रमेश चंद्र शाह
रमेश चंद्र शाह | |
---|---|
जन्म | 1937 अल्मोड़ा, भारत |
पेशा | साहित्यकार |
भाषा | हिन्दी |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
काल | आधुनिक काल |
रमेश चंद्र शाह हिन्दी उपन्यासकार, नाटककार, निबंधकार तथा कुशल समालोचक हैं।
रचनाएँ[संपादित करें]
उपन्यास[संपादित करें]
गोबरगणेश, किस्सा गुलाम, पूर्वापर, आखिरी दिन, पुनर्वास तथा आप कहीं नहीं रहते विभूति बाबू
कहानी संग्रह[संपादित करें]
जंगल में आग, मुहल्ले का रावण, मानपत्र, थिएटर, प्रतिनिधि कहानियां (राजकमल पेपरबैक)
कविता-संग्रह[संपादित करें]
कछुए की पीठ पर, हरिश्चंद्र आओ, नदी भागती आई, प्यारे मुचकुंद को, देखते हैं शब्द भी अपना समय, चाक पर समय (प्रतिनिधि कविताओं का संचयन, वाग्देवी पाकेट बुक्स)
निबंध संग्रह[संपादित करें]
रचना के बदले, शैतान के बहाने, आडू का पेड़, पढते-पढते, स्वधर्म और कालगति तथा हिंदी की दुनिया में
यात्रा-संस्मरण[संपादित करें]
एक लंबी छांह
साक्षात्कार[संपादित करें]
मेरे साक्षात्कार
समालोचना[संपादित करें]
छायावाद की प्रासंगिकता, समानांतर, सबद निरंतर, वागर्थ, भूलने के विरुद्ध, वागर्थ का वैभव, जयशंकर प्रसाद, आलोचना का पक्ष, समय संवादी
नाटक[संपादित करें]
मारा जाई खुसरो, मटियाबुर्ज
अनुवाद[संपादित करें]
छंद और पक्षी (कैथलीन रैन की कविताओं का हिंदी रूपांतर) अंगरेज़ी में
सम्मान[संपादित करें]
शिखर सम्मान, भारतीय परिषद् एवं मध्य प्रदेश साहित्य परिषद् से पुरस्कृत, महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार, व्यास सम्मान