हेनरी का नियम

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

भौतिकी में हेनरी का नियम गैस के भौतिक गुणों से सम्बन्धित एक नियम है जिसे विलियम हेनरी ने १८०३ में प्रतिपादित किया था। हेनरी के नियम के अनुसार-

किसी नियत ताप पर, किसी द्रव के निश्चित आयतन में घुल सकने वाली किसी गैस की मात्रा उस गैस के उस द्रव के साथ साम्यावस्था की स्थिति में आंशिक दाब के समानुपाती होती है। प्रतिबन्ध यह है कि घुलने वाली गैस उस द्रव के साथ कोई रासायनिक क्रिया न करे।

इस नियम को दूसरे शब्दों में इस प्रकार भी कह सकते हैं-

किसी गैस की किसी द्रव में घुलनशीलता उस गैस के उस द्रव के उपर स्थित आंशिक दाब के समानुपाती होता है।

सामान्य जीवन में हेनरी के नियम का उदाहरण बार्बोनित मृदु पेयों में देखने को मिलता है।

हेनरी के नियम की सीमाएँ निम्न हैं:

  1. दाब बहुत अधिक न हो।
  2. ताप बहुत कम न हो।
  3. विलयन तनु हो।
  4. गैस,विलायक से रासायनिक अभिक्रिया न करे।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]