बेनी प्रवीन(रीतिग्रंथकार कवि)

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बेनी प्रवीन हिन्दी के रीतिग्रंथकार कवि हैं। बेनी प्रवीन का वास्तविक नाम बेनीदीन वाजपेयी था। ये संभवत: लखनऊ के निवासी थे। इनकी सुख्यात रचना 'नवरसतरंग' है। इसमें दिए गए विवरण से ज्ञात होता है कि इसकी रचना सन् १८१७ ई. में नवलकृष्ण की प्रशंसा में की गई थी। नवलकृष्ण अवध के नवाब गाजीउद्दीन हैदर के दीवान राजा दयाकृष्ण के आत्मज थे। इनका एक अन्य ग्रंथ 'नानारावप्रकाश' है। यह अलंकार ग्रंथ है जिसकी रचना उस समय की गई थी जब उन्हें कुछ समय तक बिठूर निवासी नानाराव पेशवा के आश्रम में रहना पड़ा था। इनकी गणना रीतिकालीन सरस कवियों में की जा सकती है।