वार्ता:विक्रमादित्य
राजपुत गलत भी है सही भी[संपादित करें]
हर बार राजपूतो की जी हजुरी न करी जाए अगर ये भारत माता के लिए बलिदान दिये है तो बदले मे पाकिस्तान के लिए भी ये ही कुर्बान हुए है पाकिस्तान के सबसे ज्यादा निशां ए हैदर ये ही ले कर बैठे है, राजपूतो से ही मुगलो की सेना चलती थी यहाँ तक की मुगल खुद को गुरकानी कहते थे जिसका मतलब है दमादो की राजशाही, ये राजपूतो के दामाद थे मुगल तभी जिंदा रहे इतने साल, इनका बस एक महाराणा ठीक था और उसके भी वंशज मुगल प्रेमी बन गए थे आगे! पाकिस्तान की सेना राजपूतो से चलती है फिर जाटो से, इन्हे हर बार रक्षक समझने की भूल न करे भारत वासी हिंदू लोग, इनका परमार वंश कल का आया वंश है, विक्रम संवत के वक्त वो था भी नही उज्जैन मे Indianside (वार्ता) 17:08, 7 मई 2023 (UTC)
राजपुत वाद बंद करे[संपादित करें]
पाकिस्तान मे इनका बड़ा तबका है जाटो के बाद जो भारत हिंदू विरोधी गतिविधि करता रहता है Indianside (वार्ता) 17:10, 7 मई 2023 (UTC)
चंद्रगुप्त विक्रमादित्य[संपादित करें]
विक्रमादित्य 57 ईसवी पूर्व के समय थे जबकि जिन चंद्रगुप्त विक्रमादित्य को विक्रमादित्य बताया जा रहा है उनका समय 375 ईसवी का है तो इस तरह की गलत जानकारियां ना डालें। 2409:4085:4EC8:16C1:0:0:15CA:4509 (वार्ता) 16:27, 18 मार्च 2024 (UTC)