टीपू सुल्तान का सुमेर महल

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क़िले का पुराना महल, बेंगलूर - अल्बर्ट थोमस पेन्न, 1870
ब्रिटिश दोर का शासन, टीपू महल बेंगलूर - राबर्ट होम (1752-1834)

टीपू का सम्मर पेलेस,[1] भारत के शहर बेंगलूर के क़िले में एक महल है जिसे मैसूर के सुल्तान हैदर अली ने बनवाना शुरू किया और टीपू सुल्तान ने उसको 1791 में पूरा किया। टीपू सुल्तान की मृत्यू के बाद ब्रिटिश सरकार के हाथों में यह महल आया। आज कल इसे कर्नाटक सरकार देख भाल कर रही है। यह पर्याटकों और संदर्शकों से भरा रहता है। यह महल शहर बेंगलूर के बीच क़िले के अंदर है, जो कलासिपालेम बस स्टांड ए क़रीब है।

इस महल में रखे गये चित्र में फ़ारसे भाशा में लिखे कविता में इसका वर्णन किया गया है। जिस में इस महल को "रष्क-ए-जन्नत" कहा गया। [2]

सन्दर्भ[संपादित करें]