कुमारन आशान

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कुमारन आशान (१८७३-१९२४) एक विश्व विख्यात मलयालम कवि और दार्शनिक थे। उनको आशान के नाम से भी जाना जाता है। वह एक कवि होने के साथ-साथ समाज-सुधारक, तथा पत्रकार थे। कुमारन आशान का जन्म १२ अप्रैल् १८७३ को तिरुवनन्तपुरम् के निकट कायिक्करा गाँव में हुआ था। १६ जनुवरि १९२४ को उनका निधन हो गया।

Kumaran Asan (standing left) with Sree Narayana Guru (seated middle).


निरूपकों कहते हैं कि- " कुमारन् आशान् का वीण पूवु (पतित कुसुम) मलयालम् में स्वच्छंदतावाद आंदोलन की प्रारंभिक रचनाओं में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। मलयालम् का स्वच्छंदतावाद आशान् की कविताओं के रूप में पल्लवित और पुष्पित हुआ। नलिनि, लीला, चिंताविष्टयाय सीता, चंडालभिक्षुकी, प्ररोदनम्, दुरवस्था, करुणा इत्यादि इनकी मुख्य रचनाएँ हैं। आशान् जिस काव्य प्रपंच को अनावृत्त करने में सफल हुए वह गंभीर दार्शनिकता, जीवनदर्शन का अदम्य कौतूहल और तीव्र भावविभोरता से भास्वर है। आशान् ही वह कवि थे जिन्होंने शृंगार को सामान्य धरातल से स्वर्गिक विशुद्धता तक पहुँचाया। आध्यात्मिक प्रेम की सुदर कल्पना ने उनकी कविता को प्रभापूरित किया है।"

Handwriting of Kumaranasan




प्रमुख रचनायें[संपादित करें]

नलिनी

लीला

वीण पूवु

दुरवस्था

चण्डालभिक्षुकी

पुष्प वाटी

प्ररोदनम्

करुणा

श्रीबुद्धचरितम्