गंगा घाटी के जीव-जन्तु और वनस्पति

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गंगा नदी अपनी यात्रा में जितना बड़ा भू भाग पार करती है उसमें पहाड़ी और मैदानी जलवायु का एक बड़ा हिस्सा आता है। घने वन, खुले मैदान और ऊँचे पहाड़ों के साथ चलती यह नदी अनेक प्रकार के पशु पक्षी और वनस्तपतियों को आश्रय देती हैं। इसमें मछलियों की १४० प्रजातियाँ, ३५ सरीसृप तथा इसके तट पर ४२ स्तनधारी प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इस क्षेत्र में पाये जाने वाले सामान्य जीव-जंतुओं में हैं लंगूर, लाल बंदर, भूरे भालू, सामान्य लोमड़ी, चीते, बर्फीले चीते, भौंकने वाले हिरण, सांभर, कस्तूरी मृग, सेरो, बरड़ मृग, साही, तहर आदि। विभिन्न रंगों की तितलियां तथा कीटें भी यहां पायी जाती हैं। हिमालयी सीटी बजाती सारिकाएं, स्वणिर्म किरीटधारी, पाश्चात्य रंग-विरंगे हैसोड़, साखिएं मोनाल एवं कोकल तीतर, चकवे आदि यहाँ के प्रमुख पक्षी हैं।

इस क्षेत्र में वनस्पतियों की विशाल प्रजातियां है। हिमालय का बलूत सर्वाधिक प्रमुख है। अन्य में शामिल हैं बुरांस, सफेद सरो (एवीज पींड्रो), स्वच्छ पेड़ (पाईसिया स्मिल बियाना), सदाबहार पेड़ (साईप्रेसस तरूलोस) तथा नीले देवदार आदि हैं। जब बलूत के पेड़ विलीन हो रहे होते है तो पैंगर (एसक्युलस ईडिका), कबासी (कोरिलस जैकुमोंटी), कंजुला (एसर कैसियम) तथा रींगाल (जानसेरेसिंस) इसकी जगह आ जाते हैं। परर्णांग, विसर्पी पौधे तथा शैवाक की यहां बहुतायत है।[1]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "पर्यावरण". गंगोत्री. मूल (एएसपी) से 19 जून 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २२ जून २००९. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)