ओसामा बिन लादेन

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ओसामा बिन लादेन
أسامة بن لادن
बिन लादेन ल. 1997–98

प्रथम जनरल अमीर अल-क़ायदा
पद बहाल
August 11, 1988 – May 2, 2011
पूर्वा धिकारी पोजीशन क्रेटेड
उत्तरा धिकारी अयमन अल-जवाहिरी


Co-founder of Maktab al-Khidamat, 1984

जन्म 10 मार्च 1957
pochinki, सउदी अरब
मृत्यु मई 2, 2011(2011-05-02) (उम्र 54)
rozhok, ख़ैबर पख्तूनख्वा, पाकिस्तान
जन्म का नाम ओसामा बिन मोहम्मद बिन अवद बिन लादिन
नागरिकता सउदी अरबियन (1957–1994)
Stateless (1994–2011)[1]
जीवन संगी Najwa Ghanhem (1974–before Sep 11, 2001)
Khadijah Sharif (1983–1990s)
Khairiah Sabar (1985–2011)
Siham Sabar (1987–2011)
Amal Ahmed al-Sadah (2000–2011)
बच्चे 20 से 26
Religion इस्लाम (वहाबीइज़म/सल्फी)[2][3][4][5]
सैन्य सेवा
निष्ठा Maktab al-Khidamat (1984–1988)

Al-Qaeda (1988–2011)

सेवा काल 1984–2011
पद General Emir of Al-Qaeda
लड़ाइयां/युद्ध Soviet War

Global War on Terrorism

ओसामा बिन लादेन (१० मार्च १९५७ - २ मई २०११) अल कायदा नामक आतंकी संगठन का प्रमुख था। यह संगठन ११ सितंबर २००१ को अमरीका के न्यूयार्क शहर के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के साथ विश्व के कई देशों में आतंक फैलाने और आतंकी गतिविधियां संचालित करने का दोषी है। २ मई २०११ को ऐब्टाबाद,पाकिस्तान में अमरीकी सेना ने एक हमले में उसका वध कर डाला।[6]

जीवन परिचय[संपादित करें]

सऊदी अरब के एक धनी परिवार में १० मार्च १९५७ में पैदा हुआ ओसामा बिन लादेन, अमरीका पर ९/११ के हमलों के बाद दुनिया भर में चर्चा में आया। यह् मोहम्मद बिन लादेन के 52 बच्चों में से 17वा था। मोहम्मद बिन लादेन सऊदी अरब का एक अरबपति बिल्डर था जिसकी कंपनी ने देश की लगभग 80 फ़ीसदी सड़कों का निर्माण किया था।

जब ओसामा के पिता की 1968 में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हुई तब वो युवावस्था में ही करोड़पति बन गया। सऊदी अरब के शाह अब्दुल्ला अज़ीज़ विश्वविद्यालय में सिविल इंज़ीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान वो कट्टरपंथी इस्लामी शिक्षकों और छात्रों के संपर्क में आया।

अनेक बहसों और अध्ययन के बाद वो अपनी कुत्सित और चरमपंथी मानसिकता के कारण इस्लाम के कट्टरपंथी गुटों के समर्थन में खड़ा हो गया। इससे पहले अपने परिवार के साथ युरोप में मनाई गई छुट्टियों की तस्वीरों में ओसामा को फैशनेबल कपड़ों में भी देखा जा सकता हैं।

2016[संपादित करें]

अफ़वाहें[संपादित करें]

कुछ समाचार पत्रों के अनुसार ओसामा बिन लादेन अभी तक ज़िंदा है और वो वर्तमान में अमेरिका में रह रहा है। [7] यह सब अमेरिका की सीआईए के पूर्व कर्मचारी एडवर्ड स्नोडन ने दावा किया है।

हथियार की सोहबत[संपादित करें]

दिसंबर १९७८ में जब सोवियत संघ ने अफगानिस्तान पर हमला किया तो ओसामा ने आरामपरस्त ज़िदंगी को छोड़ मुजाहिदीन के साथ हाथ मिलाया और शस्त्र उठा लिए।

अफ़ग़ानिस्तान में उन्होंने मक्तब-अल-ख़िदमत की स्थापना की जिसमें दुनिया भर से लोगों की भर्ती की गई और सोवियत फ़ौजों से लड़ने के लिए उपकरणों का आयात किया गया। अफ़ग़ानिस्तान में अरब लोगों के साथ मिलकर अभियान करते वक्त ही उन्होने अल कायदा के मूल संगठन की स्थापना कर ली थी। अफ़ग़ानिस्तान में मुजाहिदीन का साथ देने के बाद जब वो वापस साऊदी अरब पहुँचे तो उन्होंने साऊदी अरब के शासकों का विरोध किया। ओसामा का मानना था कि साऊदी अरब के शासकों ने ही अमरीकी सेना को साऊदी ज़मीन पर आने के लिए आमंत्रित किया था। मध्य पूर्व में अमरीकी सेना की मौज़ूदगी से नाराज़ ओसामा बिन लादेन ने १९९८ में अमरीका के खिलाफ़ युद्ध की घोषणा कर दी थी।

वर्ष १९९४ में अमरीकी दबाव के कारण सऊदी अरब में उनकी नागरिकता ख़त्म कर दी थी और उसके बाद वे सूडान और फिर जनवरी १९९६ में दोबारा अफ़ग़ानिस्तान में पहुँच गए। ग़ौरतलब है कि वर्ष १९९८ में ही कीनिया और तंज़ानिया में अमरीकी दूतावासों में हुए दो बम धमाकों में 224 लोग मारे गए और 5000 घायल हुए। अमरीका ने ओसामा और उनके 16 सहयोगियों को प्रमुख संदिग्ध बताया।

इसके बाद अमरीका ओसामा को दुश्मन के रूप में देखने लगा और ख़ुफ़िया एजेंसी एफ़बीआई की मोस्ट वाँटिड लिस्ट में उन्हें पकड़ने या मारने के लिए २.५ करोड़ डॉलर के पुरस्कार की घोषणा की गई।

9/11 के आरोपी[संपादित करें]

अफ़्रीका में बम घटनाओं के साथ-साथ अमरीका ने उन्हें 2001 के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में बम धमाके, 1995 में रियाद में कार बम धमाके, सऊदी अरब में ट्रक बम हमले का दोषी पाया।

मौत[संपादित करें]

पाकिस्तान के ऐबटाबाद शहर में हुए अमरीकी सेना के अभियान में २ मई २०११ को उसे मार डाला गया। ओसामा बिन लादेन की मौत के 12 घंटे के बाद अमरीका के विमान वाहक पोत यूएसएस कार्ल विन्सन पर शव को एक सफ़ेद चादर में लपेट कर एक बड़े थैले में रखा गया और फिर अरब सागर में उतार दिया गया। अमरीकी अधिकारी के मुताबिक, सऊदी अरब ने शव लेने से इनकार कर दिया था।

उसके मारे जाने के बाद अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश को याद करते हुये कहा कि जैसा बुश ने कहा था हमारी जंग इस्लाम के खिलाफ नहीं है। लादेन को पाकिस्तान में इस्लामाबाद के एक कंपाउंड में मारा गया। एक हफ्ते पहले हमारे पास लादेन के बारे में पुख्ता जानकारियां मिल गई थीं। उसके बाद ही कंपाउंड को घेरकर एक छोटे ऑपरेशन में लादेन को मार गिराया गया।

बराक ओबामा ने कहा कि लादेन ने पाक के खिलाफ भी जंग छेड़ी थी। हमारे अधिकारियों ने वहां के अधिकारियों से बात कि और वह भी इसे एक ऐतिहासिक दिन मान रहे हैं। यह 10 साल की शहादत की उपलबधि है। हमने कभी भी सुरक्षा से समझौता नहीं किया। अल कायदा से पीड़ित लोगों से मैं कहूंगा कि न्याय मिल चुका है।

ओसमा की जीवनयात्रा : एक दृष्टि में[संपादित करें]

  • 1957 : सउदी अरब में लादेन का जन्म। वह निर्माण उद्यमी मोहम्मद अवाद बिन लादेन के 52 बच्चों में से 17वां था।
  • 1969 : मोहम्मद बिन लादेन की मौत। उस समय 11 साल के रहे लादेन को लगभग आठ करोड़ डॉलर की राशि विरासत में मिली। लादेन बाद में जेद्दा में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए गया।
  • 1973 : लादेन ने खुद को चरमपंथी मुस्लिम गुटों से जोड़ा।
  • 1979 : युवा लादेन मुजाहिदीन नाम से पहचाने जाने वाले लड़ाकों की मदद के लिए अफगानिस्तान गया। लादेन एक गुट का मुख्य आर्थिक मददगार बन गया, जो बाद में अल कायदा कहलाया।
  • 1989 : अफगानिस्तान में सोवियत संघ के हटने के बाद लादेन परिवार की निर्माण कंपनी (सउदी बिन लादेन समूह) के लिए काम करने के उद्देश्य से सउदी अरब लौट गया। यहां उसने अफगान युद्ध में मदद के उद्देश्य से कोष जुटाना शुरू कर दिया। अल कायदा वैश्विक गुट बना। मुख्यालय अफगानिस्तान रहा, जबकि उसके सदस्य 35 से 60 देशों में मौजूद थे।
  • 1991 : अमेरिकी नीत गठबंधन ने कुवैत से इराकी बलों को खदेड़ने के लिए युद्ध शुरू किया। लादेन ने अमेरिकी बलों के खिलाफ जिहाद की शुरुआत की। सरकार विरोधी गतिविधियों के चलते उसे सउदी अरब से निष्कासित कर दिया गया। सउदी अरब ने उसकी और उसके परिवार की नागरिकता को वापस ले लिया। उसने सूडान में शरण ली।
  • 1993 : वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर बम गिरा, छह की मौत, सैकड़ों घायल। इस संबंध में छह मुस्लिम कट्टरपंथी दोषी ठहराए गए। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, इनके संबंध लादेन से थे। नवंबर में रियाद में एक इमारत के सामने बम फटा। इस इमारत में अमेरिकी सैन्य परामर्शकार काम करते थे। अमेरिका के पांच और भारत के दो नागरिक मारे गए। हमले में 60 से भी ज्यादा लोग घायल।
  • 1995 : नैरोबी और तंजानिया के दार ए सलाम में अमेरिकी दूतावासों के बाहर बम विस्फोट, 224 की मौत।
  • 1996 : अमेरिकी दबाव के कारण सूडान ने लादेन को निष्कासित किया। लादेन अपने 10 बच्चों और तीन बीवियों को लेकर अफगानिस्तान पहुंचा। यहां उसने अमेरिकी बलों के खिलाफ जिहाद की घोषणा की।
  • 20 अगस्त 1998 : दूतावास पर हमलों के जवाब में अमेरिका ने अफगानिस्तान और सूडान में लादेन के प्रशिक्षण शिविरों पर हमले किए। कम से कम 20 लोग मारे गए। लादेन वहां मौजूद नहीं था।
  • 1998 : अमेरिका की एक अदालत ने दूतावासों पर बमबारी के आरोप में लादेन को दोषी ठहराया। उसके सिर पर 50 लाख डॉलर का इनाम रखा गया।
  • 1999 : एफबीआई ने लादेन को ‘10 सबसे वांछित आतंकवादियों’ की सूची में रखा।
  • 2000 : यमन में एक आत्मघाती हमले में 17 अमेरिकी नाविकों की मौत।
  • 2001 : अल-कायदा प्रमुख ने 11 सितंबर को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टॉवर्स और पेंटागन पर हमला किया, 3,000 से ज्यादा लोगों की मौत। इस हमले के बाद अमेरिकी सरकार ने लादेन का नाम मुख्य संदिग्ध के तौर पर घोषित किया। अमेरिकी सुरक्षा बल अफगानिस्तान स्थित तोरा-बोरा की पहाड़ियों में छिपे लादेन को मारने में असफल रहे। खबरों के मुताबिक, लादेन पाकिस्तान भागा।
  • 2002 : अमेरिका नीत सैन्य अभियान तेज हुआ। गठबंधन बलों ने मैदानी सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई। लादेन पर्दे के पीछे रहा, लेकिन कुछ समय बाद अल-जजीरा ने उसकी आवाज वाले दो ऑडियो टेप प्रसारित किए। अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के मुताबिक, ये रिकॉर्डिंग प्रामाणिक थी।
  • 2003 : ओसामा की दुनिया भर के मुसलमानों से अपील, अपने मतभेद दूर करके जिहाद में भाग लें। पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के मुताबिक लादेन संभवत: जीवित और अफगानिस्तान में कहीं छिपा हुआ। हालांकि उन्होंने दावा किया कि अल-कायदा अब उतना प्रभावी आतंकवादी गुट नहीं रहा।
  • 2004 : चार जनवरी को, अल-जजीरा ने दोबारा लादेन के टेप जारी किए। मार्च में अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने अफगान पाकिस्तान सीमा के पास लादेन के लिए खोज अभियान और तेज किया।
  • 2009 : अमेरिकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स ने कहा कि अधिकारियों के पास कई ‘सालों’ से लादेन के पते के बारे में कोई विश्वसनीय जानकारी नहीं है।
  • 02 मई 2011 : अमेरिका ने इस्लामाबाद के पास (अब्बॊटाबाद में) एक विशेष अभियान में लादेन को मार गिराया।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Dan Ackman. "The Cost Of Being Osama Bin Laden" Archived जुलाई 29, 2017 at the वेबैक मशीन. September 14, 2001. Retrieved March 15, 2011.
  2. Fair, C. Christine; Watson, Sarah J. (February 18, 2015). Pakistan's Enduring Challenges. University of Pennsylvania Press. पृ॰ 246. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780812246902. मूल से January 31, 2016 को पुरालेखित. Osama bin Laden was a hard-core Salafi who openly espoused violence against the United States in order to achieve Salafi goals.
  3. Brown, Amy Benson; Poremski, Karen M. (December 18, 2014). Roads to Reconciliation: Conflict and Dialogue in the Twenty-first Century. Routledge. पृ॰ 81. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781317460763. मूल से January 31, 2016 को पुरालेखित.
  4. Osama Bin Laden (2007) Suzanne J. Murdico
  5. Armstrong, Karen (July 11, 2005). "The label of Catholic terror was never used about the IRA". The Guardian. London. मूल से December 26, 2016 को पुरालेखित.
  6. "The Abbottabad Mystery". मूल से 7 सितंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 सितंबर 2019.
  7. आज तक. "जिंदा है ओसामा बिन लादेन: स्नोडन". मूल से 10 फ़रवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ११ फ़रवरी २०१६.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]