वार्ता:औरंगाबाद, महाराष्ट्र

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औरंगाबाद[संपादित करें]

मुहिउद्दीन मोहम्मद (3 नवम्बर 1618 – 3 मार्च 1707), जिसे आम तौर पर औरंगज़ेब या आलमगीर (मुस्लिम प्रजा द्वारा दिया गया शाही नाम जिसका मतलब है विश्व विजेता) के नाम से जाना जाता था, भारत पर राज करने वाला छठा मुग़ल शासक था। उसका शासन 1658 से लेकर 1707 में उनकी मृत्यु तक चला। औरंगज़ेब ने भारतीय उपमहाद्वीप पर लगभगआधी सदी राज किया। वह अकबर के बाद सबसे अधिक समय तक शासन करने वाला मुग़ल शासक था। अपने जीवनकाल में, उसने दक्षिणी भारत में मुग़ल साम्राज्य का विस्तार करने का भरपूर प्रयास किया पर उस के मृत्यु के बाद मुग़ल साम्राज्य का सिकुड़ना आरम्भ हो गया

औरंगज़ेब का जन्म 3 नवम्बर 1618 को दाहोद, गुजरात में हुआ था। वो शाहजहाँ और मुमताज़ महल की छठी सन्तान और तीसरा बेटा था। उनके पिता उस समय गुजरात के सूबेदार थे। जून 1626 में जब उनके पिता द्वारा किया गया विद्रोह असफल हो गया तो औरंगज़ेब और उनके भाई दारा शूकोह को उनके दादा जहाँगीर के लाहौर वाले दरबार में नूर जहाँ द्वारा बन्धक बना कर रखा गया। 26 फरवरी 1628 को जब शाहजहाँ को मुग़ल सम्राट घोषित किया गया तब औरंगज़ेब आगरा किले में अपने माता-पिता के साथ रहने के लिए वापस लौटा। यहीं पर औरंगज़ेब ने अरबी और फ़ारसी की औपचारिक

Aurangabad Maharashtra[संपादित करें]

[1] Sajidnews42 (वार्ता) 13:48, 1 सितंबर 2023 (UTC)[उत्तर दें]

अजिंठा व वेरूळ या जगप्रसिध्द लेण्यांचा जिल्हा म्हणून औरंगाबाद जिल्ह्याला ओळखले जाते. अनेक विदेशी नागरिकांचा आकर्षण असलेला हा पर्यटन जिल्हा पितळखोरा लेणी, बिबी का मकबरा, पानचक्की अशा विविध ठिकाणांमुळे जगप्रसिद्ध आहे. संत ज्ञानेश्वरांचे जन्मगांव, संत एकनाथांची कर्मभूमी म्हणून ओळखला जाणारा हा जिल्हा पैठणी साडीसाठी देखील सर्वदूर प्रसिध्द आहे अशा जिल्ह्यांची माहिती पुढीलप्रमाणे.....

क्षेत्रफळ

१०.१०० चौ.कि.मी.

लोकसंख्या

३७,०१,२८२ (सन२०११च्या जनगणनेनुसार)

साक्षरतेचे प्रमाण-

७९.०२%

तालुके

कन्नड, सिल्लोड, सोयगाव, खुल्दाबाद, वैजापूर,

गंगापूर, औरंगाबाद, पैठण, फुलंब्री. उत्तरेस जळगाव जिल्हा, पुर्वेस जालना जिल्हा, दक्षिणेस गोदावरी नदीच्या पलिकडे बीड, पश्चिमेस नाशिक जिल्हा आहे.

सीमा

जिल्हा विशेष - -

या शहराचे पूर्वीचे नाव खडकी होते. मलीक अंबर याने १६०४ मध्ये या शहराची स्थापना केली व पुढे १६२६ मध्ये या शहराचे नाव (फत्तेहपूर असे ठेवले गेले. १६५३ मध्ये औरंगजेब सुभेदार म्हणून आल्यानंतर त्यांनी या शहराला औरंगाबाद असे नाव दिले. औरंगाबाद जिल्हा अजिंठा आणि वेरूळ लेण्यामुळे प्रसिध्द आहे