वेम्बनाड झील

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वेम्बनाड झील
Vembanad Lake
വേമ്പനാട്ട് കായൽ
वेम्बनाड झील पर गृहनौका
वेम्बनाड झील पर गृहनौका
केरल में स्थान
केरल में स्थान
वेम्बनाड झील
निर्देशांक9°35′N 76°25′E / 9.583°N 76.417°E / 9.583; 76.417निर्देशांक: 9°35′N 76°25′E / 9.583°N 76.417°E / 9.583; 76.417
मुख्य अन्तर्वाहअचनकोविल, मणिमला, मीनच्चिल, मूवाट्टुपुड़ा, पम्पा, पेरियार
मुख्य बहिर्वाहकई नहरें
द्रोणी देश भारत
अधिकतम लम्बाई96.5 कि॰मी॰ (317,000 फीट)
अधिकतम चौड़ाई14 कि॰मी॰ (46,000 फीट)
सतही क्षेत्रफल230 कि॰मी2 (2.5×109 वर्ग फुट)
अधिकतम गहराई12 मी॰ (39 फीट)
सतही ऊँचाई0 मी॰ (0 फीट)
द्वीपपातिरामणल, पेरुम्बलम, पल्लिपुरम
बस्तियाँकोट्टयम, आलाप्पुड़ा, कोच्चि, चेरतला
आधिकारिक नाम: वेम्बनाड-कोल आर्द्रभूमि
अभिहीत: 19 अगस्त 2002

वेम्बनाड झील (Vembanad Lake) भारत के केरल राज्य की सबसे बड़ी झील है। यह भारत की सबसे लम्बी झील भी कहलाती है और इसकी लम्बाई 96.5 कि॰मी॰ (317,000 फीट) है। वेम्बनाड से लगने वाले तीन ज़िले हैं - आलाप्पुड़ा, कोट्टयम और एर्नाकुलम। झील को जल कई नदियों व नहरों से प्राप्त होता है, जिनमें अचनकोविल, मणिमला, मीनच्चिल, मूवाट्टुपुड़ा, पम्पा और पेरियार प्रमुख हैं। झील में कई छोटे द्वीप भी हैं, जिनमें पातिरामणल, पेरुम्बलम और पल्लिपुरम शामिल हैं। कोच्चि के समीप झील का उत्तरी मुख अरब सागर को खुलता है।[1][2]

विवरण[संपादित करें]

वेम्बनाड झील को केरल के कई जिलो में अलग अलग नाम से जाना जाता है। इस झील की लम्बाई ९६ किलो मीटर है और इसकी चोड़ाई १४ किलो मीटर है। इस झील की गहराई १२ मीटर है। यह झील कुट्टनाड में पुन्नमड झील बुला के लोग पहचानते हैं। ऑर कोच्चि में यह झील कोच्चि झील के नाम से जाना जाता है। पोर्ट ऑफ़ कोच्चि दो द्वीप के आस पास में है-विल्लिंडण द्वीप ऑर वल्लारपाडं द्वीप। सबसे बड़ी और प्रसिद्ध नेहरु ट्रोफि नौका दौड़ इस झील पर आयोजित होती है। झील में प्रदूषण के संकट के कारण भारत सरकार ने इस झील को 'राष्ट्रीय जलभूमि संरक्षण योजनामें शामिल कर लिया है।

पर्यटन[संपादित करें]

वेम्बनाड झील एक आकर्षक पिकनिक स्थल भी है। यह झील बेकवाटर पर्यटन के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है। यहां बोटिंग, फिशिंग और साइटसीइंग के अनुभवों का आनंद लिया जा सकता है। झील पर कई गृहनौकाएँ (हाउसबोट) भी चलती हैं, जिसमें पर्यटक आकर रहते हैं।

भूमिशास्त्र और जल विज्ञान[संपादित करें]

वेम्बनाड आर्द्रभूमि का क्षेत्रफल २०३३.०२ वर्ग किमी है, इसकी वजह से यह भारत की सबसे बड़ी आर्द्रभूमि है। झील में जल की सतह समुद्रतल पर है। विभिन्न नहरे इस झील को उत्तर एवं दक्षिण से जोड़ती हैं। झील में पातिरामणल, पेरुम्बलम और पल्लिपुरम द्वीप हैं। पिछले कुछ वर्षों में अपने सैंदर्य के कारण सलानियों को आकर्षित करती है। सबसे प्रसिद्ध स्थान कुमारकोम पर्याटक गाँव है, जो की झील के पूर्वी तट पर स्थित है। कुमारकोम पक्षी अभयारण्य कुमारकोम गाँव के उत्तर दिशा में स्थित है। रामसर अभिसमय के अनुसार इस आर्द्रभूमि को अंतर्राष्ट्रीय महत्व का प्रमाण दिया गया है। यह प्रमाण झील की संरक्षण के लिए प्रदान किया गया है। पिछले कुछ सालों में झील का जलस्तर निरंतर कम होता जा रहा है। यह १९१७ में इसका सतही क्षेत्रफल २९०.८५ वर्ग किमी था। पर १९९० तक घटकर २२७ वर्ग किमी ही रह गया है। यहा विभिन्न जल परियोजनाएँ चलती आई हैं, जिनसे जलस्तल पर प्रभाव पड़ा है। इन में से प्रमुख है कोच्चि बंदरगाह पर स्थित विल्लिंगटन जलद्वीप का विस्तार करने के लिए। विकास की इन परियोजनाओं के कारण क्षेत्रफल बहुत कम हो गया है। इस आर्द्रभूमी में १२५२ मीटर लंबा नमकीन पानी का तणीर बाँध है। यह बाँध कुट्टनाड परियोजना कार्य के अंतरंकत बनाया गया था। इस्का प्रयोग धराओं को रोकने ऑर नमक के पानी को कुट्टनाड के नीचले भागों में घुसने से रोकने केलिए किया जाता है। यह अपनी तरह का भारत में सबसे बडा कीचड को नियंत्रण करनेवाला परियोजना कार्य है। इसकी मदद से कुट्टनाड के किसानों को खेती में सहायता हुई है। यह परियोजना कार्य झील को दो भागों में विभजित करता है। एक भाग में ताज़ा पानी रहता है ऑर भाग में नमकीन पानी रहता है। इस विभाजन के कारण कैई जलजीव साल भर ताज़ें पानी को रख करते हैं। जिसके कारण मछुआरों को सहायता मिलती है। इस तरह यह वेम्बनाड झील केलिए एक आशीर्वाद का समान है। वेम्बनड् जलभूमि उत्तर से दक्षिण दिशा में 196 किमी से अधिक और पूरब पश्चिम दिशाओं में 29 किलोमीटर तक फैला है जो ज्वारनदमुख, लैगून और नहरों की एक जटिल नेटवर्क का गठन किया है। इन क्षेत्रों में लगभग सभी गांवों में जल परिवहन के माध्यम से पहुँचा जा सकता है। संरक्षण और झीलों के सतत उपयोग के लिए रामसर कन्वेंशन द्वारा परिभाषित वेम्बनड जल्भूमि, अंतरराष्ट्रीय महत्व के झीलों की सूची में शामिल किया गया था। झील बिस्तर से गोले के अनियंत्रित खनन वेम्बनड् के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा है।

चित्रदीर्घा[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Lonely Planet South India & Kerala," Isabella Noble et al, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012394
  2. "The Rough Guide to South India and Kerala," Rough Guides UK, 2017, ISBN 9780241332894