वार्ता:कंप्यूटर

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(वार्ता:अभिकलित्र से अनुप्रेषित)

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लेखन संबंधी नीतियाँ

संगणक से अभिकलित्र नाम परिवर्तन का कारण[संपादित करें]

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आधीन वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग ([[1]]) के द्वारा जरित शब्दावली के अनुसार Computer का आधिकारिक नाम "अभिकलित्र" है । सूत्र - [[2]] यह भी देखें - [[3]] Vikrant42 ०९:०२, २० अप्रैल २००९ (UTC)

http://cstt.nic.in/ के अनुसार computer को हिन्दी में "अभिकलित्र" या "कंप्यूटर" दोनों में से कुछ भी कहा जा सकता है. "अभिकलित्र" के मुकाबले "कंप्यूटर" का प्रयोग मीडिया, साहित्य और सरकारी कामकाज़ में ज़्यादा होता है. उत्कर्षराज (वार्ता) १६:५५, २६ जून २०११ (UTC)

अभिकलित्र से कंप्यूटर रखने का प्रस्ताव[संपादित करें]

कंप्यूटर का अर्थ अभिकलित्र किस आधार से बताया गया है.? इतने कठिन शब्द का उपयोग छात्र और जन मानस कैसे कर पाएंगे? इसका हिंदी भाषी अभियंताओ को क्या लाभ होगा ? जो शब्द जिस भाषा से है उसे उसी भाषा में रखना उचित है. जैसे योग हिंदी शब्द है एयर हिंदुस्तान में इज़ाद हुआ है, अंग्रेजी में भी इसे योग ही कहते हैं और पूरी दुनिया इसे योग के नाम से ही जानती है. इसी में योग शब्द और योग विषय की भलाई है. हमें छात्रों को हिंदी भाषा में विषय को समझाने की जरूरत है न की विषय का ही नाम बदलकर उसे और कठिन बना देने कि ताकि उसे पढ़ने वाले छात्र दुनिया के अन्य छात्रों से पीछे रह जाये। --शेखर (वार्ता) 17:33, 20 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

मैं शेखर जी की बात से सहमत हूँ। ये पाठक द्वारा दी गई सलाह है जिसे हमें गंभीरता से लेना चाहिये। उपर उत्कर्षराज जी द्वारा कही गई बात भी सही है कि कंप्यूटर का ज़्यादा उपयोग होता है। इसलिये मैं इसका नाम अभिकलित्र से कंप्यूटर करने का प्रस्ताव रखता हूँ। तकनीकी शब्दावली आयोग द्वारा कंप्यूटर भी दिया गया है।--पीयूष (वार्ता)योगदान 05:59, 21 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
मेरे विचार में:
  • जैसा कि योग का उदाहरण दिया गया, यह एक मूल शब्द है, न कि यौगिक या व्युत्पन्न शब्द, अर्थात किसी अन्य शब्द या अन्य शब्दों के योग से बना या व्युत्पत्ति किया गया शब्द नहीं है। ऐसे दूसरी भाषा से आये शब्दों को जैसे का तैसा रखना ही उचित लगता है और ऐसी परम्परा या अभ्यास भी रहा है।
  • कम्प्यूटर एक यौगिक व्युत्पन्न शब्द है जो कम्प्यूट क्रिया से व्युत्पत्ति किया गया है। कम्प्यूट का अर्थ गणना करना है, अतः कई गणनाएं एक साथ करने वाला यंत्र संगणक हो सकता है। ऐसे शब्द को मूल भाषा में रखना आवश्यक नहीं लगता है।
  • अभिकलित्र की योगविच्छेदन करने पर क्या अर्थ निकलता है, यदि कोई बताये तो उस पर भी विचार किया जा सकता है। ये वही है जैसे जनित्र = जनरेटर, शायद कोई योगविछेदन न कर पाये।
  • इनके अलावा इस पर भी विचार किया जाना चाहिये कि १:१ का अनुपात सर्वथा संभव भी नहीं है और इसे बाध्य भी किया नहीं जाना चाहिये। अंग्रेज़ी में वैल इसका उदाहरण है, जिसके लिये हिन्दी में कुआं एवं अच्छा, दो अर्थ निश्चित हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए सीधे सीधे संगणक और अभिकलित्र में से एक को दूसरे पर पुनर्प्रेषित किया जाना उचित है। अन्य स्थानों में दोनों में से कोई भी शब्द प्रयोग करने कि स्वतंत्रता रखी जाये।
  • इसके अलावा मूल लेख का क्या नाम हो, उसके लिये हम हिन्दी नाम अभिकलित्र चुन लें, जिसके प्रथम मुखवाक्य में ही बोल्ड में कोष्ठक में अन्य नाम दिये जा सकते हैं, जिनमें से प्रत्येक नाम को उस लेख पर पुनर्निदेशित कर सकते हैं।
ये मेरी राय है जो निजी अनुभव व निजी विचारों पर आधारित है। आगे जैसी बहुमत की राय।----आशीष भटनागरवार्ता 07:20, 21 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
मै पीयूष जी के प्रस्ताव से सहमत हूँ। जब मैंने गूगल पर कंप्यूटर शब्द को खोजना चाहा तो मुझे हिंदी विकिपीडिया का ये पृष्ठ कही नहीं मिला लेकिन जब मैंने अभिकलित्र शब्द को खोजा तो ये पृष्ठ तुरंत मिल गया। अंग्रेजी के शब्द के साथ ये समस्या उत्पन्न नहीं हुई। अब जैसा की आप सब जानते हैं गूगल लाखो लोगो द्वारा उपयोग किया जाता है व हिंदी भाषी छात्र भी संगणक/अभिकलित्र को कंप्यूटर के नाम से ही जानते है व कंप्यूटर शब्द का ही उपयोग करते हैं, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलनों व प्रतियोगिताओं को ध्यान में रखते हुए यहि उनके लिए हितकर भी है। इसलिए अगर किसी को कंप्यूटर के विषय में जानकारी चाहिए होगी तो ९९ % लोग कंप्यूटर शब्द का ही चयन करेंगे व इसी नाम से इसके बारे में खोजबीन करेंगे। इसलिए इस पृष्ठ का नाम कंप्यूटर कर देना चाहिए व इसके हिंदी शब्दार्थ को कारण सहित समझाते हुए प्रकोष्ठ में लिख देना चाहिए ताकि लोग उससे भी अवगत रहे, जैसा की अमित जी ने ऊपर सूची में लिखा है।--शेखर (वार्ता)
@शेखर जी, आपका इस बारे में उद्योग करने हेतु धन्यवाद। किन्तु आप एक बात का ध्यान रखें - कि आपको कंप्यूटर शब्द गूगल सर्च करने पर पर हिन्दी विकिपीडिया परिणाम में तभी तो मिल पायेगा जब उस नाम से यहां कोई लेख बना होगा। यहां तो अभिकलित्र नाम से लेख बना है, तो उसी नाम का परिणाम मिलेगा ना। आप उस लेख का नाम बदल कर कंप्यूटर कर दें तो अगले दिन से वह गूगल पर मिलना आरम्भ हो जायेगा और अभिकलित्र मिलना बंद हो जायेगा। ध्यान रखें कि पुनर्प्रेषण विकिपीडिया के अंदर की क्रिया है। उसे गूगल नहीं देखता है। इसीलिये कंप्यूटर को अभिकलित्र पर पुनर्प्रेषित करने पर यहां तो आप कंप्यूटर लिखने पर अभिकलित्र पर पहुंच जायेंगे, किन्तु गूगल को ये नहीं पता, वह तो मात्र ये देखेगा कि क्या यहां कंप्यूटर नाम का कोई लेख बना है, यदि नहीं तो वह हिन्दी विकिपीडिया(अभिकलित्र) को परिणाम में नहीं दिखायेगा।
इसके अलावा गूगल पर कंप्यूटर सर्च करने पर कंप्यूटर डिस्प्ले - विकिपीडिया दिखाता भी है, क्योंकि इस नाम का लेख यहां बना है जिसमें कंप्यूटर शब्द उपस्थित है। आशा है अब सर्च तकनीक को समझना सरल हो गया होगा।--आशीष भटनागरवार्ता 12:54, 22 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
आशीष जी, जो आप कह रहे है वही शेखर जी भी कह रहे है। उनके कहने का तात्पर्य यह है कि कंप्यूटर को 99% लोग खोजेंगे, हिन्दी में पढ़ाई करने वाले भी। इसलिये इसका नाम यही रखा जाए, और बाकि नामों का (अभिकलित्र, संगणक) लेख में उल्लेख कर दिया जाए। इससे समस्या हल।--पीयूष (वार्ता)योगदान 15:45, 22 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
इस बात पर चलें तो हम अपने अधिकांश तकनीकी लेखों (जिनके हिन्दी नाम उपलब्ध हैं) को उनके अंग्रेज़ी नामों पर बना कर उनमें हिन्दी नामों के उल्लेख कर दें। शायद अभिकलित्र नाम उतना प्रचलित न हो, किन्तु संगणक तो काफ़ी प्रचलित है। इसके अलाव मूल, भाषा के नाम तब रखना उचित होता है, जब उसके अपनी भाषा के नाम उपलब्ध न हों, जैसे कि सूनामी, आदि। उसे विश्व भर में सूनामी ही कहा जाता है। दीवाली, बिहू, आदि इसका उदाहरण हैं। किन्तु जीसेस क्राइस्ट को यीशू मसीह ही तो लिखते हैं, और एक उदाहरण जो मैंने सम्मेलन में दिया था, एमिरेट्स को अमीरात ही लिखते हैं न, क्योंकि उनके हिन्दी नाम सर्वथा उपलब्ध हैं। हां कम्प्यूटर डिस्प्ले को संगणक पटल करना हो तो उसके लिये ये चर्चा उचित रहेगी और शायद में दूसरी ओर से मत दूंगा(यानि कम्प्यूटर डिस्प्ले सही रहेगा)।
लोगों के ढूंढने की बात में एक और समस्या है कि लोग कंप्यूटर ढूंढेंगे और हमने कम्प्यूटर लेख बनाया तो कैसे मिलेगा, या इसका उलटा -- तब क्या किया जाए। वैसे विशेषतया कम्प्यूटर के लिये हम एक बहुविकल्पी पृष्ठ बना कर उसमें कम्प्यूटर संबंधी यथा संभव (सभी घटक नहीं) ३-४ विकल्प दे सकते हैं। ये बात केवल कम्प्यूटर शब्द के लिये मान्य हो, क्योंकि ये अत्याधिक प्रचलित और प्रयोगनीय शब्द है तथा इसके हिन्दी भाषा के शब्द भी प्रचलन में लम्बे समय से रहे हैं। मुझे याद है कि हमारे पढ़ते समय से संगणक शब्द प्रचलित रहा है। अभिकलित्र के बारे में मैं नहीं कह सकता।
एक और बात कहना चाहूंगा कि जैसे हिन्दी/तमिल/आदि भाषाओं के विवाद में भारत की प्रचलित प्रयोगनीय आधिकारिक भाषा ज़बरदस्ती अंग्रेज़ी बन गई है, वैसे ही संगणक/अभिकलित्र के विवाद का लाभ कम्प्यूटर को न मिल जाए, ये ध्यान योग्य है। --आशीष भटनागरवार्ता 02:33, 23 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
आशीष जी, आप कंप्यूटर या कम्प्यूटर को गैर-हिन्दी शब्द क्यों समझ रहे है? तकनीकी शब्दावली आयोग तो ऐसा नहीं सोचता। उन्होनें कंप्यूटर दिया है। उपर मेरा लिंक देखिये। उसके हिसाब से ही इसका नाम पहले संगणक से अभिकलित्र किया गया था। क्या आप कंप्यूटर नहीं बोलते? अगर बोलते है तो क्या आप गैर-हिन्दी भाषी है?--पीयूष (वार्ता)योगदान 08:34, 23 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
आम बोलचाल भाषा में हम ऑफ़िस भी बोलते हैं, तो क्या ऑफ़िस हिन्दी का शब्द हो गया। आप सूनामी जसे शब्दों को कम्प्यूटर जैसे शब्दों के साथ तुलना नहीं कर सकते हैं। सूनामी के लिये कोई शब्द किसी भाषा में अभी तक ज्ञात नहीं है, किन्तु कम्प्यूटर के लिये आरक्षित शब्द हैं। फ़िर कम्प्यूट र्लिखने के लिये कोई रोक तो नहीं है, जिसए सुलभ लगता है, अवश्य लिखे - हां ढूंढ-ढूंढ कर अभिकलित्र या संगणक शब्द को बॉट द्वारा या मैन्युअली भी बदल कर कम्प्यूटर करना उचित नहीं समझता। जिस शब्द क्ले लिये हिन्दी समृद्ध है उसके लिये उधा के शब्द क्यों लिये जाएं। हां जहां हिन्दी में शब्द उपलब्ध न हो, अवश्य बाहरी शब्दों का स्वागत है।--आशीष भटनागरवार्ता 04:28, 24 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
कंप्यूटर या कम्प्यूटर के लिए संगणक शब्द का प्रयोग लेख के शीर्षक के तौर पर होना चाहिए। अन्य को पुनर्निर्देशित किया जाना चाहिए। कारण आशीष जी ने समझा दिया है। शब्द का व्युत्पन्न मूल भाषा में सही आशय स्पष्ट कर पाए तो हमें मूल शीर्षक संबद्ध भाषा में ही रखने चाहिए। कंप्यूटर और संगणक में प्रचलन की दृष्टि से भी अधिक अंतर नहीं है। अभिकलित्र जरूर जनित्र (जनरेटर) या प्रशीतित्र (रेफ्रिजरेटर) जैसा खटकने वाला लगता है, किन्तु संगणक उच्चारण और प्रचलन दोनों दृष्टियों से उपयुक्त शब्द है। धन्यवाद। -- अजीत कुमार तिवारी वार्ता 08:53, 24 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
ऊपर बहुत चर्चा हो चुकी है। मैं सारतः दो बातें कहना चाहता हूँ-
पहली बात यह कि इस लेख का नाम 'कम्प्यूटर' रखने के पीछे दिये जा रहे कारण को मैं सही तर्क नहीं मानता। आजकल लोग 'रिएक्शन', ऑफिस, सण्डे, फादर, वक्त, शक्स आदि कई सौ अंग्रेजी/उर्दू शब्दों का 'फैशन' के तौर पर प्रयोग करते रहते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि वे अधिक प्रचलित हो गये और उनकी वरीयता दी जानी चाहिये।
दूसरी बात यह कि 'अभिकलित्र' शब्द को अटपटा मानने की भूल भी न की जाय। हिन्दी शब्दावली आयोग वाले इतने भी मूर्ख नहीं थे/हैं कि हम उनके बनाये शब्दों में मीन-मेख निकालते रहें। शब्द-निर्माण की उनकी एक घोषित नीति रही है जिसमें अनेकानेक पहलुओं का ध्यान रखकर शब्द बनाने की बात कही गयी है। हम केवल हाथी का सूड़ पकड़ पाते हैं और उसे साँप मान लेते हैं। परिणामित्र (ट्रान्सफॉर्मर), संधारित्र (कैपेसिटर या कण्डेन्सर) , परिवर्तित्र (कन्वर्टर), जनित्र (जनरेटर), स्वरित्र (ट्युनिंग फोर्क) आदि बहुत से शब्दों के अन्त में 'इत्र' आता है। वे अधिकांशतः कोई युक्ति/उपकरण/विशेष कार्य करने वाले अवयव होते हैं। यहाँ 'अभिकलन' (कम्प्युटिंग) करने वाले यंत्र को 'अभिकलित्र' कहा गया है।---- अनुनाद सिंहवार्ता 09:54, 24 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
अनुनाद जी आपका कहना ठीक है कि अभिकलित्र को अटपटा मानने की भूल न की जाय। मैं केवल उस समस्या की ओर ध्यान दिला रहा था जहाँ उच्चारण या लेखन में शब्द को अनावश्यक कठिन बना दिया जाता है। व्युत्पत्तिपरक शब्दों में उच्चारण और लेखन के प्रवाह को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। रही बात सरकारी आयोगों की तो वे भाषा के प्रति कितने संवेदनशील और जनोन्मुख होते हैं यह अलग विषय है। वे एक आधार हो सकते हैं किन्तु एकमात्र आधार नहीं। अभिकलित्र एक सही शब्द है लेकिन मुख्य लेख का शीर्षक बनने के लिए हमें सर्वाधिक उपयुक्त शब्द का चुनाव करना चाहिए। धन्यवाद। -- अजीत कुमार तिवारी वार्ता 10:16, 24 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
आयोग वालो के लिये:-
  • मैं फिर दोहराता हूँ कि तकनीकी शब्दावली आयोग ने कंप्यूटर भी दिया है।
प्रचलन वालो के लिये:-
  • यहाँ पर कॉमन सेंस इस्तेमाल करते है, कोई भी रविवार को संडे करने का सुझाव नहीं देगा।
गैर-हिन्दी शब्द:-
  • इस हिसाब से तो हमारी बोलचाल की भाषा हिन्दी नहीं है!
भाषा कोई वैक्यूम में विकसित नहीं होती। वो समय के साथ बदलती रहती है। फारसी के प्रभाव के बिना आधुनिक हिन्दी का अस्तित्व भी नहीं होता। खैर मैं तो सोच रहा था कि ऐसे करने से शेखर जी जैसे और लोग बिना परेशानी के विकिपीडिया तक पहुँच पाएंगे, आगे जैसे आप लोगों की राय।--पीयूष (वार्ता)योगदान 12:54, 24 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

मैं इस लेख का नाम "कंप्यूटर" रखने के पक्ष में हूँ! "अभिकलित्र" शब्द मेरी नज़र में एक गढा हुआ शब्द है जो तकनीकी दृष्टि से चाहे जितना सही हो प्रचलन में बिल्कुल नहीं है! साथ ही केवल नाम ही नहीं बल्कि इस लेख में अन्दर भी बहुत भाषाई बदलाव की सख्त ज़रूरत है! यह जिस विचित्र भाषा में लिखा है वह विकिनीतियों के कत्तई अनुरूप नहीं है!--सत्यम् मिश्र (वार्ता) 18:56, 24 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

एक बात और जोड़ना चाहूँगा कि ऐसे गढ़े शब्द हमारे समाज में कभी प्रचलन में नहीं आएँगे। तकनीकी विषय में हमारे देश में अंग्रेज़ी का एकाधिकार है। अभिकलित्र को बदलने से हिन्दी अशुद्ध नहीं हो जाएगी। वैसे भी विकिपीडिया के लेख आम जन के लिये लिखे जाते है न कि "शुद्ध" हिन्दी वालो के लिये।--पीयूष (वार्ता)योगदान 05:32, 25 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

मैं फिर से पीयूष और सत्यम जी की बात का समर्थन करुंगा। वर्तमान जनमानस की भलाई के लिए इस पृष्ठ का शीर्षक अभिकलित्र की बजाये कंप्यूटर कर देना चाहिए। हम यहाँ भारत सरकार की नीतियों को लागू करने नहीं बैठे हैं, हम विकिपीदिया को विकसित करने व हिंदी बोलने वाले लोगो तक जानकारी पहुचाने बैठे हैं. आजकल लोग इन करने पे विकिपीडिया हमसे पूछता है की विकी को अगले १ अरब लोगो तक पहुचाने के सुझाव दे, अभिकलित्र, जनित्र व अन्य कठिन शब्दों का प्रयोग कर के हम ऐसा कभी नहीं कर पाएंगे. शुद्ध हिंदी या शुद्ध अंग्रेजी भी इस राह में रोड़ा है. विकिपीडिया तभी अपने उद्देश्य में सफल हो सकेगा जब ज्यादा से ज्यादा लोग इसके ज्ञान कोष तक पहुचे. गूगल निशुद्ध रूप से ऐसा करने का एक शशक्त संशाधन है और वो तब ऐसा कर पायेगा जब शीर्शक प्रछलित शब्द हो, चाहे अन्दर हम कितने भी कथिन शब्द उप्योग करते रहे। शेखर 12:21, 26 फ़रवरी 2015 (UTC)
फिलहाल हिंदी बोलने वालो में भी कंप्यूटर शब्द ज्यादा प्रचलित है इसलिए हिंदी के लेखो में भी शीर्षक वही होना चाहिए न की कुछ और। अधिकान्श हिन्दी कि पाठ्य-पुस्तको में भी कंप्यूटर का ही प्रयोग होता है। जैसा की हम सबने पहले भी कहा था की बाकि के सारे शब्द प्रकोष्ठ में गाढ़े अक्षरों में लिख दिए जाये ताकि उस विषय का शुद्ध हिंदी अर्थ भी लोगो को पता चले. शेखर 12:21, 26 फ़रवरी 2015 (UTC)
किसि ने कहा जिसे कंप्यूटर खोजना है वो अंग्रेजी विकिपीडिया पे जाये, ऐसा है तो फिर हिंदी विकिपीडिया की कोई जरूरत ही नहि है। जिसे "Computer" खोजना है उसे अंग्रेजी विकी पे जाना चाहिए जिसे कंप्यूटर खोजना है उसे नहीं। हिंदी भाषा में देश विदेश के विभिन्न विषयो को समझाने का काम होना चाहिए, विषय का नाम बदल के लोगो को उससे दूर करने का प्रयास नहीं होना चाहिए. मैं और हम सब इस पृष्ठ को और तथ्य जोड़कर और अधिक प्रासंगिक बनाने का कार्य कर रहे है लेकिन अगर हिंदी भाषी छात्र उस तक पहुँच ही ना पाये तो इतना शोध करके इतना बड़ा ज्ञान कोष बनाने का कोई अर्थ नहीं है। फिर तो सब अंग्रेजी विकिपीडिया में ही रहने देना चाहिए।
मैं पीयूष जी की एक और बात से सहमत हूँ की सरकार पहले इन शब्दों को प्रचलित करवाये (विकिपीडिया प्रचार तंत्र नहीं है) और जब अधिकांश हिंदी भाषी लोग कंप्यूटर की जगह अभिकलित्र बोलने लग जाये तब विकिपीडिया पे हम इसका नाम बदल देंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उसे खोज और पढ़ पायें।

साथ ही यह भी कह्ना चाहुगा कि कंप्यूटर शब्द कि तुलना आफिस, संडे टाईम जैसे शब्दो से ना करे। यह एक तक्नीकि शब्द व विशय है जिसे हिंदी भाषी छात्रो तक पहुचाने की बेहद आव्श्यक्ता है।शेखर 12:21, 26 फ़रवरी 2015 (UTC)

गढ़ा हुआ शब्द[संपादित करें]

सत्यम् मिश्र जी, मुझे तो लगता है कि अंग्रेजी सहित सभी भाषाओं की पारिभाषिक शब्दावली सम्पूर्णतः 'गढ़ी हुई' है। क्या आप समझते हैं कि 'कम्प्यूटर' 'प्राकृतिक' शब्द है? शब्दावली आयोग का पूरा विचार ही यह था कि वह शब्दावली का 'निर्माण' करेगी जिसको प्रचलित किया जायेगा। ( यह नहीं कि जो तथाकथित प्रचलित शब्द हैं उन पर 'मोहर' लगायेगी।) आप को अच्छी तरह पता होगा कि हिन्दी लिखते समय जो 'नुक्ता' लगाते हैं वह भी गढ़ा हुआ (और विवादास्पद भी) है। भारत की अधिसंख्य जनता 'नजर' बोलती है और आप आग्रहपूर्वक 'नज़र' लिखते हैं (ऊपर देखिये)। मेरी बात को अन्यथा न लीजियेगा। ---- अनुनाद सिंहवार्ता 05:48, 25 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

अनुनाद जी आपकी नुक़्ते पकड़ने वाली तीखी नज़र की दाद देता हूँ। पर यह मैं सायास नहीं करता। ट्रांसलिटरेशन का इस्तेमाल करता हूँ और z दबा के टाइप करता हूँ। दूसरी बात मैं "प्रचलित किया जायेगा" का माध्यम हिंदी विकि को बनाने के ख़िलाफ़ हूँ, जब आयोग और सरकार इसे प्रचलित कर लेंगे, अख़बार में, टीवी पर और बोलचाल में आ जायेगा तो यहाँ भी लिखा जा सकता है। मेरा तर्क बस यही है। और मैं ख़ुद भी ऐसे गढ़े हुए शब्दों का प्रयोग करता हूँ जहाँ उनका प्रचलन हो गया है। पर विकिपीडिया किसी सरकारी नीति, आयोग के निर्देशों अथवा शुद्ध हिंदी प्रेमी लोगों की अभीप्सा को लागू करने का मंच/माध्यम नहीं बनाया जाना चाहिये। और पढ़ाई और लड़ाई वाले नुक़्ते भी गढ़े हुए हैं (मैंने हिंदी वर्णमाला में तो नहीं देखा)। --सत्यम् मिश्र (वार्ता) 13:16, 25 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
सत्यम् जी, मैं भी आपकी दाद देता हूँ कि बड़ी चतुराई से आप असली प्रश्नों का उत्तर देने में सफल रहे हैं। क्या इन प्रश्नों का सीधा उत्तर मिल सकता है?
(१) 'कम्प्यूटर' प्राकृतिक शब्द है या 'गढ़ा हुआ' ?
(२) नुक्ता को आप 'गढ़ा हुआ' मानते हैं या नहीं ? यदि मानते हैं तो 'अतिरिक्त z' दबाकर समय बर्बाद करने और भाषा को कठिन बनाने का उद्योग क्यों करते हैं?
---- अनुनाद सिंहवार्ता 03:40, 26 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

"शुद्ध" हिन्दी वालो के लिये[संपादित करें]

यह उपशीर्षक मैने पीयूष जी के ऊपर के सन्देश से सीधे कॉपी किया है। पीयूष जी, बहुत दिनों से मुझे आपका 'वालों' के जगह पर 'वालो' 'लिख दें' के स्थान पर 'लिख दे' खटकता रहा है। किन्तु आज आपकी 'शुद्ध हिन्दी वालो' ने इस पर उंगली उठाने के लिये वाध्य किया। आपने ऊपर तीन बातें लिखी हैं उनमें से दो तो पूर्णतः अप्रासंगिक और 'अतर्क' हैं। आपकी तीसरी बात (आयोग ने 'कम्प्यूटर' का भी विकल्प दिया है) आधी सत्य है। यह 'अर्ध सत्य' क्यों है, इस पर लम्बी चर्चा हो सकती है। संक्षेप में इस पर यही कहूँगा कि आयोग ने किसी शब्द के लिये दो या अधिक शब्द दिये हैं तो इसका अर्थ यह है कि प्रसंग के अनुसार कहीं पहला, कहीं दूसरा उपयोग होंगे। 'दोनों में से किसी का उपयोग कहीं भी किया जाय' ऐसा उनका आशय नहीं है। अब बात 'प्रसंग' की। आयोग ने एक ही अंग्रेजी शब्द के कई हिन्दी शब्द दिये हैं -- एक शब्द कानून के क्षेत्र में उपयोग के लिये उपयुक्त है, दूसरा शब्द चिकित्सा के क्षेत्र में और तीसरा भौतिकी के क्षेत्र में। (उदाहरण चाहिये तो मिल जायेगा।) इसके अलावा 'सन्दर्भ' का मुख्य काम शब्दों का साथ-साथ चलना होता है। अंग्रेजी का 'कम्प्यूटर' शब्द सैकड़ों शब्दों के साथ आता है (कम्प्यूटर ग्राफिक्स, कम्प्युटर प्रोग्रामिंग, कम्प्यूटर मेमोरी, ... आदि) । जब कई विकल्प दिये हों तो देखना पड़ेगा कि किस स्थिति में कौन सा शब्द उपयुक्त होगा। यहाँ जो प्रसंग है वह अकेले 'कम्प्यूटर' शब्द के लिये उपयुक्त हिन्दी के सम्बन्ध में है। अन्त में आपके 'फारसी के बिना हिन्दी का अस्तित्व नहीं' वाले थेसिस पर। एक और सिद्धान्त भी है कि अंग्रेजी सहित यूरोप की अधिकांश भाषाएँ संस्कृत से जन्मीं हैं। उसे क्यों भूल जाते हैं?---- अनुनाद सिंहवार्ता 06:27, 25 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

अनुनाद जी की बात से शतशः सहमत हूं, बल्कि मैंने ऊपर भी यही बात कही है, जिसमें कम्प्यूटर डिस्प्ले के लिये समर्थन भी किया था, क्योंकि सन्दर्भ देखें तो यहां कम्प्यूटर शब्द डिस्प्ले के संग अधिक संगत होगा। किन्तु अलग रूप में उसका हिन्दी शब्द संगणक य अभिकलित्र ही उचित होगा।
ध्यान रहे कि हमार उद्देश्य हिन्दी में ज्ञान का प्रसार करना है, न कि किसी भी भाषा में करना। कम्प्यूटर हेतु अंग्रेज़ी भाषा है न। जिसे हिन्दी में संबंधी पाठ चाहिये उसके लिये ही यहां पाठ उपलब्ध है। यदि उसे पता है कि हिन्दी विकिपीडीया में भी पाठ उपलब्ध हो सकता है तो वह हिन्दी विकी में आकर सर्च कर सकता है, जहां उसे कम्प्यूटर शब्द अभिकलित्र या संगणक पर पहुंचा देगा। इसके अलावा भी गूगल सर्च पर हमं अधिकांशतः पहला परिणाम कम्प्यूटर और हिन्दी मिलता ही है, जिसमें कम्प्यूटर की कड़ी दी गई है। वहां से वो बचे-खुचे लोग भी अभिकलित्र/संगणक पर पहुंच जायेंगे जो अभी तक भी नहीं पहुंच पाये हैं। यदि हम इस प्रकार हिन्दी उपलब्ध शब्दों के लिये विभाषी शब्दों का सहारा लेते रहे तो हिन्दी शब्दों को कौन प्रयोग करेगा और क्यूं?
वैसे सरकारी तकनीकी शब्दावली आयोग वाली अनुनाद जी की बात का तर्क भी शतशः सही है, कि वह शब्दावली विकल्प उलब्ध कराती है, किन्तु एकमात्र विकल्प नहीं है; अपना विवेक और सन्दर्भ आदि भी वांछनीय हैं। ठीक वैसे ही यदि हम प्रयोग के स्थान पर लिखें को: अगर हम इस्तेमाल की जगह लिखें -- लिखा जाए, तो वह आम बोलचाल की ही भाषा है किन्तु हिन्दी नहीं। यह गलत नहीं कह जायेगा, किन्तु वरीयता अवश्य यदि/प्रयोग/स्थान को ही दी जायेगी व जानी भी चाहिये।--आशीष भटनागरवार्ता 08:32, 25 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
आशीष जी, आज ही शब्दावली आयोग एकमात्र विकल्प नहीं है, वरना हर रोज़ तो वही होता है। इसपर कितनी लम्बी वार्ता हुई है पिछले साल में आप भी देखें। आपका हिन्दी से मतलब लगता ब्रजभाषा है पर जिस पर "हिन्दी" की बुनियाद रखी गई है वो खड़ीबोली है। आपके हिसाब से "अगर" गैर-हिन्दी है? ऐसा है तो मुझे जनगणना में हिन्दी को मातृभाषा नहीं कहना चाहिये! आपने पूछा "हिन्दी शब्दों को कौन प्रयोग करेगा और क्यूं?", मैं कहता हूँ करता भी कौन है? लोगों को हँसी आती है ऐसे कठिन शब्द सुनकर। हम एकाभाषी समाज में नहीं रह रहे है, बहुभाषी में रह रहे है। यहाँ अंग्रेज़ी भाषा तकनीक (जो खुद अंग्रेज़ी के Technique से आया है) की भाषा है। ये हमारे यहाँ दस्तूर है। अगर आप हिन्दी विकिपीडिया का विकास और विस्तार चाहते हो इसी दस्तूर के साथ चलना होगा। आगे आप लोगों की राय तो स्पष्ट है। इसलिये वि:सभानहीं के तहत मैं इस चर्चा को खत्म करता हूँ।--पीयूष (वार्ता)योगदान 09:13, 25 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

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वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग के इस पेज पर भी कम्प्यूटर शब्दा प्रयोग मात्र १० बार एवं अभिकलित्र शब्द का प्रयोग १८ बार हुआ है। इसके अलावा इसके अर्थ में दोनों ही शब्द दिये हैं। साथ ही यहां संगणक शब्द दिया भी नहीं है। अब बहुमत देखें तो बहुप्रयोग अभिकलित्र के साथ है, और हिन्दी देखें तो संगणक तो होना ही चाहिये...। यदि तथ्य समर्थन करें तो चर्चा को ४ पृष्ठ भी चलाइये, कोई आपत्ति नहीं, वर्ना अनर्थक खींचने क लाभ भी नहीं होता है। हां ये ध्यान अवश्य रखना चाहिये कि हिन्दी का पूर्णतया नहीं तो अधिकतम प्रयोग अवश्य हो यहां।ऐसे कोई दस्तूर यहां पालन करने की दृढ़ आवश्यकत नहीं है जो हमारी भाषा के विरुद्ध या के लिये हानिकारक हो। इस बारे में अमान्य उदाहरण ऊपर दिये ही गए हैं, जैसे ऑफ़िस, आदि। हां हिन्दी मातृभाषा है ये जनगणना तय भी नहीं करती है, यह तो मेरा लालन पालन किस वातावरण में हुआ है, वो तय करता है। जनगणना तो राष्ट्रभाषा तय करती है। और वो भी हिन्दी भाषी लोगों का बाहुल्य होने के कारण हिन्दी है, किसी की पसन्द के कारण नहीं। इसीलिये आप ल्ख में वक्त लिख दें तो उसे गलत नहीं कहेंगे किन्तु कोई सही शब्द पूछेगा तो समय ही बताया जायेगा-- ये तो मानेंगे, जबकि समय बोलने वाले दिल्ली से ५०० व्यास क्षेत्र के कितने लोग हैं, आप जानते ही होंगे। वक्त/टाइम ही अधिक बोलते हैं। पूर्वी उ.प्र/म,प्र/राज. आदि में समय ही बोला जाता है। सही हिन्दी देखनी है तो दूरदर्शन के समाचार देखिये। काफ़ी सही (एकदम नहीं) मिलेगा। नाराज न होइये...यहां सभी हिन्दी विकि के सेवक ही हैं। --आशीष भटनागरवार्ता 11:53, 25 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
वैसे खड़ीबोली के बारे में देखें व जानें तो:
खड़ी बोली से तात्पर्य खड़ी बोली हिंदी से है जिसे भारतीय संविधान ने राजभाषा के रूप में स्वीकृत किया है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से इसे आदर्श (स्टैंडर्ड) हिंदी, उर्दू तथा हिंदुस्तानी की मूल आधार स्वरूप बोली होने का गौरव प्राप्त है। खड़ी बोली पश्चिम रुहेलखंड, गंगा के उत्तरी दोआब तथा अंबाला जिले की उपभाषा है जो ग्रामीण जनता के द्वारा मातृभाषा के रूप में बोली जाती है। इस प्रदेश में रामपुर, बिजनौर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, सहारनपुर, देहरादून का मैदानी भाग, अंबाला तथा कलसिया और भूतपूर्व पटियाला रियासत के पूर्वी भाग आते हैं।

खड़ी बोली वह बोली है जिसपर ब्रजभाषा या अवधी आदि की छाप न हो। ठेंठ हिंदी। आज की राष्ट्रभाषा हिंदी का पूर्व रूप। इसका इतिहास शताब्दियों से चला आ रहा है। यह परिनिष्ठित पश्चिमी हिंदी का एक रूप है। 'खड़ी बोली' (या खरी बोली) वर्तमान हिंदी का एक रूप है जिसमें संस्कृत के शब्दों की बहुलता करके वर्तमान हिंदी भाषा की सृष्टि की गई और फारसी तथा अरबी के शब्दों की अधिकता करके वर्तमान उर्दू भाषा की सृष्टि की गई है। दूसरे शब्दों में, वह बोली जिसपर ब्रज या अवधी आदि की छाप न हो, ठेंठ हिंदीं। खड़ी बोली आज की राष्ट्रभाषा हिंदी का पूर्व रूप है। यह परिनिष्ठित पश्चिमी हिंदी का एक रूप है। इसका इतिहास शताब्दियों से चला आ रहा है।

अब इसमें स्पष्ट है कि इसमें संस्कृत शब्दों की बहुलता की गई थी...जिसका परिणाम था हिन्दी, जबकि फ़ारसी व अरबी बाहुल्य कर उर्दु बनायी गई। इसलिये हमें तो हिन्दी के साथ ही चलना है न! और हिन्दी भी वह जो पूर्ण रूप में हिन्दी हो, उर्दु या कोई बोली नहीं। शुद्ध हिन्दी हो, चाहे शुद्धतम न हो। लेख की भाषा में कोई सा शब्द, हिन्दी न आने के कारण किसी शब्द का उर्दु/अंग्रेज़ी आदि रूप लिख ले, किन्तु कम से कम शीर्षक तो (यथासम्भव) शुद्ध हिन्दी का ही हो, क्योंकि शीर्षक लेख की पहली पहचान होता है। फ़िर संभव हो तो मुख अनुच्छेद भी हिन्दी में ही हो। अनिवार्य नहीं किन्तु प्रयास तो करें।--आशीष भटनागरवार्ता 12:10, 25 फ़रवरी 2015 (UTC) कृपया ध्यान दें: शुद्ध लिखा है, जिसका तातपर्य शुद्धतम हिन्दी से कदापि नहीं है।[उत्तर दें]

आशीष जी नमस्ते ! शुद्ध हिंदी नहीं बोलचाल वाली हिंदी ज़्याद उपयुक्त है और हमें इसी के साथ चलना चाहिए। घर में कमरों के दरवाज़े खिड़कियाँ बंद करके उसे गृह बनायेंगें तो वह सैद्धांतिक रूप से निवास योग्य स्थान हो सकता है पर रहने लायक जगह बिलकुल नहीं बचेगा। थोड़ा उदारीकरण कीजिए। सब शुद्ध ही सही होता तो अभी तक हम लोग संस्कृत ही न बोल रहे होते! हिंदी कहाँ आती फिर!--सत्यम् मिश्र (वार्ता) 13:30, 25 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

नमस्का सत्यम जी! आपसे वार्त्ता का प्रथम अनुभव होगा। इस चर्चा के बारे में कुछ ऐसा कहूंगा कि:
  • यदि घर में खिड़कियां व दरवाजे नहीं होंगे तो रहने लायक बिल्कुल नहीं होगा - समर्थन; किन्तु यदि खिड़कियां ही भर दी जाएंगी, यानि शीशे के घर ही बना दिये जाएं, तो क्या रहने लायक होगा? बाहरी शब्दों का स्वागत है, किन्तु एक सीमा तक। आपने मेरे विचार ऊपर शायद पढ़े नहीं या भूल गए। कम्प्यूटर डिस्प्ले भी बाहरी/ अंग्रेज़ी शब्द है - जिसका समर्थन मैंने किया था। ये वह खिड़की है जो आवश्यक लगती है। किन्तु संगणक/अभिकलित्र के स्थाण पर कम्प्यूटर वह शीशे के घर का एक भाग हो जाता है, जिसमें कोई भी विदेशी शब्द घुस जायेगा। ध्यान दें: हमें पृथ्वी में सूर्य की धूप अवश्य चाहिये, किन्तु पराबैंगनी जैसे अनावश्यक/हाणिकारक किरणें भी उसी सूर्य से आती हैं, उनसे बचने के उपाय भी करने चाहिये। पुनः कहूंगा: कृपया ध्यान दें: शुद्ध लिखा है, जिसका तातपर्य शुद्धतम हिन्दी से कदापि नहीं है। --आशीष भटनागरवार्ता 23:08, 25 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
सत्यम् जी, 'बन्द खिड़कियाँ' वाले आपके जुमले पर मैं भी कुछ कहना चाहता हूँ। तर्क-वितर्क में ऐसे जुमले प्रयोग नहीं करें तो अच्छा रहता है क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि कौन खिड़कियाँ बन्द कर रहा है। इसी जुमले का मैं प्रयोग कर सकता था और आप पर खिड़कियाँ बन्द करने का आरोप मढ़ सकता था। दूसरी बात यह कि जब आँधी आती हो, घर में कचरा घुसने लगे तो खिड़कियाँ बन्द करने के लिये ही बनी हैं। किसी हास्य लेखक ने बड़ा सुन्दर कहा है कि दिमाग खुला रखो लेकिन उतना ही कि कोई उसमें कचरा न डाल पाये। चौथी बात, भारत (और, हिन्दी वालों) से अधिक खुलापन कहीं हो तो उसका उदाहरण दीजिये, उस पर अलग से चर्चा करते हैं।---- अनुनाद सिंहवार्ता 03:57, 26 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
मित्रो, विकिपीडिया को जन मानस तक पहुचाने के लिए ये आवश्यक है की हम हिंदी के ज्यादा प्रचलित शब्दों से ही शीर्षक बनाएं। फिलहाल अभिकलित्र की जगह कंप्यूटर ज्यादा प्रचलित है, इसलिए विकिपीडिया व हिंदी भाषियों के लिए यही उपयुक्त होगा। जब कभी भविष्य में अभिकलित्र लोकप्रिय हो जायेगा तो हम उसे शीर्षक बना देंगे। और उसे लोकप्रिय बनाने का काम विकीपिडिया का नही बल्कि सरकार का है। वह शुद्ध हिंदी मे पठन पाठन करवाए, परीक्षाऍ ले तो ये शब्द भी लोकप्रिय हो जायेंगे। हमे यह नही भूलना चाहिये कि विकिपीडिया किसी भाषा विशेष को प्रचलित करवाने की वेबसाइट नही है बल्कि देश दुनिया के तमाम विषयों को विभिन्न भाषाओं में विभाषी लोगो तक पहुचाने की वेबसाइट है। यह विभिन्न भाषाओ में उपलब्द्ध ज्ञान कोष है, ना की भाषाओ की प्रयोगशाला। -- शेखर 12:21, 26 फ़रवरी 2015 (UTC)

हिंदी बनाम हिंदुस्तानी[संपादित करें]

मुझे लगता है कि उपरोक्त वार्ता जिस तरफ बढ़ रही है उसे यदि मैं थोड़ा बढ़ा चढ़ा कर कल्पित करूँ तो एक दिन बहस यह होगी कि क्यों ना हिदी और हिंदुस्तानी विकिपीडिया अलग किया जाए, जैसा कि इंगलिश और सिंपल इंगलिश का है। अंको का रूप (नागरी या अरबी), कंप्यूटर या अभिकलित्र, तकनीकी भाषा या जनसाधारण-- यहाँ के सारे अनसुलझे विवाद इसी दिशा में इशारा करते हैं। दोनों के ही पक्ष में भी उतने लोग है, विरोध में भी उतने ही। --मनोज खुराना 15:13, 25 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

एक नाम मैं सुझा देता हूँ -"हिंग्लिस्तानी"! ;)
--सत्यम् मिश्र (वार्ता) 16:45, 25 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

सुझाव: इस लेख का नाम अभिकलित्र ही रहने दें। लेकिन अन्य लेखों में इसे कम्प्युटर लिखने से ठीक रहेगा। इससे लोगों को अभिकलित्र शब्द का अच्छे से ज्ञान भी हो जाएगा और लेख के शब्द भी लोगों को सरल लगेंगे। Sfic (वार्ता) 18:36, 25 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

क्यों इसे अभिकलित्र रहने दिया जाय? इसलिए कि एक संस्कृतनिष्ठ शब्द है? इसलिए कि सरकारी आयोग ने सुझाया है? हिन्दुस्तान की कितने प्रतिशत जनता इस शब्द को सुनकर समझ पायेगी कि किस चीज़ के बारे में बात हो रही है? आपत्ति क्या है कंप्यूटर रखने में? केवल यह की ये अंग्रेज़ी शब्द है? यही न? हम यहाँ संस्कृतनिष्ठ शब्द को प्रचलन में लाने के लिए इकठ्ठा हुए हैं? किसी आयोग के द्वारा सुझावित शब्दावली को स्वीकार्य बनाने का माध्यम बनने के लिए यहाँ योगदान कर रहे हैं? मेरी बहुत विनम्र प्रार्थना है सभी अभिकलित्र समर्थकों से कि वो वो अपनी ऊर्जा संस्कृत विकिपीडिया पर चणकपिष्टम और भर्जिका जैसे लेखों में लगायें और अपने प्यारे भारतवर्ष में संस्कृत सीधे स्थापित कर लें, कृपया हिंदी को अपनी शुद्धतावादी नीयत से बख़्श दें। पुनर्निर्देश एक सुविधा है, असुविधा बनाने का हथियार नहीं। आप लोग कंप्यूटर नाम से लेख बनायें और अभिकलित्र से पुनर्निर्देश कर दें। जो सरकारी आदमी अभिकलित्र को खोजेगा अवश्य पहुँच जायेगा।
ऐसे लोग जिन्हें शुद्ध हिन्दी से प्रेम है, "शुद्ध हिंदी" या "मानक हिन्दी" नाम से एक नयी विकि बना लें और वहाँ अपनी शुद्धता फैलायें। मैं वादा करता हूँ वहाँ संस्कृतनिष्ठ हिन्दी लिखने का पूरा प्रयास करूँगा। नज़र न लगे मेरे इस सुझाव को।--14.98.154.198 (वार्ता) 19:39, 25 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
ग़लती से ऊपर लिखा कमेंट मैंने बिना लॉग इन किये लिख दिया था! अहस्ताक्षरित रह गया, इसके लिये क्षमा प्रार्थी हूँ! --सत्यम् मिश्र (वार्ता) 20:19, 25 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
सत्यम् जी, यह बात आपके पास तर्क के अकाल पड़ने की सूचना दे रहा है। कोई यह भी सलाह दे सकता है कि 'कम्प्यूटर' ही लिखना है तो अंग्रेजी विकि पर जाओ। नुक्ता की ही प्रयोग करना है तो अरबी, फारसी, उर्दू विकि पर क्यों नहीं चले जाते? ---- अनुनाद सिंहवार्ता 04:05, 26 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
सत्यम जी, एक वादा मैं भी करूं कि यदि मिश्र हिन्दी या हिन्दुस्तानी भाषा नाम से अलग विकी बनाय़ी जाए तो मैं भी पूरे प्रयास करूंगा। और ये आप भी मानेंगे कि आप शुद्ध भाषा में जितना प्रयास कर पाएंगे, मैं मिश्र भाषा में एससे अधिक ही कर पाऊंगा - सरल जो है।
ऊपर भी कहा है फ़िर भी कहूंगा, क्योंकि इस सन्दर्भ में आवश्यक है: कृपया ध्यान दें: शुद्ध लिखा है, जिसका तातपर्य शुद्धतम हिन्दी से कदापि नहीं है। इसके अलावा मैंने लेख के नाम को शुद्ध करने को कहा है, लेख में कोई भी शब्द प्रयोग करें। तकनीकी शब्दावली ने तो कम्प्यूटर एवं अभिकलित्र दोनों ही सुझाये हैं - आपने शायद देखा नहीं। इसके अलावा मैंने मात्र उस पर निर्भर रहने को कहा भी नहीं है।
एक और आवश्यक बात: हमें इस विकि पर हिन्दी में ज्ञान का प्रसार करना है, केवल ज्ञान का ही प्रसार नहीं। तो यहां हिन्दी भी ध्यान देनी होगी। शुद्धतम हिन्दी के बारे में मैं भी समर्थन नहीं करूंगा। किन्तु एफ़.एम रेडियो पर आर.जे द्वारा बोली जाने वाली हिन्दी का भी उपयोग नहीं होना चाहिये।
ऐसा कदापि न समझियेगा कि मैं इतने दिन सो तो निष्क्रिय रहा और अब एकदम से आकर अपनी बात पर जोर दे रहा हूं। जैसी बहुमत राय होगी, वैसा ही जारी रहेगा। मुझसे अधिक तो आप लोगों का अधिकार वैसे भी है, किन्तु अपनी बात रखने एवं तर्क देने का अधिकार सभी को है।
आपको क्या लगता है, ऑराय्ज़ा सैटिवा आम बोलचाल का शब्द है? किन्तु इस नाम से अंग्रेज़ी में लेख बना है, और हमारे यहां भी भविष्य में बनेगा। फ़िल्हाल उसे धान नाम पर प्रेषित किया गया है। इस प्रकार के शब्दों को जैसे का तैसे ही अपनी भाषा में लेना पड़ता है, जैसे ऊपर भी कहा है: सूनामी। किन्तु जनित्र, अभिकलित्र आदि को हम अंग्रेज़ी में ही लिख दें, इसका क्या औचित्य होगा। फ़िर वही ऊपरी सुझाव सही होगा, जैसे सिंपल इंग्लिश विकि है, वैसे ही बोलचाल हिन्दी विकि होगा। इसमें भी कुछ बुराई नहीं है, किन्तु पहले उस स्तर तक तो पहुंचें। इतने योगदानकर्त्ता तो मिलें।
हमारी भाषा इतनी समृद्ध है कि उसमें अपने शब्द ही काफ़ी हैं, जिनकी भाषाएं इतनी समृद्ध न हों, उन्हें उधार की आवश्यकता पड़े, हमें क्या आवश्यकता है? --आशीष भटनागरवार्ता 23:25, 25 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

विकीपीडिया का काम ज्ञान प्रसार करना है, लोगों को ज्ञान उपलब्ध करवाना है। लेकिन लोग इसे तभी अच्छी तरह समझ पाएंगे जब यह आम बोलचाल की भाषा में उपलब्ध हो। कंप्यूटर शब्द अधिक प्रचलित है और अभिकलित्र शब्द के बारे में तो इक्का-दुक्का लोगों को ही जानकारी है। अतः मेरा सुझाव है कि लेख का नाम कंप्यूटर ही अधिक उचित रहेगा। ★★☆सुनील मलेठिया (संदेश) 00:12, 26 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

जहाँ तक मेरा मत है तो मैं अपने सदस्यपृष्ठ पर १.५ वर्ष पहले लिखे गए अपने विचार यहाँ उद्धृत करना चाहूँगा- हिंदी के बारे में मेरा मानना है कि यह किसी भी ज़ुबान को अपने में जज़्ब कर सकती है, किसी भी लैंग्वेज को अपने में एडजस्ट कर सकती है। यही खासियत अंग्रेजी में भी है, अंतर इतना है कि अंग्रेजों ने इसका उपयोग करके अपनी भाषा को समृद्ध किया जबकि हमने इसे क्षरण समझकर विरोध किया, परिणामस्वरूप आज हिंदी मरणासन्न है। विकिपीडिया आख़री चान्स है, हिंदी को बचाने का।--मनोज खुराना 14:58, 26 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

अन्य भाषाओं में इस लेख के नाम[संपादित करें]

इसमें कोई सन्देह नहीं कि वर्तमान समय में कम्प्यूटर सर्वाधिक प्रसिद्ध और चर्चित वस्तुओं में से एक है। मेरा अपना अनुमान है कि संसार के सभी भाषाओं के लगभग सभी पढ़े-लिखे लोग (पाँचवीं पास?) तो 'कम्प्यूटर' शब्द से परिचित होंगे ही। ऐसे में यह देखना रोचक है कि कितनी भाषाओं में इस लेख का नाम 'कम्प्यूटर' है। देखिये-

ace Komputer
af Rekenaar
als Computer
am ኮምፒዩተር
ang Spearctelle
an Ordinador
arc ܚܫܘܒܐ (ܡܐܟܢܐ)
ar حاسوب
arz كومبيوتر
ast Computadora
as কম্পিউটাৰ
az Kompüter
bar Rechna
bat_smg Kuompioteris
ba Компьютер
be_x_old Кампутар
be Камп'ютар
bg Компютър
bh कंप्यूटर
bn কম্পিউটার
bo གློག་ཀླད།
bpy কম্পিউটার
br Urzhiataer
bs Računar
bug Komputer
bxr Компьютер
ca Ordinador
cdo Diêng-nō̤
ceb Dagitok
ce Компьютер
chy Tséohketoetanóto
ckb کۆمپیوتەر
crh Kompyuter
cs Počítač
cu Съмѣтатєл҄ь
cv Компьютер
cy Cyfrifiadur
da Computer
de Computer
diq Komputer
el Ηλεκτρονικός υπολογιστής
eml Zarvlån
en Computer
eo Komputilo
es Computadora
et Arvuti
eu Ordenagailu
fa رایانه
fiu_vro Puutri
fi Tietokone
fo Teldur
fr Ordinateur
fur Ordenadôr
fy Kompjûter
gan 電腦
ga Ríomhaire
gd Coimpiutair
gl Ordenador
gn Kombutadóra
got 𐍅𐌹𐍄𐌹𐍂𐌰𐌷𐌽𐌾𐌰𐌽𐌳𐍃/Witirahnjands
gu સંગણક
gv Co-earrooder
hak Thien-nó
ha Na'ura
he מחשב
hif Computer
hi अभिकलित्र
hr Računalo
ht Òdinatè
hu Számítógép
hy Համակարգիչ
ia Computator
id Komputer
ie Computator
ig Orunotu
ik Qaqasauraq
ilo Kompiuter
io Ordinatro
is Tölva
it Computer
iu ᖃᕋᓴᐅᔭᖅ
ja コンピュータ
jbo skami
jv Komputer
kaa Kompyuter
ka კომპიუტერი
kg Ludinatelo
kk Компьютер
km កុំព្យូទ័រ
kn ಗಣಕಯಂತ್ರ
ko 컴퓨터
krc Компьютер
ks کَمپیوٗٹَر
ku Komputer
kv Компьютер
kw Comptyor
ky Компүтер
lad Contador
la Computatrum
lb Computer
lez Компьютер
li Computer
lmo Cumpiüter
ln Esálela
lo ຄອມພິວເຕີ
lt Kompiuteris
lv Dators
mg Solosaina
mhr Компьютер
mk Сметач
ml കമ്പ്യൂട്ടർ
mn Компьютер
mr संगणक विज्ञान
ms Komputer
mt Kompjuter
mwl Cumputador
myv Арси машинась
my ကွန်ပျူတာ
mzn کامپیوتر
nah Chīuhpōhualhuaztli
nap Computer
nds_nl Komputer
nds Reekner
ne कम्प्युटर
new कम्प्युटर
nl Computer
nn Datamaskin
no Datamaskin
nv Béésh bee akʼeʼelchíhí tʼáá bí nitsékee…
oc Ordinator
om Kompitara
or କମ୍ପ୍ୟୁଟର
pam Computer
pa ਕੰਪਿਊਟਰ
pih Kompyuuta
pl Komputer
pms Ordinator
pnb کمپیوٹر
pnt Ηλεκτρονικόν υπολογιστής
ps سولگر
pt Computador
qu Antañiqiq
ro Calculator
rue Компютер
ru Компьютер
sah Көмпүүтэр
sa सङ्गणकम्
scn Computer
sco Computer
sc Computer
sh Kompjuter
simple Computer
si පරිගණකය
sk Počítač
sl Računalnik
so Kumbuyuutar
sq Kompjuteri
sr Рачунар
stq Computer
su Komputer
sv Dator
sw Tarakilishi
szl Kůmputer
ta கணினி
te కంప్యూటర్
tg Компутар
th คอมพิวเตอร์
tk Kompýuter
tl Kompyuter
tr Bilgisayar
tt Санак
ug كومپيۇتېر
uk Комп'ютер
ur کمپیوٹر
uz Komputer
vec Computer
vi Máy tính
vls Computer
war Kompyuter
wa Copiutrece
wo Nosukaay
wuu 计算机
xh Ikhompyutha
xmf კომპიუტერი
yi קאמפיוטער
yo Kọ̀mpútà
za Dennauj
zh_classical 電腦
zh_min_nan Tiān-náu
zh_yue 電腦
zh 電子計算機
zu Ikhompiyutha

स्पष्टीकरण[संपादित करें]

अनुनाद जी मुझे लग रहा है मैं अपना नुक्ता स्पष्ट नहीं कर पाया। क्षमा चाहूँगा!

गढे हुए से मेरा आशय था कि संडे के लिये रविवार गढ़ा नहीं गया; फ़ादर के लिये पिताजी, या अन्य जो उदाहरण ऊपर दिए गये हैं उनके लिये भी हिंदी में पहले से शब्द मौज़ूद थे। पर "कंप्यूटर" के लिये "अभिकलित्र" या "जनरेटर" के लिये "जनित्र" इत्यादि गढ़े हुए हैं (क्योंकि यह हिंदी में नहीं था)। मैं बस यह कहना चाहता था कि जब तक ये गढ़े हुए शब्द स्वतः (या सरकारी प्रयास से) प्रचलित नहीं हो जाते तब तक उनका प्रयोग हमें यहाँ विकिपीडिया पर नहीं करना चाहिये अगर उनका मूल शब्द हिंदी में पहले से ज्यादा प्रचलन में है।

मैं फिर कह रहा हूँ कि मैं खुद भूगोल विषय में लेख बनाते समय ऐसे बहुत से शब्दों का उपयोग करता हूँ जो किसी दूसरी भाषा की टर्मावली का गढ़ा हुआ अनुवाद हैं, पर आम व्यक्ति को इनसे कोई वास्ता नहीं और भूगोल वालों में यह पर्याप्त प्रचलित हैं। इसी तरह जब अभिकलित्र, जनित्र इत्यादि सामान्य रूप से लोगों की आम भाषा का हिस्सा बन जाएँ तभी उन्हें यहाँ प्रश्रय दिया जाय; उन्हें प्रचलित कराने की ज़िम्मेवारी हमारी नहीं, न ही यह उचित है, जब हम एक सामान्य ज्ञानकोश बनाने में योगदान कर रहे हैं।

२) कचरे की बात! "कमरा" कचरा है (पुर्तगाली या ऐसी ही किसी भाषा से आया है), "खिड़की" कचरा है, "दरवाज़ा" कचरा है; कह के अगर सफ़ाई करेंगे तो घर ढह जायेगा; सफ़ाई के लिये झाड़ू की बजाय बुलडोज़र चलाना ठीक नहीं (अगर आपको लगता है कि कक्षों, कपाटों और गवाक्षों निर्मित गृह में रहना अधिक श्रेयस्कर है तो उसी ओर इंगित कर रहा हूँ कि इनसे निर्मित गृहों की जगह ही आज की बस्ती बसी है, प्रतिगामी मत बनिये)।

३) मैंने बस एक ही तर्क दिया था (ऊपर फिर लिखा है); पर तर्कों के अकाल की बात ख़ूब कही आपने, आप ही कुछ तर्क बरसा दीजिए सर जी! खुद क्यों आयोग की ओलती की ओट में आड़ ले रहे हैं?

४) आपके द्वारा पूछे अन्य प्रश्नों का सीधा उत्तर यही है कि "कंप्यूटर" भी गढ़ा हुआ शब्द है और नुक़्ते भी; मुझे गढ़ कर बनाये शब्द से परहेज नहीं अगर वह प्रचलित भी हो।--सत्यम् मिश्र (वार्ता) 19:12, 26 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

सत्यम् जी, पहले आप ने 'गढ़े हुए' शब्दों से परहेज बताया और अब कुरेदने पर 'गढ़े हुए किन्तु प्रचलित से परहेज नहीं' पर उतर आये हैं। कहीं ऐसा तो नहीं है कि 'विदेश में गढ़ा हुआ' , 'देश में गढ़े हुए' से श्रेष्ठ है। ऊपर जो सूची मैने दी है उससे कितनी भाषाएँ आपके इस मॉडल पर चलती हुई दिख रहीं हैं? आपने अब भी यह नहीं बताया कि नुक्ता कब से 'प्रचलित' और 'आसान' की श्रेणी में आ गया। लोग विदेशी शब्दों का देशीकरण करके अपनी भाषा में मिलाने की बात करते हैं और आप नुक्ते को ढोते फिर रहे हैं फिर भी अपने को 'अग्रगामी' घोषित कर रहे हैं। यह विरोधाभास क्यों?
अब 'प्रचलित' के बारे में। आप ऊपर लिखते हैं- अभिकलित्र, जनित्र इत्यादि सामान्य रूप से लोगों की आम भाषा का हिस्सा बन जाएँ तभी उन्हें यहाँ प्रश्रय दिया जाय; उन्हें प्रचलित कराने की ज़िम्मेवारी हमारी नहीं...। नयी शब्दावली केवल हिन्दी में नहीं बनी है, यह सैकड़ों भाषाओं में बन चुकी है। किसी देश या भाषा ने शब्दावली के अंगीकरण का आपका यह मॉडल अपनाया हो तो बतायें। यह तो असम्भव सी बात कह रहें हैं कि शब्दावली जब प्रचलित हो जायेगी तब हम उसका उपयोग/प्रयोग करेंगे। इसी पर एक अतिप्रासंगिक चुटकुला है- एक शेख जी अरब से भारत आये। लोगों को तैरते देख उन्हें भी तैरना सीखने की लालसा जगी। जलाशय की ओर भागे और फिसल कर गिर पड़े। उन्होने प्रण किया, "जब तक तैरना नहीं सीख लेता, पानी में पैर नहीं रखूँगा।" आपका उपरोक्त मॉडल भी शेख जी की प्रतिज्ञा जैसा ही है। सत्यम् जी, जिस तरह पानी में घुसे बिना तैरना नहीं आ सकता उसी तरह शब्दावली के प्रयोग के बिना उसका प्रचलन नहीं होगा। सभी पारिभाषिक शब्द किसी दिन बिलकुल नये और अप्रचलित थे। और 'कम्प्यूटर' भी।---- अनुनाद सिंहवार्ता 04:45, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
फिर एक और अजीब उदाहरण से तर्कहीन चर्चा।--पीयूष (वार्ता)योगदान 05:34, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
अनुनाद जी मैं आपको इन शब्दों को प्रचलित कराने से नहीं रोक रहा। आप अखबार में लिखें भाषण दें जो चाहे करें आपके पास तमाम जलाशय मौज़ूद हैं। जब यह शब्द तैरने लगे तब यहाँ लायें, इस विकिपीडिया को ट्रेनिंग स्थल न बनाने की कोशिश की जाय। हम यहाँ किसी तरह का नेतृत्व करने समाज राष्ट्र इतिहास को नई दिशा देने या नेता बनने के लिए नहीं इकठ्ठा हुए है, विकिपीडिया प्रचलित और प्रसिद्द तथा सामान्य रूप से स्वीकृत ज्ञान का अनुगमन करती है (यह इसका मूल और आधारभूत लक्षण है)।--सत्यम् मिश्र (वार्ता) 07:53, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

स्पष्टीकरण २[संपादित करें]

आशीष जी मुझे आपसे वार्ता करके खुशी हो रही है और आपके पुनः सक्रिय होने का स्वागत है। अधिकार सबका बराबर है। आप और हम विरोध की स्थिति में नहीं विरोधाभास की स्थिति में हैं, आप जिसे प्रदूषण (अनुनाद जी कचरा) मान रहे हैं बस उसकी पहचान में मतान्तर है। हिंदी में सन्डे, फ़ादर टाइप प्रदूषण के मैं भी खिलाफ़ हूँ, पर किसी ऐसे टर्म के लिये जिसके लिये हिंदी में पहले से कोई शब्द नहीं था, अगर कोई संस्कृतनिष्ठ शब्द गढा जाता है तो उसे अच्छा मानना और मूल टर्म को विदेशी कहकर नकारना या प्रदूषण कहना ठीक नहीं। अगर हिंदी ने हर विदेशी शब्द को प्रदूषण कह कर नकार दिया होता तो बड़ी कृपण होती (क्योंकि तब ग़रीब नहीं होता)। मुझे हिंदी की समृद्धि पर शक नहीं, इसे समृद्ध बनाने के लिये संस्कृत का सहारा लेकर शब्द गढ़ना भी मेरी नज़र में आपत्तियोग्य नहीं, पर ऐसे शब्दों को ज़बरन प्रचालन में लाने की कोशिश करना हमारा काम नहीं! भाषाओँ में समृद्धि अन्य भाषाओँ से शब्द स्वीकारने से भी बढ़ती है! --सत्यम् मिश्र (वार्ता) 19:29, 26 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]


सत्यम् जी के दोनों स्पष्टीकरणों से मैं १००% सहमत हुँ। ऊपर लिखे अपने विचार मैं दोबारा यहाँ पेस्ट कर रहा हुँ-
जहाँ तक मेरा मत है तो मैं अपने सदस्यपृष्ठ पर १.५ वर्ष पहले लिखे गए अपने विचार यहाँ उद्धृत करना चाहूँगा- हिंदी के बारे में मेरा मानना है कि यह किसी भी ज़ुबान को अपने में जज़्ब कर सकती है, किसी भी लैंग्वेज को अपने में एडजस्ट कर सकती है। यही खासियत अंग्रेजी में भी है, अंतर इतना है कि अंग्रेजों ने इसका उपयोग करके अपनी भाषा को समृद्ध किया जबकि हमने इसे क्षरण समझकर विरोध किया, परिणामस्वरूप आज हिंदी मरणासन्न है। विकिपीडिया आख़री चान्स है, हिंदी को बचाने का।--मनोज खुराना 04:04, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
अंग्रेजों ने बड़ी खुशी से घी, घाट, पजामा, योग आदि शब्द अपनी डिक्शनरी में शामिल कर लिए और वे इस बात पर खुश होते हैं कि उनका शब्दकोश बड़ा हो गया है। योग के लिए वो भी टोटल, सम, कंबिनेशन, सिनर्जी, (व्)होल, होलिस्टिक, यूनिफाइ आदि आदि शब्दों को हेर फेर करके सौ शब्द गढ़ सकते थे। मुझे अच्छी तरह याद है जब हम कौलेज में पढ़ते थे, एक बार भारत सरकार ने सोचा कि एड्स से लड़ाई तभी की जा सकती है जब इसका कोई हिंदी नाम हो ताकि लोगों को आसानी से समझाया जा सके- मैंने "रक्षानाशी" शब्द का सुझाव भेजा था, लोगों ने "काला नाग" जैसे शब्द तक सुझा डाले थे और जहाँ तक मुझे याद है कोई एक शब्द सलेक्ट भी हुआ था। उस शब्द का क्या हुआ किसी को आज तक पता नहीं। हाँ, एड्स शब्द हिंदी जनता ने एसे ही आत्मसात कर लिया, सरकारी सोच सरकार में ही रह गई। जैसे पानी अपना रास्ता खुद बना लेता है, जनता भी अपनी भाषा खुद बना लेती है। कोई माने ना माने, कंप्यूटर शब्द हिंदी का शब्द बन चुका है। यह लेख का नाम तो कंप्यूटर ही होना चाहिए, लेख के अंदर सरकारी/तकनीकी शब्दों की पूरी सूची एक अलग अनुभाग डाल कर दे दीजिए, चलेगा।
ये सब लिखते लिखते मेरे दिमाग में आया कि देखूँ, डॉक्टर के लिए तकनीकी शब्दावली क्या कहती है- वैद्य, हकीम या और कुछ। लेकिन हिंदी विकि पर डॉक्टर लेख देखकर तो मज़ा ही आ गया। --मनोज खुराना 04:24, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
  • सबसे प्रथम तो इस बात पर कि आज हिंदी मरणासन्न है। विकिपीडिया आख़री चान्स है, हिंदी को बचाने का मेरा कड़ा विरोध है। यदि हिन्दी मरणासन्न है तो क्या ८०० वर्ष मुगल/मुस्लिम शासन फ़िर २०० वर्ष अंग्रेज़ी शासन के बाद हिन्दी मात्र इतिहास का विषय नहीं होती? 800 वर्ष के अन्तराल के बाद भी जो भाषा फ़िर प्रसार हुई, उसका क्रण यही है कि वह जनमानस की भाषा रही है और १९४७ के बाद हिन्दी ने बहुत उन्नति की है और उस क एक बड़ा कारण है उसे राष्ट्रभाषा बनाय जाना। कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी......
  • यदि आपका यही मानना है कि विकिपीडिया अंतिम प्रयास है उसे बचाने का, तब फ़िर क्यों हम अंग्रेज़ी के उधारी शब्दों का प्रयोग कर उस चांस को भी खो दें?
  • किसी भाषा में यदि अपने शब्द गढ़ने की योग्यता है तो हमें उसे प्रसार करनाऔर उसमें वृद्धि करनी चाहिये, न कि उसे और दबा कर उधार का जीवन देते रहना चाहिये।
  • हमने सूनामी के लिये शब्द नहीं गढ़ा है, रेल के लिये लौहपथगामिनी,(और ढ़ेरों अन्य उदा०) की अनुशंसा नहीं की है। चर्चा मात्र कम्प्यूटर के लिये हो रही है।
  • वियतनामी भाषा को हिन्दी से समृद्धतर कहेंगे जो उन्होंने vi Máy tính का प्रयोग किया है। ऐसे ही tr Bilgisayar, xh Ikhompyutha, sw Tarakilishi व ढेरों अन्य उदाहरण हैं।
  • हमने प्रत्येक विदेशी शब्द्को प्रदूषण कभी नहीं कहा है, इस तर्क/वाक्य पर भी विरोध है। स्वयं आपने ढेरों स्थानों पर टर्म प्रयोग किया है, जिसका कारण ये नहीं कि टर्म के लिये हिन्दी कृपण है, वरन ये कि आपकि शब्दावली उस शब्द विशेष के लिये कृपण थी। यदि ढूंढें तो अवश्य मिलेंगे। मैंने हिन्दी विकि सम्मेलन २०१५ में आद०पूर्णिमा वर्मन जी की कही एक बात को ससम्मान उद्धृत किया था। यदि हिन्दी में लेख लिखने हैं (गुणवत्ता वाले) तो ३ शब्दकोष पास सदा रहने चाहियें: अंग्रेज़ी-हिन्दी, उर्दु-हिन्दी एवं हिन्दी-हिन्दी। यदि आप इनका प्रयोग करेंगे तो अवश्य साफ़ (शुद्धतम नहीं कहा) हिन्दी प्रयोग कर पायेंगे।
  • यदि हम प्रचलित शब्दों के पीछे ही दौड़ते रहे तो आगे कैसे बढ़ेंगे? संगणक या अभिकलित्र को हम प्रचलित कर देते हैं। भीख की भाषा की कुंठा से सदा हम क्यों ग्रस्त रहें, जब अपना Make in hindi उपलब्ध है। किन्तु इसका अर्थ ये भी नहीं कि सीमा से अधिक एवं आवश्यकता से अधिक, असन्दर्भित शब्द गढ़ते ही जायें। हमें संस्कृत पर गर्व होना चाहिये न कि शर्म। हां जो बात आपने हिन्दी के लिये लिखी थी, वो संस्कृत पर लागू होती है, उसे आप मरणासन्न भी कह सकते हैं (एक सीमा तक) किन्तु धन्य हैं नेहाल जी व अन्य संस्कृत विकिपीडियन जिनके प्रयास से वह भाषा भी ऊपर उठ रही है।
--आशीष भटनागरवार्ता 04:51, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
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यदि आपको डॉक्टर देख कर मजा ही आ गया तो कृपय उसका पाठ भी देखा होता, मै आपको यहीं दिखा देता हूं: एक भारतीय उपनाम। इसका प्रयोग पारसियों में होता है। हां अंग्रेज़ी Doctor का हिन्दी अन्तर आपको चिकित्सक पर मिलेगा। और मज़ा ही आ गया कुछ समझ नहीं आया। यहां कोई शब्द स्पर्धा तो नहीं हो रही है, वर्ना आपको तो यहां मां के लिये मदर मिले तो आप मिठाई भी बांट देंगे, ऐसे ही पिता = फ़ादर और आगे तो मात्र देवनागरी लिपी ही रह जाएगी, शब्दावली तो पूर्णतया अंग्रेज़ी होगी। --आशीष भटनागरवार्ता 04:57, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
मनोज खुराना जी, आपने अपने डेढ़ साल पुराने विचार यहाँ रखे, ये मुझे तर्क के बजाय भावनात्मक अपील अधिक लग रहा है। यहाँ बात चल रही है कि लेख का शीर्षक क्या होना चाहिये।(अथवा 'अभिकलित्र' को हटाकर 'कम्प्यूटर' करना चाहिये या नहीं। ऊपर कई लोगों ने लिख दिया कि इस लेख का शीर्षक 'अभिकलित्र' करने से 'कम्प्यूटर' के बारे में हिन्दी वालों को जानकारी नहीं मिल पायेगी। उन सज्जन ने ढू्ढकर नहीं देखा, पर कल्पना कर लिया। इसी तरह आपके ऊपर लिखे विचार भी आधार-विहीन हैं, ऐसा मेरा स्पष्ट मत है। अंग्रेजी का स्पेलिंग सिस्टम अंग्रेजों (और अमेरिकियों) की दकियानूसी का जीता-जागता उदाहरण है। आज अंग्रेजी की जो स्थिति है वह उसके 'पाचन शक्ति' के कारण नहीं है - उसे बलात गुलामों पर थोपा गया था और आज भी भारत में थोपा हुआ है- इसलिये है। इसलिये अंग्रेजी कीहिन्दी से तुलना मत कीजिये। हिन्दी समाचार पत्र तो दो-दो पृष्ट अंग्रेजी में निकालते हैं। क्यों हिन्दी पिछड़ी हुई है? हम (हिन्दीभाषी और अन्य भारतीय भी) पूरा प्रयत्न करके अतिप्रचलित भारतीय शब्दों (पिता, माता, बहन, रविवार, परीक्षा ... आदि हजारों शब्द) के लिये अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग करते आ रहें हैं- फिर भारतीय भाषाएँ क्यों पिछड़ रहीं है? क्या अंग्रेजी इससे भी अधिक करती है? खुराना जी, हिन्दी का विकास लगभग १९०० से १९६० तक जिस गति से हुआ वह शायद कीर्तिमान है, और उस समय आज की अपेक्षा अधिक शुद्धता का आग्रह हुआ करता था। इसी तरह आपका कहना कि 'विकिपीडिया आखिरी चांस है' आधारहीन है। बांग्ला, हिन्दी और कई भारतीय भाषाओं में विश्वकोश आज से ७५-८० वर्ष पहले छप चुके थे (१५-२० खण्डों में)। मुझे इस बात में कोई सन्देह नहीं है कि भाषा की उन्नति 'सरकार से समर्थन' से होती है। यह राजा-महाराजाओं के समय में भी होता था और आज भी सही है। बहुत अधिक तो छोड़ दीजिये, 'नौकरी पाने के लिये' हिन्दी को केवल अंग्रेजी के बराबर ही स्थान दे दीजिये - एक महीने में हिन्दी अंग्रेजी से आगे निकल जायेगी। रोग का सही निदान कीजिये, अपने विचारों को एक बार फिर जाँचिये। ---- अनुनाद सिंहवार्ता 05:27, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
मैं शेखर जी की बात दोहरा दूँ "सरकार पहले इन शब्दों को प्रचलित करवाये (विकिपीडिया प्रचार तंत्र नहीं है)"' और "कि कंप्यूटर शब्द कि तुलना आफिस, संडे टाईम जैसे शब्दो से ना करे। यह एक तक्नीकि शब्द व विशय है"। हमें सिर्फ जनमानस के लिये ज्ञानकोश बनाना है न कि उनकी भाषा सुधारनी है।--पीयूष (वार्ता)योगदान 05:37, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
आशीष जी एक और बात कह दूँ, हिन्दी 1200 से में कोई नहीं थी। अगर थी जैसी अब है वैसी नहीं थी। आपको तुलसीदास के दोहों में भी "ग़रीब" शब्द मिल जाएगा। साथ ही ध्यान रखें हिन्दी राष्ट्रभाषा नहीं है। जिस रूप में आप सोच रहे है ("अभिकलित्र", जनित्र", "चिकित्सक") उसमें ये कतई आम जन की भाषा नहीं है।--पीयूष (वार्ता)योगदान 05:41, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
पीयूष जी, हिन्दी १२०० ई. में वैसी नहीं थी जैसी आज है। लेकिन क्या अंग्रेजी वैसी ही थी जैसी आज है? आपको शायद पता न हो किन्तु यह तथ्य है कि ऐसी नहीं थी। और केवल अंग्रेजी, हिन्दी ही नहीं, लगभग सभी भाषाओं की वही स्थिति है। तब 'वैसी नहीं थी' लिखकर आप क्या सिद्ध करना चाहते हैं? तुलसीदास का लगभग सम्पूर्ण साहित्य आनलाइन उपलब्ध है। "ग़रीब" शब्द (नुक्ता सहित) ढूढ़कर बता दीजिये। बिना नुक्ता के तो शायद मिल जाय। किन्तु कृपया यह बताइये कि उन्होने गरीब के समानार्थी कितने शब्द कितनी बार प्रयोग किये हैं? आप 'आम जन' किसको कहते हैं? क्या आप विश्वास के साथ कह सकते हैं कि 'अंग्रेजी आम जन' को अंग्रेजी विकि पर प्रयुक्त ५०% भी शीर्षकों (जी हाँ, केवल आधे की) की जानकारी होगी?---- अनुनाद सिंहवार्ता 07:44, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
@अनुनाद सिंह और आशीष भटनागर: जी भावनात्मक अपील ही आप लोगों की भी है। आप लोग हिंदी के संवर्धन के दायित्वबोझ में कुछ ज्यादा ही दबे हुए हैं। टर्म वाली बात; मैं कमरा इस्तेमाल करता हूँ यह मेरी पसंद है कोई ज़रूरी नहीं मैं कक्ष के लिये कृपण भी होऊँ। हिंदी क्यों पिछड़ी हुयी है, इसे कैसे संवर्धित किया जाय इसे सारकार किस तरह प्रोत्साहन दे, इसके प्रोत्साहन समृद्धि और आत्म गौरव में वृद्धि हेतु क्या-क्या लिखा जाय जैसे मुद्दों पर विचार और उनके क्रियान्वयन की जगह नहीं है यह। प्रचलित शब्दों के सहारे ही भाषा आगे बढ़ती है आशीष जी चाहे वो प्रचलन में किसी अन्य भाषा से आयें या अपनी भाषा में गढ़ कर बनाये जायं। आप लोगों का "दूसरी" भाषा के शब्द के प्रयोग को हीन मानना या ऐसे शब्द को जानबूझ कर सरकार और आयोग का प्रश्रय लेकर आगे बढ़ाने की दिशा में विकिपीडिया को माध्यम बनाना मुझे ठीक नहीं लगता। और सरकार के सहयोग पर एक बात - जिसे आप गलती से राष्ट्रभाषा समझ रहे हैं और नौकरी में अधिकार जैसी बातें कह रहे हैं; राजस्थानी, मारवाड़ी, नेमाड़ी, अवधी, भोजपुरी, मैथिली मगही जैसी तथाकथित "बोलियों" को "भाषा" का दर्ज़ा दिलवा दीजिए फिर देखिये कितने हिंदी-भाषी बचते हैं।--सत्यम् मिश्र (वार्ता) 06:04, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
मैं सबको विकिपीडिया क्या नहीं है पढ़ने की सलाह भी दूँगा। सत्यम् जी से सहमत, असली हिन्दी (खड़ीबोली को मातृभाषा के रूप में बोलने वाले जिनमें मैं भी शामिल हूँ) बोलने वाले लगभग 7-8 करोड़ लोग ही होंगे। हम यहाँ हिंग्लिश की बात नहीं कर रहे है जैसा कि आप लोग ऑफिस और संडे का उदाहरण दे रहे है। हकीक़त ये है कि कम्प्यूटर उतना ही हिन्दी है जितना की "कानून" (अरबी का शब्द है जो फारसी से आया है)।--पीयूष (वार्ता)योगदान 06:25, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

सत्यम् जी, क्या कोई भाषा बता सकते हैं जिसकी बोलियाँ (उपभाषाएँ) न हों? अंग्रेजी? उसकी बोलियों को अलग कर दिया जाय तो क्या होगा? इसके अलावा आपकी एक तथ्यात्मक गलती सुधार दूँ- कम से कम मैथिली तो आठवीं अनुसूची में सम्मिलित है।---- अनुनाद सिंहवार्ता 07:44, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

पीयूष जी, मेरा अनुभव यह है कि आप स्वयं जिन चीजों को नहीं जानते उसे दूसरों को पढ़ने की सलाह देते हैं। पहले भी मैं आपको इस पर टोक चुका हूँ। मेरा प्रश्न यह है कि क्या आपने इसे (विकिपीडिया क्या नहीं है?) पढ़ लिया है और सही समझा है?---- अनुनाद सिंहवार्ता 08:03, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
अनुनाद जी, मेरा अनुभव यह है कि आप चर्चा को भटका देते है और मूल मुद्दे से अलग हटकर चर्चा करने बैठ जाते है। मेरा इरादा यहाँ वि:सभा आयोजित करने का नहीं है। इसलिये मैं इसका उत्तर देना जरूरी नहीं समझता। आपके तर्क पर एक चीज़ ज़रूर लागू होती है जो विकिपीडिया क्या नहीं है में लिखी है, "विकिपीडिया चीजों को बढ़ावा देने के लिए जगह नहीं है"।--पीयूष (वार्ता)योगदान 08:33, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
इन भाषाओँ को हिंदी की बोली के रूप में सीमित करना हिंदी के संवर्धन की राजनीति रही है। आप टूटी फूटी है सही अपनी हिंदी की किसी बोली में योगदान करके दिखाइए। मैं आपका भोजपुरी और मैथिलि विकि पर स्वागत करता हूँ। यही बता दें की कितने हिंदी भाषी अपनी बोली मैथिलि को समझते हैं? आशीष जी तो हिंदी बता ही उसे रहे हैं जिस पर अवधी का प्रभाव तक न हो। और आप कह रहे की अवधी हिंदी की बोली है?तथ्यात्मक गलती नहीं, हिंदी के लोग अभी भी मैथिलि को अपनी बोली मानते हैं। और संथाली क्यों रोक रखी थी? वो हिंदी की बोली कहीं से नहीं है, उस मूल की भी नहीं जिससे संस्कृत निकली। और आप भी जिन भाषाओँ को संस्कृत से निकला मानते हैं उनकी एक सूची ठीक से पढ़ लिख कर तैयार करें, बिना वजह अंग्रेजी और जर्मन तक को संस्कृतोद्भूत न कह दिया करें।--सत्यम् मिश्र (वार्ता) 08:16, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
सत्यम् जी, आप फिर मूल प्रश्न से किनारा करते हुए निकल गये। 'कौन सी भाषा है जिसकी उपभाषाएँ नहीं हैं?' अंग्रेजी की उपभाषाएँ हैं या नहीं? उनको अलग कर दिया जाय तो अंग्रेजी का क्या होगा? केवल गुलामों को अंग्रेजी से अलग कर दिया जाय तो अंग्रेजी का क्या होगा? ---- अनुनाद सिंहवार्ता 08:59, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
गिना दें सर जी! कौन कौन हिंदी की बोलियाँ हैं? फिर बात करते हैं शुद्ध हिंदी क्या होती है।--सत्यम् मिश्र (वार्ता) 09:13, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
सत्यम जी! मैंने ऊपर कहां कहा है, आशीष जी तो हिंदी बता ही उसे रहे हैं जिस पर अवधी का प्रभाव तक न हो। :--- कृपया ध्यान देकर पढ़ें, ये पीयुष जी के खड़ी बोली के भ्रम को दूर करने हेतु हिन्दी विकिपीडीया के इसी नाम के लेख से उद्धृत किया गया था। मैं तो कभी कह ही नहीं रहा कि हिन्दी खड़ी बोली है। जैसे अवधी, मैथिली आदि बोलियां हैं, वैसे ही खड़ी बोली भी हिन्दी की एक बोली मात्र है। हां इसका प्रसार क्षेत्र राजधानी दिल्ली के निकटस्थ रहा है, जिसके कारण यहां के लोग उसे राष्टभाषा मान लेते हैं। वैसे ही अंग्रेज़ी के शब्दों का दखल भी दिल्ली, मुंबई, बंगलुरु आदि कुछ बड़े महानगरों में अधिक है, जिसने हिन्दी को अशुद्ध कर दिया है।
मैंने मात्र शीर्षक को शुद्ध (न कि शुद्धतम) हिन्दी में रखने को कहा है। शेष लेख जो जिस प्रकार लिखना सुलभ हो, लिखे। जो उसे सुधार सकता है, सुधार लेगा। किन्तु लेख का शीर्षक तो शुद्ध (शुद्धतम नहीं) हिन्दी में ही होना चाहिये। आज तो विकिपीडिया काफ़ी बदल गया है, वरना पहले तो पूर्णिमा जी वार्त्ता एवं चौपाल तक पर सही हिन्दी लिखने पर जोर देती थीं, क्योंकि यदि आपकी भाषा उत्तम होगी तभी आपका लेखन सुंदर होगा, और तभी आपके बनाये लेखों की गुणवत्ता अच्छी होगी, चाहे उनमें ज्ञान मात्रा अधिक भी हो, किन्तु भाषा तो उत्तम होनी ही चाहिये। आपकी बोली से पता चलना चाहिये कि आप हिन्दी लेखन कार्य करते हैं। खैर, मैं उतना सब पालन करने के बारे में नहीं कह रहा, किन्तु शीर्षक तो उत्तम होने ही चाहिये।--आशीष भटनागरवार्ता 05:18, 28 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
इतने के आगे भी यदि समझ नहीं आये तो साधारण तरीका है या तो आप कम्प्यूटर ही कर लीजिये, चर्चा तो बहस बनाकर खींचने का समय/ सामर्थ्य एवं आवश्यकता नहीं है। या अधिकतम बहुमत ले लिया जाए। हालांकि बहुमत कोई हल नहीं है... फ़िर भी हारे लोगों को चुप करने का साधन तो है ही।--आशीष भटनागरवार्ता 05:18, 28 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]


"खड़ी बोली वह बोली है जिसपर ब्रजभाषा या अवधी आदि की छाप न हो। ठेंठ हिंदी। आज की राष्ट्रभाषा हिंदी का पूर्व रूप। इसका इतिहास शताब्दियों से चला आ रहा है। यह परिनिष्ठित पश्चिमी हिंदी का एक रूप है। 'खड़ी बोली' (या खरी बोली) वर्तमान हिंदी का एक रूप है जिसमें संस्कृत के शब्दों की बहुलता करके वर्तमान हिंदी भाषा की सृष्टि की गई और फारसी तथा अरबी के शब्दों की अधिकता करके वर्तमान उर्दू भाषा की सृष्टि की गई है। दूसरे शब्दों में, वह बोली जिसपर ब्रज या अवधी आदि की छाप न हो, ठेंठ हिंदीं। खड़ी बोली आज की राष्ट्रभाषा हिंदी का पूर्व रूप है। यह परिनिष्ठित पश्चिमी हिंदी का एक रूप है। इसका इतिहास शताब्दियों से चला आ रहा है।"

इसे मैं क्या समझूँ? मुझे तो यही समझ में आ रहा है कि खड़ी बोली जिस पर किसी और बोली का प्रभाव न हो आज की हिंदी का उत्स है। अगर आज की हिंदी इसी खड़ी बोली से विकसित हुई तो बाकी की बोलियाँ आज की हिंदी की बोलियाँ कैसे हो गयीं?--सत्यम् मिश्र (वार्ता) 20:48, 28 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

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┌─────────────────────────────────┘
आशीष जी, आपके सारे सवालों का जवाब इस लेख में मिलेगा जो "अभिकलित्र" के लिये एकमात्र गूगल समाचार परिणाम है, "कंप्यूटर" के 33,000 से ज़्यादा के मुकाबले!--पीयूष (वार्ता)योगदान 06:53, 28 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

आपके सुझाये लेख के ही कुछ अंश यहां दे रहा हूं:
आज कंप्यूटर, कैलकुलेटर, इंटरनेट, वेब, ब्लॉग, साइबर, डाउनलोड, ऑनलाइन, ऑफलाइन, लिंक, अपलिंक, ब्राउज, क्लिक, की-बोर्ड, पोर्टल, प्रिंटआउट इत्यादि जैसे अनेक शब्द हैं जो हिंदी में धड़ल्ले से प्रयोग में लाए जा रहे हैं. सरकारी कामकाज में भी ये शब्द पूरी तरह स्वीकृत हैं. लेकिन टेक्नोलॉजी के लिए प्रौद्योगिकी, इंजिनियर के लिए अभियंता, इंटरनेट के लिए संजाल, कंप्यूटर के लिए अभिकलित्र/संगणक, कैलकुलेटर के लिए परिकलित्र, की-बोर्ड के लिए कुंजी-पटल, टेलीफोन के लिए दूरभाष, टेलीविजन के लिए दूरदर्शन, ऑल इंडिया रेडियो के लिए आकाशवाणी, लिंक के लिए कड़ी, सिरियल के लिए धारावाहिक जैसे पर्याय सुझाए गए हैं तो इनपर हरगिज आपत्ति नहीं जतायी जानी चाहिए.
आप इनके प्रयोग के लिए बाध्य नहीं हैं. आप सचिवालय की जगह सेक्रेटेरियट, पत्राचार की जगह कोरेसपांडेंस, संवाददाता की जगह कोरेसपांडेंट कहकर गर्वमिश्रित सुविधा महसूस कर सकते हैं! लेकिन संप्रेषण, पारेषण, विरेचन, संश्लेषण, विश्लेषण, पाचन जैसे व्यवहृत शब्दों/पर्यायों पर जटिल होने का आरोप लगाना उचित नहीं है. इतना तो मानना ही चाहिए कि कंप्यूटराइजेशन, कंप्यूटराइज्ड, मेकेनाइज्ड आदि शब्दों के लिए कंप्यूटरीकरण, कंप्यूटरीकृत, यांत्रिक/यांत्रिकृत जैसे पर्याय असमर्थ पर्याय नहीं हैं. हिंदी बेहद उदार भाषा है. इसकी उदारता का सम्मान करते हुए आप इसके साथ किसी भी तरह की छूट ले सकते हैं. आप बस इतना ध्यान रखें कि आपकी यह छूटधर्मिता भाषा को विद्रूप न कर दे !
इसमें तो वही लिखा है जो मैं बहुत ऊपर से बताता आ रहा हूं। कंप्यूटर के लिये अभिकलित्र/संगणक दोनों ही दिये गए हैं। इसके अलावा कंप्यूटर डिस्प्ले के लिये मैंने बहुत ऊपर ही समर्थन किया हुआ है। कृपया पुरी वार्त्ता ठीक से पढ़ें।--आशीष भटनागरवार्ता 15:29, 28 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

मूल विषय[संपादित करें]

हमारा मूल विषय है कि अभिकलित्र और कंप्यूटर में क्या शीर्षक रखा जाय! मुझे वर्तमान नाम अभिकलित्र के पक्ष में दो लोग दिख रहे हैं। आशीष जी और अनुनाद जी। दोनों लोगों से विनम्र निवेदन है कि अभिकलित्र के समर्थन और कंप्यूटर के विरोध में बिंदुवार अपने तर्क रखें। हम लोग बहुत इधर उधर की बात कर चुके। इस वार्ता का तार्किक समापन किया जाय।--सत्यम् मिश्र (वार्ता) 08:41, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

सत्यम् जी, हम लोग भटक इसलिये गये कि आप कुछ कहते हैं और जब उस पर प्रतिप्रश्न होता है तो एक नया अर्धसत्य फेंक देते हैं। फिर उस पर प्रश्न उठते है? बुरा मत मानियेगा, ऊपर यही हुआ है। अभी भी अनेकों प्रश्न स्पष्ट उत्तर की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ऐसे में किसी निष्कर्ष पर कैसे पहुँच सकते हैं? ---- अनुनाद सिंहवार्ता 09:10, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

मैं कंप्यूटर पक्ष वालों के तर्क लिख देता हूँ:-

  • कंप्यूटर का ज़्यादा उपयोग, अभिकलित्र का नगण्य, गूगल समाचार (33,000+) और अभिकलित्र के लिये (1) जिसमें ऐसी हिन्दी का मज़ाक उड़ाया गया है!!
  • हिन्दी भाषी इंजीनियर भी कंप्यूटर प्रयोग करते है (शेखर जी शायद वही है)।
  • कंप्यूटर हिन्दी शब्द है जितना "मिशन", "कानून" और "दरवाज़ा है।
  • विकिपीडिया प्रचार तंत्र नहीं है, जो हर जगह बहुलता इस्तेमाल होता है वही यहाँ होना चाहिये।
  • जब लोग अभिकलित्र बोलने लग जाये तब विकिपीडिया पे हम इसका नाम बदल देंगे।
  • विकिपीडिया पर किसी सरकारी नीति, आयोग के निर्देशों लागू नहीं होते।
  • विकिपीडिया को जन मानस तक पहुचाने के लिए ये आवश्यक है की हम हिंदी के ज्यादा प्रचलित शब्दों से ही शीर्षक बनाएं।
  • विकिपीडिया विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध ज्ञान कोष है, ना की भाषाओं की प्रयोगशाला।
  • किसी शब्द को लोकप्रिय बनाने का काम विकीपिडिया का नही बल्कि सरकार का है।
  • लोग इसे तभी अच्छी तरह समझ पाएंगे जब यह आम बोलचाल की भाषा में उपलब्ध हो।

कंप्यूटर के समर्थन में लोग- मैं, सत्यम् जी, मनोज जी, शेखर जी, सुनील जी।--पीयूष (वार्ता)योगदान 09:04, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

अनुनाद जी आप यहाँ अपने तर्क रखें। अगर मैंने डाइवरजन किया तो मुआफ़ करें। कोई और स्पष्टीकरण कहते हों तो मेरे वार्ता पन्ने पर आयें, आपका स्वागत है। पर यहाँ अपने तर्क बिन्दुवार रखें। विनायावनत --सत्यम् मिश्र (वार्ता) 09:18, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

सत्यम् जी, नये सिरे से चर्चा की बात मुझे समझ में नहीं आयी। क्या आप कह रहें हैं कि हम जो अब लिख देंगे उस पर प्रतिक्रिया नहीं करेंगे? या ऊपर जो कुछ लिखा गया है उस पर हम प्रतिक्रिया न करें/करें? यह ऊपर की चर्चा से किस तरह भिन्न होनी चाहिये? थोड़ा और स्पष्ट कीजिये कि आप किस प्रकार की पुनर्चर्चा आरम्भ कर रहे हैं। यदि मैने ऊपर किसी प्रश्न का उत्तर न दिया हो तो भी इंगित करें।---- अनुनाद सिंहवार्ता 10:54, 27 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]
एक बात सभी को समझ लेनी चाहिये कि जब हमें किसी चर्चा में बहुमत अपनी ओर दिखाई दे तो हम मत प्रयोग की ओर चलें, नहीं तो बहस को खींचते चलें। किसी चर्चा में अधिक लोग चाहे बिना बात के तर्क भी दें, किन्तु गिनती ही गिनी जाती है, न अनुभव, न ही भाषा पर पकड़, और न तथ्य। यदि किसी को बुरा लगा हो तो क्षमाप्रार्थी हुं। जब तकनीक पर चर्चा हो रही हो, तो तकनीक विशेषज्ञों की राय व मत का अधिक मूल्य होना चाहिये, न कि किसी अन्य का। जब भाषा की बात हो तो भाषाविदों का, जब सामान्य चर्चा हो रही हो तब जनसामान्य उपयोक्ता भी मत दे सकते हैं। फ़िर भी ३-४ प्रबंधकों के मत भी ले लिये जाएं तो बेहतर होगा, क्योंकि वे उत्तरदायी अधिक होंगे।--आशीष भटनागरवार्ता 05:31, 28 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

ध्यान दे: प्रबंधक कोई विशेष सदस्य नहीं। हमारे तथ्य और तर्क का बिंदुवार उत्तर रखें। हमारी सोच बदलने की कोशिश न करे।--पीयूष (वार्ता)योगदान 06:49, 28 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

यहां चर्चा अनावश्यक बहस का रूप लेती ज रही है, जिसका भाग मैं कदापि नहीं बनना चाहता हूं। मैंने जो इतने वर्ष के अनुभव में हिन्दी योगदान से सीखा है वही कहा है। उसके विरोध में यदि वे खड़े हों जिनको मैं बहस का पात्र नहीं समझता हूं, उन्हें अधिक समझाना मेरी ओर से व्यर्थ है। अतएव मेरी ओर से आप इसे हिन्दी विकिपीडिया से हिन्दुस्तानी विकिपीडिया बनाएं, चाहे हिंग्लिश विकिपीडिया.... किसी मानक की कोई चिंता नहीं है। निवेदन है कि इस चर्चा विशेष में मुझे संबोधित कर अब कोई वक्तव्य न दें, मैं स्वयं को इस चर्चा से अलग हटा रहा हूं। धैर्य से मेरे विचार सुनने व प्रतिक्रिया देने हेतु धन्यवाद। हां अन्य चर्चाओं व योगदान के बारे में ऐसी कोई बात नहीं है, ध्यान दें मैंने चर्चा विशेष के बारे में लिखा है।--आशीष भटनागरवार्ता 15:37, 28 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]


मैंने कोई पुनरचर्चा प्रारंभ करने का अनुरोध नहीं किया था, अपितु मुझे भी यही लगा कि हम मूल बिंदु से दूर जा रहे हैं अतः अपने तर्कों को स्पष्ट रूप से रखने का आग्रह किया था। ऊपर की वार्ता में अब तक जो तर्क अभिकलित्र को बदल कर कंप्यूटर रखने के पक्ष में थे उन्हें पीयूष जी ने बिंदुवार रख दिया है। जो लोग इसे अभिकलित्र रखने के पक्ष में तर्क दे रहे हैं वे भी अपने तर्क बिंदुवार रख दें जिससे किसी निर्णय पर पहुँचने में आसानी हो। इससे चर्चा को बहस (आशय वाले अर्थ में) बनने से रोका जा सकता है।--सत्यम् मिश्र (वार्ता) 20:28, 28 फ़रवरी 2015 (UTC)[उत्तर दें]

पीयूष जी, ऊपर आपने 'ध्यान दें' के अन्तर्गत जो लिखा है उससे सिद्ध होता है कि आप 'विकिपीडिया लोकतन्त्र नहीं है' - इसे अब भी नहीं समझ पाये हैं।
सत्यम् जी, कृपया यह बताएँ कि ऊपर लिखे गये 'तर्कों' में से कौन सा तर्क निर्मूल सिद्ध नहीं किया जा चुका है। आप लोगों का सबसे बड़ा तर्क 'कम्प्यूटर' शब्द का 'प्रचलित' होना है जिसे ऊपर प्रस्तुत की गयी सूची ही मुह चिढ़ा रही है।---- अनुनाद सिंहवार्ता 06:06, 1 मार्च 2015 (UTC)[उत्तर दें]
सिद्ध तो अभी तक आप लोगों का शुद्धता प्रेम ही हो पाया है। उसे भी साफ़ शब्दों में रखने रखने में आप इतना लजा रहे हैं। अपनी बात बिंदुवार स्पष्ट करने में इतनी देर क्यों लग रही आपको? और ऊपर की सूची से आप कौन सी भंगिमाएं ग्रहण कर रहे हैं? उसे भी सूची के ठीक नीचे ही व्यक्त कर दें।--सत्यम् मिश्र (वार्ता) 12:38, 1 मार्च 2015 (UTC)[उत्तर दें]

भाषा विवाद पर एक सुझाव[संपादित करें]

यदि आप फ़ारसी विकिपीडिया या तमिल विकिपीडिया देखेंगे, तो आपको कहीं कंप्यूटर शब्द नहीं दिखेगा, जबकि दोनों भाषायें और उनकी विकिपीडिया, हिंदी से अधिक प्राचीन और समृद्ध हैं।

मेरे मत में इस पृष्ठ का शीर्षक न तो अभिकलित्र, न तो कंप्यूटर होना चाहिये। इसे आप "अभिकलित्र(कंप्यूटर )" करके लिखें।

अंतर्राष्ट्रीय भाषा कोई नहीं होती, आने वाले समय में चीनीभाषा प्रचलित हो रही है, तो क्या हिंदीविद् चीनी में कंप्यूटर लिखेंगे। Ashvin Kaitabhya (वार्ता) 02:56, 19 अक्टूबर 2022 (UTC)[उत्तर दें]