दण्डक वन

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दण्डक वन अथवा दंडकारण्य रामायण में वर्णित एक वन का नाम है। कथा के अनुसार दंडकारण्य विंध्याचल पर्वत से गोदावरी तक फैला हुआ प्रसिद्ध वन है और यहाँ वनवास के समय श्रीरामचंद्र बहुत दिनों तक रहे थे। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में दंडकारण्य पूर्वी मध्य भारत का एक भौतिक क्षेत्र है। क़रीब 92,300 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले इस इलाक़े के पश्चिम में अबूझमाड़ पहाड़ियाँ तथा पूर्व में इसकी सीमा पर पूर्वी घाट शामिल हैं। दंडकारण्य में छत्तीसगढ़, ओडिशा एवं आंध्र प्रदेश राज्यों के हिस्से शामिल हैं। इसका विस्तार उत्तर से दक्षिण तक क़रीब 320 कि.मी. तथा पूर्व से पश्चिम तक लगभग 480 किलोमीटर है।

भौगोलिक परिवेश[संपादित करें]

दंडक राक्षस के आवास पर इस क्षेत्र का नाम पड़ा दंडक वन पड़ा, जिसका उल्लेख रामायण महाकाव्य में है।[1] प्राचीन समय में नल, वाकाटक एवं चालुक्य वंशों ने इस पर सफलतापूर्वक शासन किया। यहाँ गोंड आदिवासी रहते हैं। क्षेत्र का अधिकतर भाग रेतीला समतलीय है, जिसकी ढलान क्रमश: उत्तर से दक्षिण-पश्चिम की तरफ़ है। दंडकारण्य में व्यापक वनाच्छादित पठार एवं पहाड़ियाँ हैं, जो पूर्व दिशा से अचानक उभरती हैं तथा पश्चिम की ओर धीरे-धीरे इनकी ऊँचाई कम होती चली जाती है। यहाँ कई अपेक्षाकृत विस्तृत मैदान भी हैं। इस क्षेत्र की जल निकासी महानदी (जिसकी सहायक नदियों में तेल जोंक, उदंति, हट्टी, एवं सांदुल शामिल हैं) तथा गोदावरी (जिसकी सहायक नदियों में इंद्रावती और साबरी शामिल हैं) द्वारा होती है। पठार एवं पर्वतीय इलाक़ों में दोमट मिट्टी की पतली परत है। मैदानी इलाक़ों एव घाटियों में उपजाऊ, जलोढ़ मिट्टी है। इस क्षेत्र में आर्थिक रूप से कीमती साल के नम वन हैं, जो कुल क्षेत्र के लगभग आधे हिस्से में फैले हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दंडकारण्य को "राम वन गमन पथ" का हिस्सा बनाया गया है।[2] राम वन गमन पथ राज्य एवं केंद्र सरकारों की एक संयोजित पहल है जिसके अंतर्गत पूरे देश मे 248 ऐसे स्थान सम्मिलित किए गए हैं जहाँ श्री राम ने 14 वर्ष लंबा वनवास व्यतीत किया था। इन सभी 248 स्थानों को धार्मिक पर्यटन स्थानों का दर्जा देकर इनका विकास किया जाएगा।[3]

  1. "Dandkaranya – Bastar And The Legacy Of Ramayana" (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-05-09.
  2. "रामायणकालीन छत्तीसगढ़ | छत्तीसगढ़ में रामायण का इतिहास" (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-05-09.
  3. "Ram Van Gaman Path Explainer: क्या है राम वन गमन पथ जहां पड़े श्री राम के पग, जानिए सबकुछ". Navbharat Times. अभिगमन तिथि 2022-05-09.