विश्व शास्त्रीय तमिल सम्मेलन २०१०

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सम्मेलन का नारा

विश्व शास्त्रीय तमिल सम्मेलन २०१० (तमिल: உலகத் தமிழ்ச் செம்மொழி மாநாடு), (आधिकारिक नाम "नाइन्थ वर्ल्ड तमिल कॉन्फेरेन्स्", तथा अनौपचारिक नाम "वर्ल्ड तमिल मीट"), तमिल विद्वानों, शोधकर्ताओं, कवियों तथा ख्यातिलब्ध जनों का एक अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन है। यह २३ जून से २७ जून २०१० तक कोयम्बटूर में सम्पन्न हुआ।

तैयारियाँ[संपादित करें]

भारत तथा अन्य देशों से ४०० से अधिक पत्रकारों ने इस सम्मेलन में भाग लिया। ७१.२५ लाख रु. की लागत से एक १२००० वर्ग फुट का मीडिया केन्द्र स्थापित किया गया। इसमें टेलीफोन व फैक्स कनेक्शन, ७५ इन्टर्नेट संबद्ध कंप्यूटर, तथा टीवी एवं बंद-परिपथ कैमरे लगाये गये।

प्रतिभागी[संपादित करें]

सम्मेलन का उद्घाटन भारत की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा किया गया। फिनिश तमिल विद्वान् अस्को पर्पोलो को कलैग्नार एम. करुणानिधि शास्त्रीय तमिल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

विषय गीत[संपादित करें]

विषय गीत (थीम साँग) "सेम्मोऴियान तमिऴ मोऴियाम्" तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि द्वारा लेखनीबद्ध किया गया है, तथा संगीत ए. आर. रहमान द्वारा दिया गया है।[1]

ये भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "World Classical Tamil Conference Theme Song". द हिन्दू. मई २०, २०१०. मूल से 27 जुलाई 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २२ जून २०१०.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]