2014 भारत - पाकिस्तान बाढ़

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2014 भारत - पाकिस्तान बाढ़

उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप का यह चित्र अंतरिक्ष एंजेंसी नासा द्वारा 4 सितम्बर 2014 को लिया गया है, जिसमें जम्मू और कश्मीर के ऊपर भारी बादल दिखाई दे रहे हैं।
तिथि 3 - 26 सितम्बर 2014
स्थान भारत
जम्मू और कश्मीर
पाकिस्तान
आज़ाद कश्मीर
गिलगित-बल्तिस्तान
पंजाब
मृत्यु 390
200 भारत में[1]
190 पाकिस्तान में[2]
संपत्ति हानि 2,500 गाँव प्रभावित [3]

सितम्बर 2014 में, मूसलाधार मानसूनी वर्षा के कारण भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर ने अर्ध शताब्दी की सबसे भयानक बाढ़ आई। यह केवल जम्मू और कश्मीर तक ही सीमित नहीं थी अपितु पाकिस्तान नियंत्रण वाले आज़ाद कश्मीर, गिलगित-बल्तिस्तानपंजाब प्रान्तों में भी इसका व्यापक असर दिखा।[4] 8 सितम्बर 2014 तक, भारत में लगभग 200 लोगों तथा पाकिस्तान में 190 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। भारत के गृह मंत्रालय के अनुसार 450 गाँव जल समाधि ले चुके हैं।[1][2]

उत्पत्ति[संपादित करें]

सिंधु नदी तंत्र, जो कि उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप में है और इसकी प्रमुख नदियाँ सिंधु, झेलम, चेनाब, रावी, ब्यास और सतलुज हैं।

भारत में मानसून के अंतिम चरण में, जम्मू और कश्मीर और इससे लगे हुए इलाकों में 2 सितम्बर 2014 से भारी वर्षा होने लगी। इस कारण से भारत के साथ साथ पाकिस्तान में भी बाढ़ और भूस्खलन की घटनायें सामने आयीं। 5 सितम्बर को श्रीनगर में झेलम नदी का जलस्तर 22.40 फीट (6.83 मी॰) हो गया जो कि खतरें के निशान से 4.40 फीट (1.34 मी॰) अधिक है। अनंतनाग जिले के संगम में जलस्तर 33 फीट (10 मी॰) पहुँच गया जो कि खतरे के निशान से 12 फीट (3.7 मी॰) ऊपर है।[5][6]

चेनाब नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिसके कारण पाकिस्तान के सैकड़ों गाँव जलमग्न हो गए। भारी वर्षा ने पाकिस्तान के गिलगित-बल्तिस्तान, कश्मीर व पंजाब प्रान्तों के कई जिलों में भारी तबाही मचाई है।[7]

बाढ़[संपादित करें]

कश्मीर घाटी के सभी जिलों में बाढ़ का प्रभाव दिख रहा है। 6 सितम्बर 2014 को कश्मीर घाटी में मृत लोगों की संख्या 100 पार कर गई। जम्मू और कश्मीर में 2,500 गाँव बाढ़ से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हैं, जिसमें 450 गाँव जल समाधि ले चुके हैं।[1] बाढ़ के कारण जम्मू और कश्मीर के सड़कों पर पानी भर गया है। अनंतनाग, श्रीनगर, पुलवामा, बारामुला और सोपोर जिलें बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हैं। झेलम नदी खतरे के निशान से लगातार ऊपर बह रही है। 70000 घन मीटर पानी हर सेकेंड छोड़ा जा रहा है।[8]

8 सितम्बर 2014 के अनुसार, श्रीनगर और इसके पड़ोसी जिलों में 12 फीट (3.7 मी॰) तक पानी भर गया है, जिससे अधिकांश घर पानी में डूब गए हैं।[9]

परिणाम[संपादित करें]

श्रीनगर शहर का अधिकांश हिस्सा बाढ़ की चपेट में है। झेलम नदी शहर के राजबाग, जवाहर नगर, गोग्जी बाग और वजीर बाग इलाकों को पूरी तरह से डुबो दिया है। राजबाग इलाके के होटलों, जहाँ पर्यटक रुके थे, में एक मंजिल तक पानी भर गया है।[10] जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के अनुसार, उन्होंने बचाव अभियान के लिए दिल्ली से नावें खरीदी है तथा भारतीय वायुसेना ने शहर में राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया।[11]

राज्य भर में 50 से अधिक पुल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। जलस्तर घटने तक संपत्ति के नुकसान का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता के लिए केन्द्र सरकार से 25,000 टेंट और 40,000 कम्बल मांगे हैं।[12]

जम्मू संभाग में भूस्खलन और भारी वर्षा के कारण बहुत सी सड़के, दर्जनों पुल, इमारत और फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनें रुक गई थी। इस राजमार्ग को दोबारा 8 सितम्बर को जलस्तर घटने के बाद दोबारा खोल दिया गया।[13] कटरा जाने वाली ट्रेनों को निरस्त कर दिया गया जबकि हज विमानों की उड़ान को भी टाल दिया गया।[14] श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग 9 सितम्बर को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया।[15] भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने इसे "राष्ट्रीय आपदा" के समान कहा।

राहत एवं बचाव कार्य[संपादित करें]

भारत के गृह सचिव अनिल गोस्वामी के अनुसार, 23 विमान, 29 हेलिकॉप्टर, भारतीय सेना के 205 कॉलम और 244 नावें राहत और बचाव कार्य के लिए लगाई गई हैं। 10 वीसैट तंत्रों को विमानों द्वारा उतारा गया है, जिससे दूरसंचार टावरों को फिर से शुरू किया जा सके।[2][16] दो आईएल 76 और एक एएन 32 विमानों से 50 टन राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है जिसमें राशन, पानी और दवाएं शामिल हैं।[8] सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (एनडीआरएफ) के द्वारा 10 सितंबर तक 47,200 लोगों को राज्य के विभिन्न हिस्सों से बचाया जा चुका है। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना के साथ मिलकर युद्ध स्तर पर मोबाइल टावरों को सही करने का कार्य शुरू कर दिया है, ताकि क्षेत्र में दूरसंचार व्यवस्था फिर से स्थापित हो सके।[17]

गृह मंत्रालय ने राहत एवं बचाव कार्यों पर पल-पल की सूचना ले रहा है। केन्द्र सरकार ने दिल्ली में नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया है, जिससे लोगों अपने लापता परिजनों के बारे में जानकारी मिल सके।[14]

14 सितंबर 2014 को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार भारतीय सेना और एनडीआरएफ ने 1,84,000 से भी ज्‍यादा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचा दिया था। यही नहीं, 5,08,000 लीटर पानी एवं 3,10,000 खाद्य पैकेट और 1054 टन से ज्‍यादा पके खाद्य पदार्थ तथा 8,200 कंबल बाढ़ पीडि़तों के बीच वितरित किए जा चुके थे तथा उन लोगों को 1392 टेंट मुहैया कराए गए।। [18] जल को शुद्ध करने वाली 13 टन टैबलेट और हर दिन 1.2 लाख बोतलों को फिल्‍टर करने की क्षमता रखने वाले छह संयंत्र पहले ही श्रीनगर पहुंच गए हैं। विशाखापत्‍तनम से रवाना किए गए जल निकासी पंप समेत इंजीनियरिंग स्‍टोर भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र पहुंच गए हैं। अवंतिपुर, पट्टन, अनंतनाग और ओल्‍ड एयरफील्‍ड में चार फील्‍ड हॉस्पिटल खोले गए जहाँ उक्त तिथि तक 51,476 मरीजों का इलाज किया गया। इसके अतिरिक्त सड़क संपर्क बहाल करने के लिए सीमा सड़क संगठन के पांच कार्यदल, जिनमें 5700 कर्मी शामिल हैं तैनात किए गए हैं। वे अब तक बटोटे-किश्‍तवाड़ और श्रीनगर-सोनामार्ग सड़क संपर्कों को सफलतापूर्वक बहाल कर चुके हैं। श्रीनगर-बारामूला सड़क को हल्के वाहनों के लिए खोला जा रहा है।

आर्थिक सहायता[संपादित करें]

भारत के प्रधानमंत्री ने जम्मू और कश्मीर राज्य के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और 1,000 करोड़ (US$146 मिलियन) की मदद राज्य सरकार को दी, यह पहले के 1,100 करोड़ (US$160.6 मिलियन) के अतिरिक्त फंड था, जो कि पहले ही राज्य को आपदा से निपटने के लिए दिया जा चुका था।[19] इसके अतिरिक्त मोदी ने प्रभावित इलाकों के सर्वे कराने की भी बात कही तथा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को भी मदद की पेशकश की। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 करोड़ (US$1.46 मिलियन) की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।[20] इसके अतिरिक्त मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडुआन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने भी 5 करोड़ (US$0.73 मिलियन) की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।[13][21][22][23]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Kashmir floods: phones down, roads submerged; toll touches 200, rescue ops on". हिन्दुस्तान टाइम्स. 8 सितम्बर 2014. मूल से 24 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 सितम्बर 2014. Archived 2018-12-24 at the वेबैक मशीन
  2. "India and Pakistan Strain as Flooding Kills Hundreds". न्यूयॉर्क टाइम्स. 8 सितम्बर 2014. मूल से 10 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 सितम्बर 2014.
  3. "Jammu and Kashmir flood tolls climbs up to 160, Rajnath Singh assures help". द इकोनोमिक टाइम्स. आईएएनएस. 6 सितम्बर 2014. मूल से 7 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 सितम्बर 2014.
  4. "Floods, rains claim 128 lives in Punjab, AJK, Gilgit-Baltistan: NDMA". बिजनेस रिकॉर्डर. 7 सितम्बर 2014. मूल से 7 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 सितम्बर 2014.
  5. "J&K Floods: Situation grim in Kashmir, Army cantonment flooded; death toll mounts to 160". जी न्यूज़. 8 सितम्बर 2014. मूल से 8 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 सितम्बर 2014.
  6. "Flood Situation Grim in Jammu and Kashmir, Army Called for Rescue Efforts". न्यू इंडियन एक्सप्रेस. 5 सितम्बर 2014. मूल से 7 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 सितम्बर 2014.
  7. "High flood in River Chenab puts Qadirabad at risk". जियो न्यूज़. 6 सितम्बर 2014. मूल से 7 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 सितम्बर 2014.
  8. ग्रेटर कश्मीर समाचार पत्र का आधिकारिक जालस्थल. अभिगमन तिथि 7 सितम्बर 2014.http://www.greaterkashmir.com/news/2014/Sep/5/kashmir-floods-throw-life-out-of-gear-6.asp
  9. "Water 12 Feet Deep in Many Parts of Srinagar". NDTV. सितम्बर 8, 2014. मूल से 9 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि सितम्बर 8, 2014.
  10. "Srinagar: People trapped, city submerged, administration missing". इंडियन एक्सप्रेस. 7 सितम्बर 2014. मूल से 10 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 सितम्बर 2014.
  11. "India Pakistan floods: Kashmir city of Srinagar inundated". बीबीसी. मूल से 10 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 सितंबर 2014.
  12. Newspaper economic times official website. http://m.economictimes.com/news/politics-and-nation/jammu-and-kashmir-flood-toll-rises-to-120/articleshow/41853523.cms Archived 2014-09-06 at the वेबैक मशीन
  13. "Jammu & Kashmir floods: IAF, Army, NDRF step up rescue operations; 160 dead, thousands still stranded". जी न्यूज़. 8 सितम्बर 2014. अभिगमन तिथि 8 सितम्बर 2014.
  14. "Thousands Stranded in Srinagar, 150 Dead in Worst Floods in 60 Years". एनडीटीवी. 8 सितम्बर 2014. मूल से 8 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 सितम्बर 2014.
  15. "Srinagar- Leh Highway reopened for traffic". इंडियन एक्सप्रेस. 9 सितम्बर 2014. मूल से 9 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 सितम्बर 2014.
  16. "Jammu and Kashmir floods: Wireless sets rushed to revive communication". इकोनॉमिक टाइम्स. 9 सितम्बर 2014. मूल से 9 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 सितम्बर 2014.
  17. "Over 47,000 people rescued in Jammu and Kashmir, 4 lakh still stranded". डीएनए. 10 सितम्बर 2014. मूल से 10 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 सितम्बर 2014.
  18. "सेना के जवानों ने अब तक 1,84,000 से भी ज्‍यादा लोगों को बचाया". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 14 सितंबर 2014. मूल से 5 दिसंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 सितंबर 2014.
  19. "Flood situation grim in J-K, PM offers Rs. 1,000 crore assistance". हिन्दुस्तान टाइम्स. 7 सितम्बर 2014. मूल से 7 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 सितम्बर 2014. Archived 2014-09-07 at the वेबैक मशीन
  20. "Jammu and Kashmir Floods: Maharashtra Announces Rs. 10 Crore Aid". एनडीटीवी. 9 सितम्बर 2014. मूल से 10 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 सितम्बर 2014.
  21. "Tamil Nadu sanctions Rs 5 crore to flood-hit Jammu and Kashmir". टाइम्स ऑफ इंडिया. 8 सितम्बर 2014. मूल से 9 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 सितम्बर 2014.
  22. "Jammu and Kashmir floods: Gujarat Chief Minister Anandiben Patel announces Rs 5 crore aid and 1 lakh food packets for victims". डीएनए. 9 सितम्बर 2014. मूल से 10 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 सितम्बर 2014.
  23. "Andhra Pradesh government announces Rs 5 crore aid for flood-ravaged Jammu and Kashmir". डीएनए. 10 सितम्बर 2014. मूल से 11 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 सितम्बर 2014.