आर्मीनियाई जनसंहार

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सशत्र ऑटोमान सैनिक आर्मीनियाई नागरिकों को मार्च कराकर जेल ले जाते हुए (अप्रैल १०१५)

ऑटोमान सरकार द्वारा योजनाबद्ध रूप से अल्पसंख्यक आर्मीनियों का जो संहार कराया गया वह आर्मीनियाई नरसंहार (अंग्रेज़ी: Armenian Genocide या Armenian Holocaust) कहलाता है। (आर्मेनियाई: Հայոց ՑեղասպանությունHayots Tseghaspanutyun)। इस दौरान १० लाख से १५ लाख लोगों की हत्या का अनुमान है। यह जनसंहार २४ अप्रैल १९१५ से शुरू हुआ जब ऑटोमान सरकार ने 250 आर्मीनियाई बुद्धिजीवियों को कांन्स्टेनटीनोपोल में बन्दी बना लिया। इसके बाद प्रथम विश्वयुद्ध और उसके बाद तक नरसंहार जारी रहा। इसे दो चरणों में किया गया: पुरुषों की एकमुश्त हत्याएँ, सेना द्वारा जबरन गुलामी व महिलाओं, बच्चों व बूढों को सीरिया के रेगिस्तान में मौत की पदयात्रा (डेथ मार्च) पर भेजना। सैनिकों द्वारा खदेडे जाते हुए प्राय ही इन लोगो के साथ बार बार लूटपाट, भूखे रखे जाने, बलात्कार, मारपीट व हत्याएँ हुईं।[1][2][3] इनके साथ ही अन्य ईसाई समूहों जैसे कि असीरियाईओट्टोमन के यूनानियों को भी निशाना बनाया गया। इतिहासकार इसे ओट्टोमन साम्राज्य की उसी नरसंहार नीति का हिस्सा मानते हैं।
राफाएल लेम्किन इस घटना से इतने आहत हुए थे कि उन्होने १९४३ में नरसंहार genocide शब्द की परिभाषा दी।[4] अपने प्रायोजित व योजनाबद्ध कत्लेआम के लिये आर्मीनियाई नरसंहार को आधुनिक काल के पहले नरसंहारों में गिना जाता है।[5][6][7] यहूदी नरसंहार के बाद यह दूसरा सबसे ज्यादा अध्ययन किया जाने वाला नरसंहार है। हालाँकि तुर्की हमेशा ही इस घटना को नरसंहार कहे जाने का विरोध करता रहा है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. कीज़र, हैंस-लुकास; स्कैलर, डोमिनिक जे. (2002), Der Völkermord an den Armeniern und die Shoah [आर्मीनियाई जनसंहार और शोआह] (जर्मन में), क्रोनोज़, पृ॰ 114, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 3-0340-0561-X
  2. वॉकर, क्रिस्टोफर जे. (1980), Armenia: The Survival of A Nation (आर्मीनिया-द सर्वाविअल ऑफ ए नेशन), लंदन: क्रूम हेल्म, पपृ॰ 200–3
  3. ब्रिस, जेम्स विस्काउंट; टोइन्बी, अर्नॉल्ड (2000), सराफियान, एरा (संपा॰), The Treatment of Armenians in the Ottoman Empire, 1915–1916: Documents Presented to Viscount Grey of Falloden (uncensored संस्करण), प्रिंसटन, न्यू जर्सी: गोमिदास, पपृ॰ 635–49, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-9535191-5-5
  4. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  5. "काँउसिल ऑफ यूरोप पार्लियामेंट्री असेम्बली रेज़ोल्युसन". आर्मेनियन जेनोसाइड. मूल से 10 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 अप्रैल 2015.
  6. फर्ग्युसन, निआल (2006). द वार ऑफ द वर्ल्ड: ट्ंवेटियथ सेंचुरी कॉन्फ्लिक्ट एंड द डिसेंट ऑफ द वेस्ट. न्युयार्क: पेंग्युइन प्रकाशन. पृ॰ 177. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 1-59420-100-5.
  7. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]