हस्त नक्षत्र
हस्त नक्षत्र में जन्मा जातक आकर्षक व्यक्तित्व का धनी होगा हस्त नक्षत्र 13वाँ नक्षत्र है। इस नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है। यह पू ष ण ढ प्रथम नाम अक्षर से पहचाना जाता है। नक्षत्र स्वामी चंद्रमा तो राशि कन्या इसका स्वामी बुध है। चंद्र का बुध शत्रु है। चंद्र प्रधान नक्षत्र में जन्म होने से जातक का स्वभाव शांत, भावना प्रधान दूसरों की मदद करने वाले आकर्षक व्यक्तित्व के धनी होते हैं।
आपमें जहाँ चंद्र के गुण होंगे वही राशि स्वामी बुध का भी प्रभाव जीवन भर रहता है। लग्नानुसार लग्न फल भी मिलता है। चंद्र मन का कारक है। वहीं बुध ज्ञान का कारक है। कन्या राशि में जन्म होने से आप विद्वान, पढ़े-लिखे होने के साथ-साथ आपमें वाकपटुता चतुराई भी अधिक होगी। आप शर्मीले स्वभाव के होने के साथ-साथ पाला बदलने में भी माहिर होंगे। नक्षत्र स्वामी चंद्र जिन ग्रहों के साथ जिस राशि में जिस अवस्था में होगा परिणामों में भी अंतर आ जाएगा।
चंद्र गुरु के साथ हुआ तो उतम गजकेसरी राजयोग होने से ऐसा जातक प्रभावशाली व्यक्तित्व का धनी होने के साथ विद्वान, सुखी जीवन जीने वाला होगा। प्रशासनिक सेवाओं में बैंक, प्रोफेसर, शिक्षण संस्थाओं में राजनीति में भी सफल होता है। चंद्र मंगल से दृष्टि संबंध बना रहा हो तो ऐसे जातक धनी भी होते हैं। धन से संबंधित कार्यों में रुकावट नहीं आती। चंद्र सूर्य आमने-सामने हो पूर्णिमा का दिन हो तो ऐसे जातक निश्चित ही निम्न वर्ग से ऊँचा उठ जाते हैं। धन संपन्नता होने के साथ-साथ उच्च व्यापारी, अधिकारी भी हो सकते हैं।
चंद्र.. शनि की युति हो तो ऐसे जातक संत प्रवृत्ति के, विद्वान, विचार शक्ति से अभिभूत करने वाले होते हैं। ऐसे जातक सम्मोहक भी होते हैं, ये प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी होते हैं। चंद्र शुक्र की युति वाले जातक सौंदर्य प्रेमी, कलाकार, गायन वादन के शौकीन, सौंदर्य प्रेमी, रसिक स्वभाव के, काम कला में प्रवीण होते हैं। आभूषण विक्रेता, सुगंधित वस्तुओं का व्यापार, सेल्समैन, इंजीनियर, डॉक्टर आदि में सफलता पाने वाले होते हैं। कपड़ों के व्यवसाय में भी सफलता मिलती है। चंद्र सूर्य साथ हो तो थोड़ी बाधाओं के बाद सफलता मिलती है।
नक्षत्र स्वामी की शुभ स्थिति हो वहीं राशि स्वामी बुध भी उत्तम स्थिति में हो तो ऐसा जातक उत्तम सफलता पाते हैं। स्वामी चंद्र हो तो एक ही राशि यानी कन्या राशि में ही होगा, लेकिन राशि स्वामी अन्य राशि में होगा। मेष लग्न में राशि स्वामी बुध कर्क, मिथुन, सिंह, मकर, कुंभ राशि में हो तो उत्तम परिणाम देने वाला होगा। वृषभ लग्न में बुध द्वितीय, चतुर्थ, पंचम, नवम, दशम भाव में उतम परिणाम देगी। कर्क लग्न में बुध सिंह, लग्न में पंचम भाव में ठीक रहेगा।
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