धनुषा जिला

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जनकपुर में स्वयंबर के दौरान भगवान राम के द्वारा शिव धनुष तोड़ने से संबंधित रवी वर्मा की पेंटिंग
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सीता

यह नेपाल के जनकपुर प्रान्त का एक जिला है। यह हिंदुओं का एक पवित्र तीर्थ स्थल है।

इतिहास[संपादित करें]

रामायण कथा के अनुसार स्वयंबर के शर्तों को प्राप्त करने के पश्चात यहीं पर राजा जनक की पुत्री सीता और दशरथ के पुत्र राम का विवाह संपन्न हुआ था। कहा जाता है कि रामायण काल में मिथिला नगर के परकोटा के बाहर इसी स्थान पर सिरध्वज जनक की तनया सीता के स्वयंबर के काल में धनुष-खंडन-यज्ञ का आयोजन किया गया था। इसी कारण से इस स्थान को 'रन्गभूमि' की संज्ञा भी प्राप्त हुयी। यहाँ विशाल शिव धनुष का एक खंड पृथवि पर पड़ा बताया जाता है। जनता उसकी पूजा करती है। जनकपुर के तीर्थार्थी प्राय: धनुषा जाकर धनुष खंड का दर्शन-पूजन करते हैं।[1]

यातायात और संचार सुविधाएं[संपादित करें]

नेपालके जनकपुर से यह सड़क मार्ग से जुड़ा है। यह जनकपुर से लगभग 10 मिल उत्तर की ओर है। यहाँ काठमाण्डू से सीधे सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। भारत के लोगों के लिए बिहार की राजधानी पटना से मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी के भिट्ठामोड़ होते हुये यहाँ पहुंचाना बेहद सुगम है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. मिथिला का इतिहास, लेखक : राम प्रकाश शर्मा, प्रकाशक : कमेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा, प्रकाशन वर्ष :1979, पृष्ट : 477