शब्दांश स्थानांतरण

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भाषाविज्ञान में शब्दांश स्थानांतरण (अंग्रेज़ी: metathesis मेटाथीसिस) उस प्रक्रिया को कहते हैं जिससे किसी भी शब्द के शब्दांश या वर्ण अपना शब्द में स्थान बदल लेते हैं। अक्सर जब शब्द एक भाषा से दूसरी भाषा में जाते हैं तो शब्दांश स्थानांतरण देखा जाता है। उदाहरण के लिए संस्कृत का शब्द 'लघुक' शब्दांश स्थानांतरण के ज़रिये पहले तो प्राकृत में 'लहुक' और फिर हिंदी में 'हलुक' से धीरे-धीरे 'हल्का' बन गया - यानि 'ल' और 'ह' ने अपने स्थान एक-दूसरे के साथ बदल लिए।

उदहारण[संपादित करें]

हिंदी[संपादित करें]

कईं हिंदीभाषियों में शब्दांश स्थानांतरण के कारण बोलचाल में उच्चारण की ग़लतियाँ देखनें को मिलतीं हैं। इनमें से बहुत सी ग़लतियाँ देहाती क्षेत्रों में ज़्यादा नज़र आती हैं, लेकिन कुछ तो आम हो गईं हैं -

  • बन्दूक → दम्बूक
  • ब्राह्मण → ब्राम्हण
  • जिह्वा → जीह्ब → जीभ

कश्मीरी, डोगरी और पंजाबी[संपादित करें]

कश्मीरी, डोगरी और पंजाबी में स्थानांतरण अक्सर 'र' के वर्ण के इर्द-गिर्द होता है -

  • श्री → शिर (इस वजह से 'श्रीनगर/स्रीनगर' को बहुत से कश्मीरी लोग 'शिरनगर/सिरनगर' कहते हैं और पंजाबी लोग 'श्री गुरु नानक' का उच्चारण 'शिर गुरु नानक' करते हैं)
  • दरख़्त → द्रख़त
  • सर्टिफ़िकेट (certificate) → सर्फ़ीटिकेट (cerfiticate)
  • बर्फ़ → ब्रफ़

अंग्रेज़ी[संपादित करें]

अंग्रेज़ी मातृभाषियों में भी स्थानांतरण की ग़लतियाँ आम हैं -

  • न्यूक्लिअर (nuclear) → न्युकुलर (nucular)
  • प्रिटि (pretty) → परटि (purty)
  • इंट्रोड्यूस (introduce) → इंटरड्यूस (interduce)
  • आएरन (iron) → आयर्न (iern)

इन्हें भी देखें[संपादित करें]