विकिपीडिया वार्ता:क्या आप जानते हैं

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मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

All thanks to सदस्य:Kingram to take the initiative to build a "Did you know" process in Hindi Wikipedia.

--मितुल ०१:४३, २२ जनवरी २००७ (UTC)
क्या आप जानते हैं ?
नियम
चर्चा
सुझाव
पुरालेख (स्वीकृत)
पुरालेख (अस्वीकृत)


कार्य सुचि[संपादित करें]

कार्य सुचि मे हम उन कार्यो को सम्मिलित कर सुचिबद्ध करेगे जिन्हे हमे जल्द पुरा करना है ।

Can you please change पतञ्जलि ने पाणिनि के अष्टाध्यायी पर अपनी टिप्पणी लिखी जिसे महाभाष्य का नाम दिया (महा+भाष्य(समीक्षा,टिप्पणी,विवेचना,आलोचना)) । to पतंजलि ने पाणिनि के अष्टाध्यायी पर अपनी टिप्पणी लिखी जिसे महाभाष्य का नाम दिया (महा + भाष्य - समीक्षा, टिप्पणी, विवेचना, आलोचना)। or something. It may look nicer. --Wolf १५:३२, २४ जनवरी २००७ (UTC)

good point.. done... --मितुल १७:०३, २४ जनवरी २००७ (UTC)
Erm, nothing happened it seems. Please would you replace the last KAJH with पतंजलि ने पाणिनि के अष्टाध्यायी पर अपनी टिप्पणी लिखी जिसे महाभाष्य का नाम दिया (महा + भाष्य - समीक्षा, टिप्पणी, विवेचना, आलोचना)। Thank you. --Wolf १७:४५, २४ जनवरी २००७ (UTC)
done.. --मितुल ०९:०१, २५ जनवरी २००७ (UTC)

क्या आप जानते है 26 मार्च 2007 को हिंदी साहित्यकार महादेवी वर्मा की 100वीं जयंती है। उनका जन्म 26 मार्च 1907 को हुआ था। यह वर्ष उनके जयंती वर्ष के रूप में भी मनाया जा रहा है। पूर्णिमा वर्मन ०९:४५, १० मार्च २००७ (UTC)

  • भगवान हनुमान के एक विशेष मंदिर तक जो मध्य प्रदेश के साँवेर, नामक स्थान पर स्थित है। इस मंदिर की खासियत यह है कि इसमें हनुमानजी की उलटी मूर्ति स्थापित है। और इसी वजह से यह मंदिर उलटे हनुमान के नाम से मालवा क्षेत्र में प्रसिद्ध है।--आशीष भटनागरसंदेश १८:५७, ९ अगस्त २००८ (UTC)
  • देश का सबसे बड़ा रसोईघर पुरी के प्रसिध्द जगन्नाथ मंदिर, पुरी का है । यहां भगवान जगन्नाथ को महाप्रसाद जिसे अब्धा कहा जाता है, चढ़ाने के लिए तकरीबन 500 खानसामें लगे हैं । 56 विभिन्न प्रकार पे महाप्रसाद चढ़ाने के लिए 300 हेल्पर इन खानसामों की मदद करते हैं ।--आशीष भटनागरसंदेश ०४:४३, १२ अगस्त २००८ (UTC)
  • भारत के राष्ट्रपति, उन कक्षों में नहीं रहते, जहां वाइसरॉय रहते थे, बल्कि वे पाहुना कक्ष में रहते हैं। प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल श्री.सी.राजगोपालाचार्य को स्वामी शयन कक्ष, अपनी विनीत नम्र रुचियों के कारण, अति आडम्बरिक लगा। उनके उपरांत सभी राष्ट्रपतियों ने यही परंपरा निभाई।
  • भारत का राष्ट्रपति भवन, विश्व के किसी भी राष्ट्रपति आवास से कहीं बड़ा है।
  • यहां की गुलाब वाटिका, जो कि मुगल उद्यान का एक अंश है, में अनेकों प्रकार के गुलाब लगे हैं, जो कि जन साधारण हेतु, प्रति वर्ष फरवरी माह के दौरान खुलती है।
  • इस भवन के निर्माण में लोहे का नगण्य प्रयोग हुआ है।
  • इस प्रासाद/महल में ३४० कक्ष हैं।
  • प्रसिद्ध हिन्दी फिल्म फना के गाने मेरा देस रंगीला की शूटिंग, उसके रिहर्सल सहित यहीं हुई थी।--आशीष भटनागरसंदेश ०४:४३, १२ अगस्त २००८ (UTC)

इन्हें भी डालें[संपादित करें]

लेख: डी एन ए फिंगर प्रिंटिंग

  1. मानव की कोशिका के डी एन ए की कुल लंबाई लगभग छः फीट होती है।
  2. आयु के साथ व्यक्ति के डी एन ए में कोई बदलाव नहीं आता है। अतः जन्म से मृत्यु पर्यंत डी एन ए एक सा ही रहता है।
  3. एक व्यक्ति के किसी भी ऊतक की किसी भी कोशिका से लिया गया डी एन ए एक ही प्रकार की डी एन ए फिंगर प्रिंटिंग प्रतिचित्र प्रदर्शित करता है।
  4. सामूहिक बलात्कार की घटाना में सम्मिलित हर बलात्कारी की पहचान डी एन ए फिंगर प्रिंटिंग द्वारा अलग-अलग की जा सकती है।
  5. ब्रिटेन, कनाडा, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया ने आपने देश में प्रवेश के लिए डी एन ए फिंगर प्रिंटिंग को अनिवार्य बना दिया है।

--आशीष भटनागरसंदेश १७:३२, ८ अक्टूबर २००८ (UTC)

प्रणाली में परिवर्तन[संपादित करें]

इस समय "क्या आप जानते हैं" में अद्यतन करने के लिये तीन कार्य करने पड़ते हैं:

  1. साँचा:क्या आप जानते हैं में हुक हटाना/जोड़ना
  2. साँचा:क्या आप जानते है पूर्व में हटाया गया हुक जोड़ना
  3. विकिपीडिया:क्या_आप_जानते_है(पूर्व-प्रदर्शित) में हटाया गया हुक जोड़ना

यह प्रक्रिया खींची हुई है और इसे छोटा किया जा सकता है। अधिकतम दो जगह बदलाव करना काफ़ी होना चाहिये। इसके लिये यदि साँचा:क्या आप जानते हैं को सदस्य:Siddhartha Ghai/sandbox5 के समान कर दिया जाए (अर्थात नए बने उप-साँचे साँचा:क्या आप जानते हैं/स्वरूप का प्रयोग किया जाए) तो ऐसा संभव है। इससे बदलाव केवल साँचा:क्या आप जानते हैं और विकिपीडिया:क्या_आप_जानते_है(पूर्व-प्रदर्शित) में करना होगा, और साँचा:क्या आप जानते है पूर्व बीच में से हट जाएगा। यह मुखपृष्ठ पर लागू होकर सदस्य:Siddhartha Ghai/sandbox4 जैसा दिखेगा।

इस परिवर्तन से पहले जो एक अधिक div element जुड़ता था वह नहीं जुड़ेगा (nesting एक स्तर कम होगी) और दिखाई देने में केवल यह फ़र्क आएगा कि चारों तरफ़ से 0.1em की padding हट जाएगी। मेरे विचार से यह चीज़ें अनावश्यक हैं, परंतु यदि आवश्यक हों तो नए साँचे में इसे भी जोड़ा जा सकता है।

इसके अतिरिक्त, इस समय पुरालेख किसी व्य्यावस्थित तरीके से नहीं रखे गए हैं। उन्हें भी व्यवस्थित होना चाहिये। हम इसके लिये विकिपीडिया:क्या_आप_जानते_है(पूर्व-प्रदर्शित) को विकिपीडिया:क्या आप जानते हैं/पुरालेख पर स्थानांतरित कर सकते हैं। तद्पश्चात पुरालेख वर्षानुसार रखे जा सकते हैं, जैसे विकिपीडिया:क्या आप जानते हैं/पुरालेख/2012। पुराने वालों को विकिपीडिया:क्या आप जानते हैं/पुरालेख/2011 तक में डाला जा सकता है। पुरालेखों में अलग-अलग हुक वर्तमान तरीके, अर्थात मुखपृष्ठ से हटाए जाने की तिथि अनुसार रखे जा सकते हैं। ऐसे में उन्हें हटाया हुआ तब माना जाना चाहिये जब वे पूर्व-प्रदर्शित से भी हट जाएँ।

साथ ही साथ, लेखों के वार्ता पृष्ठों पर जो साँचा:क्यासंवाद जोड़ा जाता है, उसमें परिवर्तन करना चाहिये ताकि वह वर्ष-अनुसार लेखों को श्रेणी:क्या आप जानते हैं - वर्ष में वर्गीकृत करे। इससे मुखपृष्ठ पर हाल में देखे गए विषयों पर आसानी से जानकारी जुटाई जा सकेगी ताकि जिस विषय पर हाल में कुछ न दिखाया गया हो उन्हें जोड़ने की कोशिश की जाए। साथ ही साथ यह जानकारी स्टैटिस्टिक्स के लिये भी अच्छी रहेगी।

इसपर अन्य सदस्यों के विचारों का स्वागत है।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 12:05, 15 मार्च 2012 (UTC)[उत्तर दें]

कोडिंग से सम्बंधित परिवर्तन बहुत सूक्ष्म है जो मुख्यपृष्ठ पर कोई विशेष परिवर्तन नहीं दिखायेगें, तो इसमें मुझे तो कोई आपत्ति नहीं।
मुझे भी यह बात बहुत बार मह्सूस हुई थी कि पूरी प्रक्रिया कष्टकर है व इसे व्य्यावस्थित करने की आवश्यकता है। वर्षानुसार रखना उचित है परन्तु "पूर्व-प्रदर्शित" में रखने से मुझे नहीं लगता कि कोई विशेष अंतर पड़ता है। मेरे विचार से इस अनुभाग को मुख्यपृष्ठ से हटा देना चाहिए।
मुझे लगता है कि हमें अपने साँचो में बंगाली विकिपीडिया की तरह बदलाव करने चाहिए, वहाँ "क्या आप जानते हैं" की प्रक्रिया जीवंत है (वहाँ सक्रीय सदस्य हिन्दी से कम हैं, शायद?)।
सिद्धार्थ मेरे विचार से हमें अन्य सदस्यों को भी "क्या आप जानते हैं" की प्रक्रिया में शामिल करना चाहिए। इसके लिए हमें आधारभूत से काम करना पड़ेगा, जैसे साँचो में बदलाव, इनमें हम अंग्रेज़ी विकिपीडिया की तरह तथ्य को भी जोड़ सकते हैं व वर्ष का लिंक "विकिपीडिया:क्या आप जानते हैं/पुरालेख/2012" का दे सकते हैं, नामांकन प्रक्रिया के अलग से साँचे बना सकते हैं जिससे सदस्यों को व्यर्थ में इतने विशाल पृष्ठ पर सम्पादन न करना पड़े। ऐसे कई बदलाव करके हम हिन्दी विकिपीडिया पे भी अन्य भारतीय भाषाओं के सफल विकिपीडिया (मलयालम, तमिल, बंगाली) की तरह "क्या आप जानते हैं" को ओर अधिक जीवंत कर सकते हैं।
इस प्रसंग से अलग, परन्तु मुझे लगता है कि मुखपृष्ठ के समाचार विभाग पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है, विचार?<>< Bill william comptonTalk 17:17, 18 मार्च 2012 (UTC)[उत्तर दें]
हाँ, प्रक्रिया अभी भी लम्बी और मुश्किल है। इसे सुधारा जा सकता है।
आपने कहा वर्षानुसार रखना उचित है परन्तु "पूर्व-प्रदर्शित" में रखने से मुझे नहीं लगता कि कोई विशेष अंतर पड़ता है। मेरे विचार से इस अनुभाग को मुख्यपृष्ठ से हटा देना चाहिए।
क्या आप तात्पर्य बटनों से दिखने वाले टैब से था या नीचे दिखने वाले लिंक से? यद्यपि दोनों ही सूरतों में विचार में कोई बुराई नहीं, बस मुखपृष्ठ के बाकी भागों से ताल-मेल कुछ गड़बड़ होता है (बाकियों में कड़ियाँ भी हैं और टैब भी)।
हाँ हमें इस प्रक्रिया को आसान बनाना चाहिये ताकि और सदस्य भी इसमें आसानी से भाग ले सकें। इसके लिये साँचों सहित एक html form शायद ठीक रहेगी। मेरे विचार से हमें ऐसी कड़ियाँ बनानी चाहियें जिनसे भाग शीर्षक और नामांकन साँचा अपने-आप एडिट विंडो में लोड होकर आएँगे।
What I think will constitute an easy method: Have a substable template. Make a searchbox thingy with one input for articlename and a go button. Pressing the button leads you to the editpage with the heading and the subst template prefilled. All you have to do before saving is to add the hook. Plus, if this is done, we should probably have a subpage for nominations.
हाँ समाचार भाग भी ठीक रखने की आवश्यकता है, पर उस काम के लिये शायद अन्य सदस्यों के योगदान की आवश्यकता हो (मेरे बस का रोग नहीं है)।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 19:44, 18 मार्च 2012 (UTC)[उत्तर दें]

यदि किसी सदस्य को आपत्ती न हो तो फ़िलहाल जो बदलाव सुझाए थे वे कर दूँ। और सरलता लाने वाले काम फिर कभी भी किया जा सकता हैं (हाँ अगर कोई सदस्य अभी कर रहा हो तो रुका जा सकता है, नहीं तो जो सरलता अभी लाइ जा सके उतनी तो ले ही आएँ)--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 20:18, 25 मार्च 2012 (UTC)[उत्तर दें]

नियमों में परिवर्तन का सुझाव[संपादित करें]

क्या आप जानते हैं में परिवर्तन की अनियमितता उसके नियमों में परिवर्तन की आवश्यकता रेखांकित करती है। इस साँचे के लिए बने हुए अनेक नियमों में और वर्तमान प्रदर्शित साचनाओं के लिए अपनाए गए नियमों में विरोधाभास है इसलिए इन नियमों को ठीक कर थोड़ा सरल बनाने की जरूरत है। साथ ही हमें इस साँचे का मकसद नितांत मौलिक शोध को प्रस्तुत करने का उद्देश्य रखने के बजाय हिंदी विकिया में नए लेखों में प्रस्तुत थोड़ी नई जानकारी के बहाने मध्यम आकार (२00शब्द ) वाले नए लेखों को प्रोत्साहित करने का रखना चाहिए। १000 शब्दों वाले लेख के लिए तो आज का आलेख है ही। और बड़े लेखों के लिए भी प्रमुख लेख रखा ही गया है। इससे नए और अच्छे लेख के निर्माण की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा।

वे नियम जो बदले जाने चाहिए-

  • "क्या आप जानते है" के लिए लेख पिछले एक महीने की अवधि में बना हो।

टिप्पणी- यह नियम तबका होगा जबकि हिंदी विकिया में बन रहे लेखों की गति आज की तुलना में बहुत कम थी। इस अवधि को ७ दिन कर देना चाहिए। ताकि नए लेख सचमुच नए हों।

  • लेख कम से कम मध्यम आकार में हो, कम से कम 1500 अक्षर हों। - कोई स्टब (बीज) लेख नहीं चुना जाएगा।

टिप्पणी- न्युनतम शब्द सीमा को २00 तक कर देना चाहिए। क्योंकि बड़े आकार वाले नये लेख काफी कम बनते हैं। साथ ही आधार वाली शर्त हटा लेनी चाहिए। आधार लेख परिभाषित नहीं है। यह साँचा १0 से लेकर हजार शब्दों तक के लेख पर लगा है।

  • ऐसे लेख चुनने की कोशिश करें जो हिन्दी विकिपीडिया पर मूल जानकारी दे रहे हो, कोई नकल न हो। जरूरी नहीं कि जानकारी रोचक हो।

टिप्पणी- जानकारी स्रोत के साथ भी हो और साथ ही मूल हो कोइ नकल न हो? यह कैसे संभव है? विकिया ज्ञानकोश है या शोध संस्थान? इस नियम को हटा दें या भाषा बदल दें। * किसी देश विशेष या समुदाय विशेष जानकारी देने से बचें। हिन्दी विकिपीडिया की जानकारी विश्व भर के विभिन्न लोगों द्वारा पढ़ी जाती है। किसी भी एक समय पर किसी देश विशेष या समुदाय विशेष संबंधित २ से ज़्यादा तथ्य नहीं होने चाहिए। टिप्पणी - ऐसा हो तो बेहतर है। किंतु ऐसे नियम के कारण साँचे का अद्यतन रोका नहीं जा सकता है। इसलिए यह नीति के रूप में उचित है नियम के रूप में नहीं।

  • प्रबंधको को अपने द्वारा लिखे गए लेखो को यहाँ अपने से नहीं सुझाना चाहिए।

यह भी नीति वाक्य है। यदि इसे व्यवहारिक रूप से अपनाया गया तो शायद नया कुछ ६ माह बाद ही जोड़ा जा सके। इसलिए कम-से-कम प्रबंधकों को सुझाने का अधिकार तो होना चाहिए। जब सक्रिय सदस्य की संख्या बहुत बढ़ जाय तो इसे नीति से हटाकर नियम बनाना चाहिए। फिलहाल नहीं।

  • बदलाव जितनी बार भी ज़रूरी हों किए जा सकते हैं। अगर संभव हो तो हफ्ते मे एक बार करें। जल्दी सुधार से लेखों को ज़्यादा ध्यान नहीं मिलेगा। अधिक दिनों तक लेख रखने से जानकारी बासी हो जाएगी।

यदि एक साथ परिवर्तन करना जरूरी नहीं है तो एक तथ्य का चयन हर दूसरे दिन किया जाना चाहिए। इससे एक तथ्य को ८ दिन रहने का मौका भी मिल जाएगा और अद्यतन भी होता रहेगा।

अनिरुद्ध  वार्ता   17:53, 25 मार्च 2012 (UTC)[उत्तर दें]
समय सीमा अभी इसीलिए लम्बी है कि सदस्य इसमें अद्यतन हेतु कोई प्रस्ताव नहीं रखते हैं। यदि सदस्य प्रस्ताव स्वयं रखें तो समय सीमा घटाने में कोई आपत्ती नहीं है।
इस समय सीमा 1500 characters की है, शब्दों या अक्षरों की नहीं (अर्थात, किया को 4 माना जाएगा क + ि + य + ा ) मेरे विचार से इसमें और 200 शब्दों शायद कोई बड़ा फ़र्क न हो, पर बदलाव करने से पहले फ़र्क जाँचना होगा।
आम तौर पर हाल में जो लेख नामांकित किये गए हैं, वे (character सीमा के कारण) आधार स्वयं ही नहीं होते। आधार की एक मूलभूत परिभाषा वि:आकलन पर है जिसके बारे में कई जगह चर्चा हुई है (मुख्यतः उसके वार्ता पृष्ठ पर), आप वहाँ इसकी परिभाषा देख सकते हैं।
मूल होने का तात्पर्य शायद मुख्यतः यह था कि अंग्रेज़ी विकिपीडिया (या किसी अन्य विकिपीडिया) की प्रति न बने यह भाग। हाँ इसकी भाषा में परिवर्तन करने की आवश्यकता है।
प्रबंधक वाले नियम को हटाने की बात से सहमत हूँ, उसकी जगह होना चाहिये कि आम तौर पर किसी प्रबंधक को अपना स्वयं दिया सुझाव स्वयं स्वीकृत नहीं घोषित करना चाहिये (अर्थात बिना चर्चा के मुखपृष्ठ पर नहीं लगाना चाहिये)। "आम तौर पर" इसलिए जोड़ा है क्योंकि अगर कई दिनों में अद्यतन न हो तो इसमें अपवाद हो सकता है।
हर दूसरे दिन तथ्य चुनने में कोई परेशानी नहीं, पर मुसीबत तो यह है कि यहाँ कोई कुछ सुझाता ही नहीं।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 20:07, 25 मार्च 2012 (UTC)[उत्तर दें]

आज रविवार की छुट्टी थी इसलिए थोड़ा ज्यादा समय विकिया के लिए निकाल पाया। किंतु समाचार अद्यतित करने, क्या आप जानते हैं सुझाने और नये पृ,ठ पर नजर रखने की कोशिश करुंगा। मयूर की कमी पूरी तो नहीं हो सकेगी। किंतु मिलकर कुछ ठीक रखने की कोशिश करते हैं। एक बात और कहना चाह रहा था कि संदर्भ के लिए वे कड़ी शर्तें नहीं रखनी चाहिए जो कि अंग्रेजी विकिपीडिया पर है। अर्थात् यदि पुस्तक, लेखक और पृष्ठ का नाम हो तो भी उसे संदर्भ के रूप में स्वीकार करना चाहिए। संस्करण, प्रकाशक का नाम और आइएसबीएन भी हो तो अच्छी बात है किंतु इसके अभाव में भी फिलहाल हमें दिए गए संदर्भ को वैध मानना चाहिए। क्योंकि हिंदी विकिया को जबतक इतने प्रशिक्षित योगदान कर्ता पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलते तबतक हमें थोड़ा तो ऊच्च गुणवत्ता के मानदंडों से समझौता करना ही पड़ेगा। क्योंकि कई हिंदी किताबों में तो आइएसबीएन होता भी नहीं है। और यदि किसी लेख में संदर्भ में किसी पुस्तक या विश्वसनिय बेवसाइट का लिंक दिया हो तो उसे भी संदर्भ मान लेना चाहिए। और पूर्ण शुद्धि के अभाव में उसे क्या आप जानते हैं के अयोग्य नहीं मानना चाहिए। यदि इससे सदस्य सहमत हों तो नए आलेखों में से उपयुक्त लेख से किसी उपयुक्त तथ्य चुनकर प्रस्तावित करने की कोशिश करुँगा। अन्यथा अति उच्च मानदंडों के साथ तो किसी के लिए भी कुछ सुझाना मुश्किल है। अनिरुद्ध  वार्ता  23:06, 25 मार्च 2012 (UTC)[उत्तर दें]

मैं आपकी बात से सहमत हूँ कि केवल ISBN ना होना स्रोत को नकारने की कोई जायज़ वजह नहीं है क्योंकि हिन्दी प्रकाशनों में ISBN जुडना हालही में शुरू हुआ है, पहले की किताबों में (और कुछ नई किताबों में भी) यह नहीं होता। तब भी पुस्तक से संदर्भ देते समय उसका नाम, लेखक का नाम, प्रकाशक का नाम तो संभव होता ही है; अगर पुस्तक में प्रकाशक का पता दिया हो तो उससे जगह (शहर) भी जोड़ा जा सकता है और अगर संस्करण दिया हो तो साथ में वर्ष भी होता है। परंतु ये सब न भी हो तो भी स्रोत जायज़ होता है।
आपने जो लेख जोड़े थे उनमें से एक (सोहन सिंह भाकना) तो दो-तीन लाइनों का ही है और मुखपृष्ठ पर दिखाने लायक नहीं है। दूसरा लेख अमरकांत लम्बा है, नया है, परंतु उसमें स्रोतों की कमी है। यदि उसमें दो और स्रोत होते (अर्थात कुल तीन आपस में अलग स्रोत) तो वह मुखपृष्ठ के लिये उपयुक्त होगा मेरे विचार में। आप ऐसे शर्तों जोड़कर उसे यहाँ नामांकित कर सकते हैं।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 00:42, 26 मार्च 2012 (UTC)[उत्तर दें]

क्या हम इस साँचे के तथ्यों को भी समाचार साँचे की तरह संदर्भ सहित देने की व्यवस्था कर सकते हैं। ऐसा होने पर लेख की गुणवत्ता कम रहने पर भी तथ्या की गुणवत्ता स्वतः सिद्ध रहेगी। साथ ही छोटे लेखों को बी महत्व दिया जा सकेगा। ये तथ्य लेख से संबद्ध हैं किंतु अपने आप में भी तो इनका अस्तित्व है। और इसके लिए समाचार साँचे की तरह तथ्य का अंतर्जाल पर उपलब्ध रहना भी जरूरी नहीं रहना चाहिए। हाँ प्रकाशन से पूर्व उसकी पुनर्जांच जरूर कर लेनी चाहिए। इसे नामांकन और समर्थन के जरिए संभव बनाया जा सकता है। अनिरुद्ध  वार्ता  00:06, 28 मार्च 2012 (UTC)[उत्तर दें]

व्यक्तिगत रूप से मुझे समाचार में भी कोई भी ऐसी बात जोड़ने ठीक नहीं लगता जो कि लेख में न हो।
फ़िलहाल तथ्य का स्रोत सीधे लेख में जोड़ा जाता है और नामांकन के समय उसकी जाँच की जाती है। साँचे में ये स्रोत जोड़ना अभी भी संभव है, परंतु यदि स्रोत लेख में दिया है तो मेरे विचार से ये अनावश्यक है।
आपकी यह बात सही है कि इन तथ्यों का लेखों के बिना भी अस्तित्व है, परंतु मेरे विचार में मुखपृष्ठ के इस भाग का उद्देश्य विकिपीडिया के लेखों में पाए जाने वाले रोचक तथ्यों को सामने लाना है; जो तथ्य विकिपीडिया के लेखों में हैं ही नहीं, उन्हें जोड़ने का तर्क नहीं बनता। और जो लेख बहुत छोटे हैं (आधार हैं) और पूरा लेख उस रोचक बात में ही सिमटा हुआ है, तो ऐसे लेखों को मुखपृष्ठ पर दिखाना मेरे विचार में गलत होगा चूँकि ये इतनी कम गुणवत्ता के होंगे कि इन्हें देख के पाठक समझेंगे कि हिन्दी विकिपीडिया किसी काम की चीज़ नहीं है। कोई भी पाठक संपादक तभी बनना चाहेंगे अगर उन्हें लगे कि विकिपीडिया पर कुछ अच्छा काम हो रहा है (यही बात शिजु ने अपने विवरणों में भी कही है)। यदि हमें ये दिखाना है कि हिन्दी विकिपीडिया पर अच्छा काम हो रहा है तो हमें मुखपृष्ठ पर अच्छी गुणवत्ता के लेख जोड़ने होंगे। और ऐसे लेख बनाना मुश्किल भी नहीं है। आप देखेंगे कि मेरे पिछले नामांकन एक सप्ताह से कम समय की अवधि में तैयार हुए थे (कुछ तो 2-3 दिन में भी), और मुख्यतः अकेले ही बनाए गए थे। अतः मुझे नहीं लगता कि वर्तमान नियमों को पूर्ण करता लेख बनाना कोई मुश्किल कार्य है, खासकर यदि एक से अधिक संपादक मिल कर बनाएँ।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 07:41, 28 मार्च 2012 (UTC)[उत्तर दें]

नियमों में बदलाव[संपादित करें]

अभी की चर्चा व काफी समय से विभिन्न अवसरों पर हो रही नए नियमों की आवश्यकता को पूरा करने का वक्त आ गया है। मैं इस चर्चा में हिन्दी विकिपीडिया के "क्या आप जानते हैं" अनुभाग के लिए नए नियम सुझा रहा हूँ:-

  • हुक
  1. हुक आकार में 200 कैरैक्टर से अधिक नहीं होना चाहिए (कैरैक्टर गिनते समय अक्षर के वर्ण और मात्र को अलग-अलग गिना जाता है, उदाहण: भारत में 3 अक्षर हैं पर 4 कैरैक्टर)।
  2. हुक ज़रूरी नहीं है कि बहुत रोचक हो परन्तु एक सीमित स्तर पर रोचक व समान्य स्तर पर उसके तथ्य से नई जानकारी प्राप्त होनी चाहिए।
  3. हुक लेख के अंदर इनलाइन उद्धरण के साथ होना चाहिए।
  4. हुक में एक या उससे अधिक लेख नामित किए जा सकते हैं।
  5. नामित लेख हुक में बोल्ड होना चाहिए।
  6. अगर नामित हुक 'तिथि विशेष' मतलब मुख्यपृष्ठ पर उसका किसी विशेष तिथि पे आना जरूरी है, तो ऐसी स्थिति में समय सीमा, एक राष्ट्र के हुक होने जैसे नियमों का अपवाद हो सकता है।
  • लेख
  1. लेख आकार में कम से कम 1200 कैरैक्टर का होना चाहिए।
  2. लेख सन्दर्भहीन न हो, बल्कि उसमें 5 से अधिक स्रोतहीन तथ्य नहीं होने चाहिये।
  3. लेख विकिपीडिया की लेख लिखने की शैली के अनुरूप होना चाहिए।
  4. लेख ज़रूरी नहीं है कि नया ही हो, परन्तु अगर कोई लेख जो पहले भी "क्या आप जानते हैं" के लिए नामित हो चुका है तो वह लेख आकार में पहले के मुकाबले कम से कम दो गुना तक विस्तृत किया गया हो।
  • सामान्य नियम
  1. एकबार लगाने के बाद हुक कम से कम एक सप्ताह तक नहीं हटाया जाएगा।
  2. तीन सप्ताह से अधिक कोई भी लेख/हुक अनुभाग में नहीं रहेगा।
  3. बिना किसी नामांकन के कोई लेख/हुक अनुभाग में नहीं लगाया जाएगा। इस नियम का अपवाद नीचे है।
  4. अगर कोई लेख/हुक दो सप्ताह से ज़्यादा समय अनुभाग में रहता है तो उस स्थिति में कोई भी प्रबंधक अपनी इच्छा से ऊपर बताए गए "हुक" और "लेख" के नियमों का पालन करते हुए बिना किसी नामांकन के नया हुक/लेख अनुभाग में लगा सकता है।
  5. किसी भी समय दो से अधिक हुक किसी भी राष्ट्र विशेष से सम्बंधित नहीं होने चाहिए।
  6. इस अनुभाग को पढ़े, इसका पालन नया हुक लगाने वाले प्रबंधक को करना है।

यह बस प्रस्ताव है इसमें अवश्य ही संशोधन किए जा सकते हैं। कृपया अपना मत दें व अगर आपको लगता है कि कुछ बढ़ाने या घटाने की जरूरत है तो बताए, धन्यवाद।<>< Bill william comptonTalk 12:44, 28 मार्च 2012 (UTC)[उत्तर दें]

edit conflict
प्रश्न एवं टिप्पणी:
यहाँ स्पष्टीकरण की आवश्यकता है, हुक की लम्बाई अक्षरों में है या character में? बिल, शायद आपको ज्ञात न हो, अक्षर और कैरैक्टर में भी फ़र्क है। उदाहरण: किया में दो अक्षर हैं (कि और या) पर चार character(क ि य ा)। अगर स्वचालित टूल का कैरैक्टर गिनने के लिये प्रयोग किया गया तो वह कैरैक्टर ही बताएगा। मेरी जानकारी में अक्षर बताने वाला कोई टूल नहीं है। तो नियम अक्षर के अनुसार हैं या कैरैक्टर के?
चौथे नियम का तात्पर्य लिंक करने से है या फिर बोल्ड करने से? अर्थात एक हुक क्या दो लेखों से सम्बंधित बनाया जा सकता है? अगर बनाया जा सकता है तो तथ्य दोनों में से किसमें होगा?
लेख के नियम में भी अक्षर और कैरैक्टर वाला प्रश्न है।
लेख का दूसरा नियम बहुत subjective है, और इसका यह अर्थ भी निकाला जा सकता है कि पूरे लेख का हर तथ्य संदर्भ सहित होना चाहिये जो कि इस भाग के लिये संभव नहीं है, चूँकि चुनौती तो किसी भी बात को दी जा सकती है। इसके बजाय हमें शायद नियम कुछ इस प्रकार रखना चाहिये कि x% से अधिक जानकारी स्रोतहीन नहीं होनी चाहिये। यहाँ x 20-30% से अधिक न हो तो बेहतर है (चूँकि वैसे ही लेख बहुत छोटा होता है, उसमें इससे अधिक सामग्री का स्रोतहीन होने का मतलब होगा कि शायद नामित तथ्य के अलावा लेख मुख्यतः स्रोतों से विहीन हो।
लेख के संदर्भ में अन्तिम नियम तीन के बजाए 2 गुना होना चाहिये। चूँकि समय सीमा हटाई जा रही है, इसका अर्थ होगा कि बड़े-बड़े लेख भी नामांकित हो सकते हैं; और उनमें तीन गुना विस्तार संभव नहीं होता। हाँ, अगर इस नियम का उद्देश्य ऐसे लेखों के नामांकन को रोकना है, तो ठीक है।
पाँचवे सामान्य नियम के संदर्भ में ये भी लिखना चाहिये कि ये 2 कितने में से होंगे। यद्यपि वर्तमान पृष्ठ कहता है कि मुखपृष्ठ पर एक समय में 4 हुक दीहै जाएँगे, हम अभी 6 दिखा रहे हैं। ये दो चार में से होंगे या 6 में से? और दो सप्ताह के अंदर हुक हटाने का मतलब है कि सप्ताह में दो बार इस भाग का अद्यतन करना होगा। ऐसा हो तो बेहतर है, परंतु वर्तमान स्थिति में इसके कोई आसार नहीं नज़र आते।
--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 13:15, 28 मार्च 2012 (UTC)[उत्तर दें]
कैरैक्टर ही हैं, मुझे कैरैक्टर का हिन्दी अर्थ नहीं पता था। गूगल ने कैरैक्टर का अक्षर ही बताया।
बोल्ड और लिंक दोनों। तथ्य किसी एक लेख में भी हो सकता है, सभी सुझाये गए लेखों के अंदर भी सकता है व सभी लेखों में भागों में बटा भी हो सकता है। उदाहरण के लिए:
  • ... that Afghanistan, Burma, India, Pakistan, and Philippines were the first five members of the Asian Games Federation? यह मेरा अंग्रेज़ी विकिपीडिया पे बनाया हुक है, इसमें तथ्य सभी लेखों को मिला के बनता है।
ऊपर स्पष्टीकरण दे दिया है।
चुनौती देने का अर्थ यह नहीं कि अगर किसी लेख के अंदर लिखा है कि "अमेरिकी राष्ट्पति दो दिन के कोलोराडो स्प्रिंग्स के दौर पे गए" तो ओबामा के अमेरिकी राष्ट्पति होने के लिए भी संदर्भ देना पड़ेगा परन्तु इस तथ्य के लिए कि ओबामा सच्च में कोलोराडो स्प्रिंग्स गए थे इसके लिए संदर्भ चाहिए ही चूँकि अगर हम ऐसे तथ्यों का भी अपवाद बनाएँगे तो यह विकिपीडिया की सत्यसाधनीयता निति के विरूद्ध होगा और जब कोई लेख विकिपीडिया के मूल नीतियों का ही पालन नहीं करता तो हम कैसे उस लेख को विकिपीडिया के मुखपृष्ठ पर लगा सकते हैं? ऐसे तो हम नए सदस्यों से आशा भी कर सकते कि वो विकिपीडिया की मूल नीतियों का पालन करें।
2 गुना ठीक है।
तीन उचित है?
सिद्धार्थ, कृपया इन सुझावों में उचित बदलाव कर दें जिससे किसी और सदस्य को समझने में कठिनाई न हो (मुझे नहीं पता कि कैसे अक्षर का मतलब समझाया जाए या कैरैक्टर को हिन्दी में क्या कहते हैं)<>< Bill william comptonTalk 14:21, 28 मार्च 2012 (UTC)[उत्तर दें]
चूँकि हिन्दी/देवनागरी एक रूप से ध्वन्यात्मक हैं, अतः इनमें अक्षर (syllable) से छोटा कोई रूप नहीं होता। इससे छोटे में वर्ण और मात्रा अलग-अलग गिनने पड़ेंगे, यही बात स्पष्ट कर दी है, पर कोई शब्द न होने के कारण "कैरैक्टर" का प्रयोग ज्यों-का-त्यों करना पड़ा।
चुनौती के मामले में मेरा अर्थ था कि वर्तमान नियम लेखों से सम्बंधित बताया गया है हुक के बजाए। इसका अर्थ यह है कि पूरे लेख में ऐसी कोई जानकारी नहीं होनी चाहिये जिसे चुनौती दी जा सके (अर्थात अगर ओबामा का लेख नामांकित होता है, और तथ्य है "ओबामा कोलोराडो स्प्रिंग्स गए थे" पर लेख में कहीं बिना संदर्भ के लिखा है "ओबामा की दो पुत्रियाँ हैं", तो चुनौती तो कोई व्यक्ति इस तथ्य को भी दे सकता है।) इस उदाहरण में दी बात का स्रोत ढूँढना मुश्किल नहीं है, परंतु कई बार ऐसा हो सकता है कि लेख में कहीं कोई बात ऐसी लिखी हो जिसका संदर्भ अभी न मिल पा रहा हो। ऐसे में सिर्फ़ इस कारण से इस नियम का उल्लंघन हो जाएगा। अतः नियम अगर सिर्फ़ हुक के संदर्भ में है तो हुक वाले नियमों के साथ होना चाहिये, अगर लेख के संदर्भ में है तो हमें ये बताना चाहिये कि कितनी मात्रा में असंदर्भित सामग्री लेख में हो सकती है। यह मात्रा असंदर्भित तथ्यों की संख्या भी हो सकती है, और पूर्ण लेख की सामग्री का कुछ प्रतिशत भी। शायद संख्या बेहतर रहेगी चूँकि बड़े लेख पहले ही अच्छी गुणवत्ता के होंगे और छोटे लेखों में प्रतिशत का कोई उपयोग नहीं।
उदाहरण:लेख संदर्भहीन न हो, बलकी उसमें 5 से अधिक स्रोतहीन तथ्य नहीं होने चाहिये।
एक बार में केवल तीन हुक या एक राष्ट्र सम्बंधी तीन हुक (छः में से)? अगर पहला है तो बहुत कम होंगे मुखपृष्ठ के लिए, और अगर आप छः में से तीन कह रहे हैं, तो उसे 2 ही होना चाहिये। आधा भाग केवल एक देश की जानकारी हो ठीक नहीं है (फिर चाहे वह भारत सम्बंधी हो या अमेरिका सम्बंधी)। दो सप्ताह वाले अपवाद में दो से अधिक लगाना ठीक है, पर उससे पहले हमें दो की सीमा पार नहीं करनी चाहिये। (अगर आगे चलके ये अपवाद लगातार होने लगा तो नियम फिर बदल लेंगे, पर कम-से-कम ऐसा न होने देने की एक बार कोशिश तो करी ही जा सकती है)।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 21:14, 28 मार्च 2012 (UTC)[उत्तर दें]
अंतर बताने के लिए ध्न्यवाद।
"लेख संदर्भहीन न हो, बलकी उसमें 5 से अधिक स्रोतहीन तथ्य नहीं होने चाहिये", यह प्रस्ताव ठीक है।
क्षमा करें, तीन से मेरा तात्पर्य किसी हुक की मुखपृष्ठ पर अधिकतम समय सीमा से था। "दो की सीमा पार नहीं करनी चाहिये", यही तो मेरा प्रस्ताव था: "कम से कम एक सप्ताह व अधिक से अधिक दो"। तो फिर इसे तीन करें या दो ही रहने दें?
किसी राष्ट्र से सम्बंधित हुक होने के संदर्भ में तो मेरा औचित्य अभी भी यही है कि "किसी भी समय दो से अधिक किसी विशेष राष्ट्र से सम्बंधित हुक नहीं लगाए जाएँगे, परन्तु उनका नामांकन इस बात से विफल नहीं होगा, बस कुछ समय बाद ऐसे हुक का अद्यतन होगा"।
मैने हुक से सम्बंधित एक ओर नियम जोड़ा है, कृपया उसे भी देख लें।<>< Bill william comptonTalk 02:21, 29 मार्च 2012 (UTC)[उत्तर दें]
तीन सप्ताह ठीक है, गलत अर्थ निकालने के लिये क्षमा करें। मैंने नियमों में उपयुक्त परिवर्तन कर दिये हैं। नया नियम भी ठीक है चूँकि मुखपृष्ठ में "आज के दिन" नामक कोई भाग नहीं है तो ऐसे तथ्यों को फ़िलहाल इसी भाग में जोड़ा का सकता है और उनके लिये ये अपवाद ठीक है।
मुझे अब ये नियम ठीक लग रहे हैं एवं इन्हें (वर्तमान रूप में) मेरा समर्थन है।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 20:19, 29 मार्च 2012 (UTC)[उत्तर दें]

हिंदी अक्षरात्मक लिपि है वर्णात्मक नहीं। इसलिए कैरेक्टर गिनने के बजाय अक्षर गिनें। वरना क्षेत्र जैसे छोटे शब्द में भी ७ कैरेक्टर गिने जाएंगें। इसलिए लेख का न्युनतम आकार अक्षरों में या २00-२५0 शब्द रखें। एक अपवाद दिन संबंधी सूचना के लिए बनाएं एक तो इसके लिए कोइ साँचा नहीं है इसलिए हम क्या आप जानते हैं में यदि ४ तथ्य दिखाना चाहते हों तो ५ तथ्य दिखाने की व्यवस्था करें और एक स्थान (सबसे नीचे का) दिन संबंधी सूचना के लिए निर्धारित करने पर विचार करें। । दिनों के आलेख पर किसी नया संदर्भ सहित तथ्य जोड़ने पर साथ ही अन्य शर्त पूरी करने पर किसी प्रबंधक के सीधे क्या आप जानते हैं में जोड़ने की सुविधा होनी चाहिए। पुराना लेख दोगुना करने की शर्त को भी हमें मूल लेख के लिए निर्धारित शब्द या अक्षर संख्या से जोड़ना चाहिए। अर्थात् किसी लेख में २00 शब्दों का संदर्भ सहित विस्तार इस खाने के लिए पात्र बनने के लिए जरूरी हो। अनिरुद्ध  वार्ता  01:25, 31 मार्च 2012 (UTC)[उत्तर दें]

अक्षरों में गिनने में भी कोई परेशानी नहीं है, पर ऐसे में या तो हमें कोई स्वचालित टूल ढूँढना होगा (जो मुझे अभी तो नेट पर मिला नहीं), या फिर एक नियम ये भी होना चाहिये कि नामांकनकर्ता को स्वयं नामांकन में अक्षरों की गिनती स्वयं बतानी होगी। हुक के लिये तो ये आसान है पर पूरे लेख के अक्षर बिना टूल के गिनना किसी के बस की बात नहीं।
साँचा वर्तमान रूप में कितने भी तथ्य दिखा सकता है, गिनती की इस समय कोई सीमा नहीं है; अतः उसमें फ़िलहाल इसके लिये परिवर्तन नहीं करना पड़ेगा।
दिन सम्बंधी सूचना के लिये तो अपवाद पहले से ही बन गया है लेख के आकार वाला। पर तिथि वाले तथ्य को अलग दिखाना अभी नहीं शुरू करना चाहिये मेरे विचार से। फ़िलहाल उन्हें सभी तथ्यों के साथ ही रहने दें। जब ऐसे तथ्य लगातार आने लगें तो उन्हें इस भाग से ही अलग किया जा सकता है और एक "आज का दिन" भाग बनाया जा सकता है। परंतु जब तक वे इसी भाग में दिखाए जा रहे हैं उन्हें अलग नहीं दिखाना चाहिये।
दुगुने वाले नियम में अलग से ये बात लिखने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिये, चूँकि दुगुने होने के कारण आए या नए होने के कारण, लेख को शब्द/अक्षर/कैरैक्टर वाली न्यूनतम सीमा को, और संदर्भ-सहित होने की सीमा को तो मानना ही होगा। अर्थात दुगुना विस्तार न ही अन्य नियमों का अपवाद है, न ही उन्हें खारिज करने का तरीका है। मेरे ख़याल से यह बात साफ़ है।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 05:48, 31 मार्च 2012 (UTC)[उत्तर दें]
  • अभी तक किसी भी सदस्य ने इन नियमों के प्रति अपना विरोध प्रस्तुत नहीं किया है। अनिरुध जी के भी सभी प्रश्नों का उत्तर सिद्धार्थ जी ने दे दिया है। चौपाल पे इस चर्चा की सूचना दी जा चुकि है, इस स्थिति में मुझे लगता है कि इन नियमों को अपना लेना चाहिए।<>< Bill william comptonTalk 12:56, 3 अप्रैल 2012 (UTC)[उत्तर दें]
जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, इस कार्य के लिये मेरी पूर्ण सहमति है।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 15:55, 6 अप्रैल 2012 (UTC)[उत्तर दें]
सिद्धार्थ, कृपया इन नियमों को "नियम" अनुभाग में लगा दें, मैं ऐसा कर देता परन्तु मुझे पता है कि मैं वहाँ कुछ गलती कर दूँगा (व्याकरण सम्बन्धी), और परियोजना पृष्ठ पर ऐसी गलती हों यह ठीक नहीं है.<>< Bill william comptonTalk `
जिन नियमों पर यहाँ चर्चा हुई है उनका अद्यतन कर दिया है और जिनपर यहाँ कोई चर्चा नहीं हुई (चित्र और बदलाव सम्बंधी कुछ सूचनात्मक बातें), और प्रदर्शित हुक के लेख का समाचार भाग में न होना; नियमों में छोड़ दिये हैं। चूँकि यहाँ पर चर्चा इन विषयों पर नहीं हुई, अतः मेरा मानना है कि इनपर कोई आपत्ती भी नहीं है/थी, अतः इन्हें नियमों में छोड़ दिया है।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 07:02, 7 अप्रैल 2012 (UTC)[उत्तर दें]

नियमों में संशोधन का प्रस्ताव - २९ मई २०१५[संपादित करें]

वर्तमान नियम :

  • लेख ज़रूरी नहीं है कि नया ही हो, परन्तु अगर कोई लेख जो पहले भी "क्या आप जानते हैं" के लिए नामित हो चुका है तो वह लेख आकार में पहले के मुकाबले कम से कम दो गुना तक विस्तृत किया गया हो।

प्रस्तावित संशोधन :

  • नया हुक किसी भी लेख में से दिया जा सकता है हालाँकि नए अथवा हाल ही में विस्तृत लेखों को प्राथमिकता दी जाएगी। अगर कोई लेख जो पहले भी "क्या आप जानते हैं" के लिए नामित हो चुका है तो वह लेख आकार में पहले के मुकाबले कम से कम दो गुना तक विस्तृत किया गया हो।

समर्थन[संपादित करें]

विरोध[संपादित करें]

टिप्पणी[संपादित करें]

मनोज जी, ऐसा करने से दुविधा कम नहीं होगी। हमें जरूरत नये सदस्यों को यहाँ नामांकन में बढ़ावा देने के लिए उत्साहित करने की है। मुखपृष्ठ पर हुक को लाने के लिए सदस्य अच्छे लेख बनाना सीख जाते हैं और यह भी प्रशिक्षण का एक हिस्सा है। यदि हम नियम को इस तरह कर देंगे तो नये सदस्यों की रूचि पढ़कर ऐसी बातें ढ़ूँढ़ने में हो जायेगी और वो सम्पादक से पाठक बन जायेंगे।☆★संजीव कुमार (✉✉) 09:29, 29 मई 2015 (UTC)[उत्तर दें]