राग मधुवंती

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इस राग में 'गा'कोमल तथा 'म' तीव्र है। चलन मुल्तानी, भीमपलासी की तरह है। जाति : औडब- सम्पूर्ण आरोह : नि (मंद्र) सा गा म प नि सां। अवरोह : सा नि धा प म ग रे सा। वादी -संवादी : प -सा गायन समय : दिन का तीसरा प्रहर प्रकृति : कोमल रस : विरह जनित करुण पकड़ : ग (कोमल) म (तीव्र) प धा म प। आलाप :नि (मंद्र) सा गा म प, गा मा प ग नि धा प, म ग रे सा।

   ग म प ग म प नि धा प, प नि सां। सां नि धा प,