"रिसपेरीडोन": अवतरणों में अंतर

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रिसपेरीडोन
सिस्टमैटिक (आईयूपीएसी) नाम
4-[2-[4-(6-fluorobenzo[d]isoxazol-3-yl)-
1-piperidyl]ethyl]-3-methyl-
2,6-diazabicyclo[4.4.0]deca-1,3-dien-5-one
परिचायक
CAS संख्या 106266-06-2
en:PubChem 5073
en:DrugBank DB00734
en:ChemSpider 4895
रासायनिक आंकड़े
सूत्र C23H27FN4O2 
आण्विक भार 410.485 g/mol
SMILES eMolecules & PubChem
फ़ार्मओकोकाइनेटिक आंकड़े
जैव उपलब्धता 70% (oral)
उपापचय Hepatic (CYP2D6-mediated)
अर्धायु 3–20 hours
उत्सर्जन Urinary

रिसपेरीडोन (जिसका उच्चारण रिस-पियर-री-डोन होता है) एक असामान्य मनोविकार रोधी औषधि है जिसका उपयोग स्किजोफ्रेनिया (किशोर स्किजोफ्रेनिया सहित), खंडित मनस्कताग्रस्त भावात्मक विकार, द्विध्रुवी विकार से जुड़ी हुयी मिश्रित एवं उन्मादग्रस्त अवस्थाओं, एवं स्वलीनता से प्रभावित बच्चों में चिड़चिड़ापन के उपचार के लिए किया जाता है. इस औषधि को जैनसेन-साइलैग के द्वारा विकसित किया गया और पहली बार 1994 में जारी किया गया.[1] इसे रिस्पर्डल व्यावसायिक नाम के तहत [[नीदरलैंड|[[]]नीदरलैंड]], संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्पेन, तुर्की, न्यूजीलैंड और कई अन्य देशों में, न्यूजीलैंड में रिस्पर्डल या रिडाल के नाम से, भारत में सिज़ोडॉन या रिस्कैलिन के नाम से, पूर्वी यूरोप, रूस में रिस्पोलेप्ट के नाम से, एवं अन्यत्र बेलिवॉन या रिस्पेन के नाम से बेचा जाता है.

लक्षण एवं उपयोग

  • वयस्कों में स्किजोफ्रेनिया (खंडित मनस्कता) का इलाज
  • 13-17 वर्ष आयु वर्ग के किशोरों में स्किजोफ्रेनिया (खंडित मनस्कता)उपचार
  • तीव्र उन्माद ग्रस्त या वयस्कों में द्विध्रुवी I विकार से संबंधित घटनाओं की छोटी-अवधि के इलाज के लिए इसका प्रयोग अकेले या लिथियम या वैल्पोरेट के साथ सम्मिश्रण में किया जाता है.
  • तीव्र उन्माद ग्रस्त या बच्चों एवं 10-17 वर्ष आयु वर्ग के किशोरों के साथ द्विध्रुवी I विकार के साथ संबंधित घटनाओं की छोटी-अवधि के इलाज के लिए इसका प्रयोग अकेले किया जाता है.
  • बच्चों और युवा वयस्कों में स्वलीनता से संबंधित विकार के साथ जुड़े चिड़चिड़ापन के उपचार में इसका प्रयोग किया जाता है.
  • इसका प्रयोग टॉरेट सहलक्षण या पेशीय स्फुरण संबंधी विकारों से प्रभावित लोगों में एक नियंत्रक औषधि के रूप में भी किया गया है.
  • मनोविकार संबंधी विशेषताओं के साथ प्रमुख अवसाद के उपचार में इसका प्रयोग होता है.

1993 में संयुक्त राज्य अमेरिका के फूड एवं ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) द्वारा स्किजोफ्रेनिया के उपचार के लिए रिसपेरीडोन को स्वीकृत किया गया.[2]

22 अगस्त, 2007 को रिसपेरीडोन को 13-17 उम्र के युवाओं में स्किजोफ्रेनिया के उपचार के लिए एक एक मात्र उपलब्ध औषधि एजेंट के रूप में स्वीकृत किया गया; उसी दिन इसे 10-17 वर्ष की उम्र के युवाओं एवं बच्चों में होने वाले द्विध्रुवी विकार के उपचार के लिये स्वीकृत किया गया. रिसपेरीडोन में इसके आण्विक संरचना के एक भाग के रूप में बेंज़ीसोक्सैज़ोल एवं और पिपेरिडाइन के कार्यात्मक समूह होते हैं. 2003 में एफडीए ने द्विध्रुवी विकार से संबंधित मिश्रित और उन्मादग्रस्त अवस्थाओं के छोटी अवधि के उपचार के लिए रिसपेरीडोन को स्वीकृत किया. 2006 में एफडीए ने बच्चों में चिड़चिड़ेपन और स्वलीनता से प्रभावित किशोरों के उपचार के लिए रिसपेरीडोन को स्वीकृति प्रदान की.[3] एफडीए का निर्णय कुछ हद तक हिंसक भावनात्मक विकार, आक्रामकता, एवं आत्म चोट की प्रवृत्ति संबंधी तीव्र एवं स्थायी समस्याओं वाले स्वलीनता से प्रभावित बच्चों के एक अध्ययन पर आधारित है; हल्के आक्रामकता एवं बिना एक स्थायी पैटर्न के विस्फोटक व्यवहार वाले स्वलीनता प्रभावित बच्चों में रिसपेरीडोन देने की सलाह नहीं दी जाती है.[4] अन्य असामान्य मनोविकार रोधी औषधियों के समान, रिसपेरीडोन का प्रयोग ऑफ-लेबल रूप में चिंता संबंधी विकारों, जैसे कि उन्मादी-बाध्यकारी विकार; मनोविकार संबंधी विशेषताओं के साथ या उसके बिना तीव्र, उपचार-प्रतिरोधी अवसाद; टॉरेट सहलक्षण; बच्चों में विघटनकारी व्यवहार; एवं अन्य लोगों में खाने संबंधी विकारों में भी किया जाता है. दो छोटे अध्ययनों में तीव्र नशा सेवन[5] एवं लंबे समय से नशा के सेवन[6] के कारण रिसपेरीडोन के द्वारा फेंसिक्लिडाइन साइकॉसिस (पीसीपी/PCP) के रोगलक्षणों का सफलतापूर्वक (PCP) उपचार करने की जानकारी दी गयी.

2009 के कोक्रेन पुस्तकालय की एक समीक्षा में अनियमित रूप से नियंत्रित परीक्षणों में इस बात का कोई प्रमाण नहीं देखा कि बौद्धिक विकलांगता वाले लोगों में ध्यान में कमी लाने वाले अतिसक्रियता संबंधी विकार (एडीएचडी) में रिसपेरीडोन प्रभावकारी होते हैं.[7] अल्जाइमर अनुसंधान न्यास के द्वारा ब्रिटेन की एक बहु वर्षीय अध्ययन में यह सुझाया गया कि यह एवं तंत्रिका-तंत्र को प्रभावित करने वाली अन्य मनोविकार रोधी औषधियां, जो आम तौर पर हल्के व्यवहार संबंधी समस्याओं वाले अल्जाइमर के रोगियों को दी जाती हैं, ने अक्सर उनकी अवस्थाओं को बदतर बना दिया. अध्ययन से निष्कर्ष निकला कि:

उपलब्धता

रिस्पेर्डल 4 मिलीग्राम की गोलियां (ब्रिटेन)

रिस्पर्डल पर जेन्सेन का पेटेंट 29 दिसंबर 2003 को समाप्त हो गई, जिससे अन्य कंपनियों से औषधि की अधिक सस्ती सामान्य रूपों के लिए बाजार खुल गया, एवं जेन्सेन का विपणन संबंधी विशिष्ट अधिकार 29 जून,2009 को समाप्त हो गए (एक बाल चिकित्सा संबंधी विस्तार का परिणाम).

रिसपेरीडोन एक गोली के रूप में 0.25, 0.5, 1, 2, 3 और 4 मिलीग्राम के आकार में, मुख से लिए जाने वाले घोल के रूप में (30 मिली, 1 मिलीग्राम/मिली) और 12.5 मिलीग्राम, 25 मिलीग्राम, 37.5 मिलीग्राम और 50मिलीग्राम के रिस्पर्डल कॉन्स्टा की इंजेक्शन की शीशी, जो एक डिपो इंजेक्शन के रूप में होती है जिसे हर दूसरे सप्ताह में एक बार दिया जाता है. यह संयुक्त राज्य अमेरिका में वैफ़र के रूप में एवं कनाडा में रिस्पर्डल एम-टैब्स के रूप में और अन्यत्र रिस्पर्सल क्विकेट्स के रूप में भी उपलब्ध है.

रिसपेरीडोन अक्टूबर 2008 में टेवा फार्मास्यूटिकल्स, डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज इन्कॉर्पोरेट एवं पैट्रियट फार्मास्यूटिकल्स की तरफ से एक सामान्य औषधि के रूप में उपलब्ध हुआ. पैट्रियट जेनरिक जैनसेन फार्मास्युटिकल की "अधिकृत जेनरिक फार्मास्युटिकल" है.

पार्श्व प्रभाव

रिसपेरीडोन वजन में वृद्धि से संबद्ध रहा है.[8] अन्य आम प्रभावों में शामिल हैं मनोव्यथा,प्रशमन, व्याकुलता, अनिद्रा,यौन रोग, निम्न रक्तचाप, उच्च रक्तचाप, मांसपेशियों में जकड़न, मांशपेशियों में दर्द, कंपकंपी, बढ़ा हुआ लारस्राव, कब्जियत, एवं बंद नाक.

कई मनोविकार रोधी औषधियां प्रोलैक्टिन की अधिकता उत्पन्न करने के लिए जाने जाते हैं जो जनन ग्रंथि अल्पक्रियता प्रेरित अस्थि-सुषिरता, अतिस्तन्यस्रवण, पुरुषों में असाधारण स्तन वृद्धि, अनियमित मासिक धर्म एवं यौन रोग उत्पन्न कर सकते हैं. हालांकि, अन्य असामान्य मनोविकार रोधी औषधियों की तुलना में रिसपेरीडोन प्रोलैक्टिन को अधिक बड़े परिमाण में बढाने के लिए जाना जाता है. हालांकि अन्य मनोविकार रोधी औषधियों का इस्तेमाल करनेवाले दोनों लिंग के व्यक्तियों में दुग्धस्रवण संभव है, रिसपेरीडोन इसके लिए सबसे बड़ा दोषी है.[9][10] अन्य मनोविकार रोधी अभिकर्ताओं की तुलना में पीयूषिका संबंधी अबुर्द के साथ रिसपेरीडोन एवं एमिसल्प्राइड के प्रयोग के बीच अधिक बड़ा संबंध है.[11] यह माना जाता है कि एक बार रिसपेरीडोन के द्वारा प्रोलैक्टिन में वृद्धि करने के बाद, यह प्रोलैक्टिनोमा, पीयूषिका ग्रंथि का एक सुसाध्य अबुर्द (ट्यूमर) उत्पन्न कर सकता है. सामान्य रूप से, अबुर्द (ट्यूमर), में, उत्क्रमणीय नहीं माने जाते हैं. चिकित्सा संबंधी रोगोपचार अबुर्द (ट्यूमर) के आकार को कम करने और सामान्य प्रजनन एवं पीयूषिका कार्य में मदद कर सकते हैं, हालांकि, डोपामीन प्रचालक (पेशी) संभवतः मनोविकार रोधी उपयोगकर्ताओं को नुस्खे के रूप में नहीं लिखे जा सकते हैं, इस प्रकार, शल्य चिकित्सा या विकिरण उपचार की आवश्यकता हो सकती है. यह अवस्था बार-बार हो सकती है यदि मरीज एक भिन्न मनोविकार रोधी औषधि का उपयोग करने लगता है. रिसपेरीडोन आत्महत्या के बढ़ते हुए विचारों को उत्पन्न करने वाले के रूप में जाता है.[12]

रिसपेरीडोन ऐच्छिक गति की शक्ति में धीरे-धीरे बढ़ने वाला अवरोध या टार्डिव डिस्काइनीसिया (टीडी/TD)[13], अतिरिक्त पिरामिदी रोगलक्षण (ईपीएस/EPS)[13], एवं मनोवियोजी संबंधी घातक सहलक्षण (एनएमएस/NMS)[13] का संभावित कारण बन सकता है. जैनसेन फार्मास्यूटिकल्स इन्कॉर्पोरेट को 19 अप्रैल, 04 को एफडीए (FDA) द्वारा जारी एक चेतावनी पत्र के अनुसार, रिसपेरीडोन मधुमेह एवं ग्लूकोज चयापचय के और अधिक गंभीर स्थितोयों को भी बढ़ावा दे सकता है, जिसमें कीटोन कणों की अधिकता से होने वाली अम्लरक्तता एवं [[रक्त में परासरणीय सक्रिय कणों की असामान्य रूप से बढ़ी हुयी सांद्रता के कारण उत्पन्न गहन मूर्च्छा]] शामिल हैं.[14]

औषध विज्ञान

यह औषधि मनोविकार रोधी औषधियों के एक वर्ग जिसे असामान्य मनोविकार रोधी औषधियां कहा जाता है जिसमें डोपामीन विरोध की अपेक्षा अधिक स्पष्ट सेरोटोनिन विरोध पाया जाता है, लेकिन रिसपेरीडोन इस वर्ग में अनोखा होता है क्योंकि यह डोपामीन विरोध बरकरार रखता है. इसमें D2 डोपामीन द्वारा उत्पन्न अभिग्राहकों के प्रति उच्च आकर्षण होता है. इसमें विभिन्न 5-HT (सेरोटोनिन) अभिग्राहक उपरूपों पर अभिक्रियाएँ होती हैं. ये वजन में वृद्धि करने से जुडी हुयी 5-HT2C, इसके मनोविकार रोधी क्रिया से जुड़े हुए 5-HT2A और मनोवियोजी औषधियों के साथ अनुभव किये कुछ विशेष अतिरिक्त पिरामिदी पार्श्व प्रभावों (ईपीएस) से मिलाने वाले राहत होते हैं.

इसे तरल रूप में या गोली के रूप में लिया गया है इसकी परवाह किये बिना यह शीघ्र ही पीक प्लाज्मा स्टारों तक पहुंच जाता है. रिसपेरीडोन का चयापचय अपेक्षाकृत शीघ्र होता है, इसलिए मिचली की संभावना आम तौर पर दो से तीन घंटे में कम हो जाती है. हालांकि, सक्रिय चयापचयज, 9-हाइड्रॉक्सी- रिसपेरीडोन, जिनका रिसपेरीडोन के लिए समान भेषजक्रियाविज्ञान होता है, जो शरीर में बहुत लंबे समय तक रहता है में,और इसे अपने ही अधिकार वाले पैलीपेरिडोन नामक मनोविकार रोधी औषधि के रूप में विकसित किया गया है.

एक अन्तः पेशीय औषधि, जिसे बाजार में रिस्पर्डल कॉन्स्टा के रूप में बेचा जाता है, को हर दो सप्ताहों में एक बार दिया जा सकता है. इसे धीरे-धीरे इंजेक्शन की जगह से छोड़ा जाता है. इंजेक्शन देने की इस विधि का उपयोग स्वीकृत मरीजों पर किया जा सकता है जो अनिच्छा व्यक्त करते हैं, या इच्छुक मरीज जिनके असंगठित विचार होते हैं एवं जो अपनी दैनिक खुराक लेना याद नहीं रख पाते हैं.[15] हर दो सप्ताहों में एक बार एक अन्तः पेशीय इंजेक्शन में दी जाने वाली खुराकें 12.5 से 50 मिमी तक हो सकती हैं.

सन्दर्भ

  1. http://www.naminh.org/resources-medications-treatments-medications-risperdal.php
  2. "Electronic Orange Book". Food and Drug Administration. 2007. अभिगमन तिथि 2007-05-24. नामालूम प्राचल |month= की उपेक्षा की गयी (मदद)
  3. FDA (October 6, 2006). FDA approves the first drug to treat irritability associated with autism, Risperdal. प्रेस रिलीज़. http://www.fda.gov/NewsEvents/Newsroom/PressAnnouncements/2006/ucm108759.htm. अभिगमन तिथि: 2009-08-14. 
  4. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  5. एजे गियनिनी, जीएल कोलापिएट्रो, डी.के. कुक. फेंसिक्लिडाइन मादकता में रिसपेरीडोन चिकित्सा सोसाइटी फॉर न्यूरोसाइंस एब्स्ट्रैक्ट्स. 22:77.12, 1996.
  6. जेऍफ़ गब्बर्ट, एजे गिअनिनी. विखंडित मनस्कता मनोविकृति के एक मॉडल के रूप में फेंसिक्लिडाइन की डोपामीनर्जिक/सेरोटोनर्जिक गतिविधियां चिकित्सा विज्ञान की अमेरिकी जर्नल. 4:159-164, 1997.
  7. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  8. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  9. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  10. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  11. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  12. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  13. "Risperdal: Full U.S. Prescribing Information" (PDF). publisher=Ortho-McNeil-Janssen Pharmaceuticals. अभिगमन तिथि 2008-03-06. |work= में पाइप ग़ायब है (मदद)
  14. FDA (April 19, 2004). FDA Warning Letter. प्रेस रिलीज़. http://www.fda.gov/ICECI/EnforcementActions/WarningLetters/2004/ucm146839.htm. अभिगमन तिथि: 2009-08-14. 
  15. एंटीसाइकोटिक मेडिकेशन , About.com: मानसिक स्वास्थ्य 30 मई 2006

बाहरी लिंक्स

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