ईलम

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ईलम
हलतमती
𒁹𒄬𒆷𒁶𒋾
ईलम साम्राज्य का क्षेत्र (नारंगी रंग में) और पड़ोसी क्षेत्रों का कांस्य युगीन विस्तार
अन्य नामईलम, एलामाइट, हलतमती, सुसियाना
भौगोलिक विस्तारईरान
29°54′N 52°24′E / 29.900°N 52.400°E / 29.900; 52.400निर्देशांक: 29°54′N 52°24′E / 29.900°N 52.400°E / 29.900; 52.400
कालपूर्व-फ़ारस साम्राज्य युग
तिथियाँ3200–539 ई.पू.
पूर्ववर्तीफ़ारस में नवपाषाण युग
परवर्तीहख़ामनी साम्राज्य

ईलम (अंग्रेजी : एलामाइट) दक्षिण-पश्चिमी फ़ारस (वर्तमान ईरान) की समृद्ध सभ्यता और एक प्राचीन साम्राज्य था, जो वर्तमान ईरान के ख़ुज़ेस्तान प्रांत में केन्द्रित था।[1] इसका काल ल. 3200 से 539 ई.पू. रहा था।[2] इस प्राचीन सभ्यता का वर्णन इसकी समकालीन सभ्यताओं जैसे मेसोपोटामिया के असीरियाई तथा सुमेरी स्रोतों में मिलता है।[3]

इतिहास[संपादित करें]

ईलमी भाषा मे हलतमती

[4][5]

यह साम्राज्य न तो आर्य था और न ही सेमेटिक, इसकी भाषा को भी गैर-समूह की भाषा माना गया है। छठी शताब्दी ई.पू. के मध्य में जब पहली बार फ़ारस की संपूर्ण सत्ता पर आर्य मूल के हख़ामनी साम्राज्य (जिसे फ़ारसी साम्राज्य भी कहते हैं) का शासन हुआ तो ईलमी भाषा को भी राजकीय भाषा बनाया गया। बिसितुन के शिलालेख (480 ई.पू.) में इस भाषा में भी उत्कीर्ण लेख मिलते हैं।[6]

ईलम सभ्यता का काल विभाजन[संपादित करें]

ईलम सभ्यता का कालक्रम

ईलम सभ्यता के इतिहास का मुख्यत चार भागों मे विभक्त किया गया हैं-

  1. आद्य ईलम युग :- ल. 3200 से 2700 ई.पू.
  2. पूर्व ईलम युग :- ल. 2700 से 1500 ई.पू.
  3. मध्य ईलम युग :- ल. 1500 से 1100 ई.पू.
  4. नव ईलम युग :- ल. 1100 से 539 ई.पू.

सिंधु-सरस्वती सभ्यता से संबंध और व्यापार[संपादित करें]

कई पुरातात्विक खोजों से पता चलता है कि ईलम सभ्यता द्वारा अफ्रीका और एशिया के तटों पर समुद्री व्यापार कई सहस्राब्दी पहले शुरू हुआ था। सिंधु घाटी सभ्यता और मेसोपोटामिया और ईलम शहरों के बीच व्यापार का अनुमान सिंधु कलाकृतियों की कई खोजों से लगाया जा सकता है, खासकर सुसा की खुदाई में।[7] शंख से बनी विभिन्न वस्तुएं जो सिंधु तट की विशेषता हैं, विशेष रूप से ट्रुबिनेला पाइरम और फासिओलारिया ट्रैपेज़ियम, लगभग 2500–2000 ई.पू. के मेसोपोटामिया और सुसा के पुरातात्विक स्थलों में पाई गई हैं।[8] सिंधु के कारेलियन मोती खुदाई के दौरान सुसा में पाए गए थे।[9] विशेष रूप से, सफेद रंग में नक्काशीदार डिज़ाइन वाले कार्नेलियन मोती संभवतः सिंधु घाटी से आयात किए गए थे, और हड़प्पावासियों द्वारा विकसित एसिड-नक़्क़ाशी की तकनीक के अनुसार बनाए गए थे।[10]

ऐसा प्रतीत होता है कि 1900 ई.पू. के बाद सिंधु घाटी सभ्यता के लुप्त होने के साथ ही व्यापार भी कम हो गया था।[11]

प्राचीन भारत से संबंध[संपादित करें]

प्राचीन हिन्दू ग्रंथों में सुशा का वर्णन हैं, जिस नाम से इसकी (ईलम) राजधानी थी, यद्यपि यह वही प्रदेश रहा होगा यह सत्यापित नहीं हो पाया है। एक और मत के अनुसार राजा ययाति के वंश में उत्पन्न "चक्रवर्ती राजा एलिन" द्वारा यह सभ्यता बसाई गई थी, एलिन राजा दुष्यंत के पिता थे व चक्रवर्ती सम्राट भरत के पितामह थे। किन्तु एक अन्य मत के अनुसार एलम राज्य का सम्बन्ध "राजा एल" से होना अधिक प्रासंगिक है। उनका नाम एल पुरुरवा भी है। जो इला के पुत्र थे व सोम वंश के संस्थापको में एक थे।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Elam (GN)". Oracc: The Open Richly Annotated Cuneiform Corpus.
  2. "Elamtu [ELAM] (GN)". Oracc: The Open Richly Annotated Cuneiform Corpus. मूल से 26 मार्च 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 सितंबर 2023.
  3. Skolnik, Fred; Berenbaum, Michael (2007). Encyclopaedia Judaica, Volume 6. पृ॰ 283. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0028659343.
  4. Desset (2020a).
  5. Desset (2020b).
  6. Hock, Hans Heinrich (2009). Language History, Language Change, and Language Relationship: An Introduction to Historical and Comparative Linguistics (2nd संस्करण). Mouton de Gruyter. पृ॰ 69. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-3110214291.
  7. McIntosh, Jane (2008). The Ancient Indus Valley: New Perspectives. ABC-CLIO. पपृ॰ 182–190. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781576079072.
  8. Gensheimer, T. R. (1984). "The Role of shell in Mesopotamia : evidence for trade exchange with Oman and the Indus Valley". Paléorient. 10: 71–72. डीओआइ:10.3406/paleo.1984.4350.
  9. Guimet, Musée (2016). Les Cités oubliées de l'Indus: Archéologie du Pakistan (फ़्रेंच में). FeniXX réédition numérique. पृ॰ 355. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9782402052467.
  10. Podany, Amanda H. (2012). Brotherhood of Kings: How International Relations Shaped the Ancient Near East. Oxford University Press. पृ॰ 49. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-19-971829-0.
  11. Reade, Julian E. (2008). The Indus-Mesopotamia relationship reconsidered (Gs Elisabeth During Caspers). Archaeopress. पपृ॰ 16–17. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-4073-0312-3.
  12. "Site officiel du musée du Louvre". cartelfr.louvre.fr.
  13. "Site officiel du musée du Louvre". cartelfr.louvre.fr.
  14. Guimet, Musée (2016). Les Cités oubliées de l'Indus: Archéologie du Pakistan (फ़्रेंच में). FeniXX réédition numérique. पपृ॰ 354–355. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9782402052467.
  15. "Louvre Museum Official Website". cartelen.louvre.fr.
  16. Art of the First Cities: The Third Millennium B.C. from the Mediterranean to the Indus. Metropolitan Museum of Art. 2003. पपृ॰ 401–402. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781588390431.

सन्दर्भ ग्रन्थ[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]