगे, जिसके अलावा और कहीं नहीं दिखेंगे। ये मात्र परिचय के लिए थे। जैसा कि कहा गया है, कि सदस्य पृष्ठ पर अपना परिचय दें। उसमें कहीं ये नहीं लिखा है, कि अपने चित्र ना चिपकाएं। वैसे भी मैंने सदस्य पृष्ठ अंग्रेज़ी से अपने पृष्ठ से लिया था, जिसे अनुवाद और अद्यतन किया था। जब वहां किसी ने एक बार भी कुछ नहीं कहा, तब यहां कोई समस्या नहीं होगी, ऐसा सोचा था। कुछ चित्र तो हिन्दी के तीन प्रबंधकों के ही हैं, जिन्हें व्यक्तिगत ना समझ कर हिन्दी विकी की संपत्ति समझ सकते हैं। किसी अन्य सदस्य ने यदि अभी तक ना लगाए हों, तो ये उनकी इच्छा या अनुपलब्धि हो सकती है। यदि आपको कुछ गलत लग रहा हो, तो कारण सहित उनपर साँचा:जल्द हटायें लगा सकते हैं। बहुत से सदस्य गलत पृष्ठ बना देते हैं, जिन्हें ऐसे ही हटाया जाता है। फिर भी यदि आपको बुरा लगा, तो मैं हटाए देता हूं।
जहां तक गलती बताने का प्रश्न है, उसका स्वागत है, किंतु यदि आप गलती बताएं, तो क्या कोई उसका कारण , या सही होने का तर्क भी ना दे, सीधे गलती मान ले? मैंने बहुत सी बार गलतियां मानीं हैं, और आगे भी मानूंगा। शेष के लिए क्षमा करें। अत्यधिक लंबे संदेश हो चुके हैं। इतना ही बहुत है। --आशीष भटनागरसंदेश ११:५४, ५ जून २००९ (UTC)

विकी के लिए शुभकामनाएँ[संपादित करें]

आशीष जी । आलोचक ने आपकी प्रशंसा की, इसके लिए धन्यवाद की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि प्रशंसा आपकी नहीं आपके द्वारा किए गए काम की, की है। मैं नहीं जानता कि मुनिता जी कौन हैं, पूर्णिमा जी के वारे में जरूर जानता हूँ क्योंकि उन्होंने इंतरनेट पर हिन्दी के लिए बहुत काम किया है और वह भी बहुत स्तरीय, यह चर्चा भारत में सारे साहित्य जगत में है। आपको भी मैं नहीं जानता, हाँ विकी पर आपका काम बोल रहा है, वहाँ मुझे तीन लोग ही बहुत सक्रिय दिखे, आप, मुनिता और पूर्णिमा.... और लोग जो सक्रिय हैं उनके नाम मैं यहाँ नहीं ले रहा हूँ....... पूर्णिमा जी और मुनिता जी का संदेश जब मैंने देखा तो बहुत खराब लगा। दरअसल विकी पर काम ही वे लोग करने आते हैं जिन्हें नाम की कोई चाह नहीं होती, आप इतना समय विकी के लिए दे रहे हैं..... क्यों ???... इसीलिए न कि विकी पर महत्वपूर्ण सामग्री हो जाए...... लेखों में नाम भी किसी का नहीं रहता है.... आपका भी नहीं है..... फिर यह क्यों कि यह मेरा लेख है इसलिए आना ही चाहिए....... जब आप इतना समय दे रहे हैं...... विकी पर प्रबंधक भी हैं..... तो फिर सबका सहयोग लीजिए.... आपकी बजह लोग विकी छोड़ रहे हैं पूर्णिमा वर्मन जैसे साहित्यिक लोग तो फिर बहुत खराब संकेत है..... मैं विकी पर आप लोगों की लगन देखकर ही आया था... कुछ प्रोत्साहन देने, कुछ सहयोग करने.... आप लोगों के बच्चों की तरह झगड़े देखकर मन खिन्न हो गया। हिन्दी के तमाम बड़े साहित्यकारों के साथ बैठकर विकी के विषय में मैं बात करता रहता हूँ..... आपने लिखा है कि मैंने मुनिता की आलोचना क्यों नहीं की...? आपसे विकी को बहुत अपेक्षाएँ हैं, मुनिता से कहीं ज्यादा....... आपका यह भी दायित्व है कि विकी का माहौल बहुत ही सामंजस्यपूर्ण और सहयोग की भावना से युक्त बनाएँ..... काम भले ही थोड़ा कम हो कोई बहुत फर्क नहीं पड़ेगा पर जितना हो स्तरीय हो यह जरूरी है। हर व्यक्ति हर काम में, हर भाषा में दक्ष नहीं होता, न ही उसे ऐसा भ्रम पालना चाहिए..... विकी पर सब मिलकर एक व्यक्तित्व के रूप में काम करते हैं..... यह ध्यान रखना ही होगा...... विनम्रता व्यक्ति की भाषा में होनी चाहिए..... क्योंकि भाषा व्यक्तित्व का आईना होती है...... मैंने आहत होकर विकी को छोड़ा है जब यहाँ कुछ ठीक सा दिखेगा मैं फिर आऊँगा..... तब तक विकी के आस पास ही हूँ....... एक बात का ध्यान रखना चाहिए सभी को------
"" दुश्मनी जम कर करो पर इतनी गुंजायश रहे।
फिर कभी जब दोस्त बन जाएँ तो शर्मिंदा न हों ।।""
आलोचक ने कई अशुद्धियों की ओर ध्यान दिलाया लेकिन आपने कई बार उन्हें अनदेखा कर दिया, अभी भी कुछ संकेत देखे जा सकते हैं..... और जब आप कमी बताने पर उसे मानने को तैयार न हों, तो फिर क्या किया जा सकता है...... "कृप्या" पर एक सज्जन बहस करते हैं.... गलत भी लिखते हैं और मानते भी नहीं..... यह ठीक नहीं..... इसलिए यह सब मुझे भी लिखना पड़ा। विकी के लिए अनंत शुभकामनाएँ.......।
--आलोचक १४:५०, ५ जून २००९ (UTC)

आलोचकजी आपने अपना स्वयं का नाम ऐसा रखा है और आप दूसरे सदस्यों को आलोचक बता रहें हैं। और जहाँ तक बात कृपया शब्द की है तो मुझे उस पर इसलिए विश्वास नहीं हो रहा था क्योंकि मैंने कई स्थानों पर "कृप्या" और कई अन्य स्थानों पर "कृपया" लिखा हुआ देखा है। मैंने हिन्दी की कई सरकारी पुस्तकों पर भी ऐसी गलतियाँ देखी हैं। और यदि आपको किसी शब्द में सुधार ही करना हो तो उसके लिए सबूत भी प्रस्तुत करने चाहिए, कोई जालपृष्ठ का संदर्भ या हिन्दी की कोई प्रतिष्ठित पुस्तक का। मैंने कई स्थानों पर स्वयं देखा तो फिर मैंने अपनी गलती स्वीकार कर ली और शब्द को ठीक से लिखने लग गया। और जहाँ तक आपका गलती बताने पर कुतर्क करने वाली बात है, तो क्या ये किसी भी लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए ठीक नहीं की सभी को अपने-२ विचार रखने का अधिकार मिले। जब विभिन्न सदस्यों के विचार सुनने या पढ़ने को मिलेंगे तभी तो सभी के विचारों को जानने का अवसर मिलेगा। आप की मंशा तो शब्द को ठीक करने की हो सकती है, लेकिन कल को कोई सदस्य हिन्दी विकिपीडिया पर उत्पात मचाने के लिए और लेखों का स्तर हिराने के लिए भी तो शब्दों को गलत ठंग से प्रस्तुत कर सकता है। और हाँ यदि आपकी बात सही है तो कोई उसे मानने से मना नहीं करेगा, इतना आप निश्चिंत रहिए, कम से कम मैं तो नहीं। रोहित रावत १५:५१, ५ जून २००९ (UTC)


धन्यवाद पत्र के लिए...... इस तरह की बातों में समय खराब करने का कोई लाभ नहीं है। किसी शब्द को सरकारी पुस्तकों में मत देखिए सन्दर्भ कोशों में देखिए तो सही जानकारी मिल सकेगी। आप लोग चाहें तो मुझसे भी इस विषयक जानकारी ले सकते हैं।
--आलोचक ०२:३७, ६ जून २००९ (UTC)