वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्‍थान, देहरादून

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वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान देहरादून में स्थित भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार, का एक स्वायत्तशासी शोध संस्थान है। यह भारत सरकार द्वारा 1968 में स्थापित किया गया था। इसे पहले 'हिमालय भूविज्ञान संस्थान' नाम से जाना जाता है।

पिछले वर्षों के दौरान यह संस्थान हिमालय भूविज्ञान के एक उत्कृष्ट केन्द्र के रूप में विकसित हो गया है तथा इसे एक अन्तरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त राष्ट्रीय प्रयोगशाला के रूप में मान्यता दी जा चुकी है जहां देश में उन्नत स्तर का शोध निष्पादित करने के लिए आधुनिकतम उपकरणों तथा अन्य आधारिक सुविधाओं से सुसज्जित प्रयोगशालाएं हैं।

जनरल माधवसिंह रोड पर घंटाघर से 5 कि॰मी॰ दूर पहाड़ी के ऊपर स्थित वाडिया संस्थान उत्तराखंड हिमनदों का एक अनोखा संग्रहालय है। इनका अपना शोध संस्थान और प्रकाशन संस्थान भी है जो मानचित्र, शोधपत्र तथा पुस्तकें आदि प्रकाशित करता है।

इतिहास[संपादित करें]

इस संस्थान की स्थापना दिल्ली विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग में एक छोटे से केन्द्र के रूप में हुई। अप्रैल, 1976 में इसे देहरादून में स्थानांतरित कर दिया गया।

इस संस्थान का नाम प्रोफेसर डी एन वाडिया (एफ आर एस तथा राष्टीय प्रोफेसर) के हिमालय भूविज्ञान में किए गए योगदानों के प्रति आदर व्यक्त करते हुए उनकी स्मृति में, 'वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान' रखा गया।

लक्ष्य[संपादित करें]

यह हिमालय भूविज्ञान के क्षेत्र में बुनियादी अनुसंधान कार्य करता है। इसके अलावा, यहां अन्‍य क्षेत्रों जैसे सीसमोटेकटोनिक्‍स, प्राकृतिक संसाधनों, पर्वत निर्माण की प्रक्रिया और जीयोडायनामिक्‍स विकास में अनुसंधान किया जाता है।

  • हिमालय भूविज्ञान में शोधकार्य का उत्तरदायित्व लेना, उसमें सहायता करना, उसे बढ़ावा देना, समन्वित करना तथा विद्वता की परम्परा का विकास करना।
  • हिमालय के भूगतिक विकास से सम्बद्ध नई धारणाओं तथा प्रतिमानों के विकास हेतु एक समाकलित अंतःशास्त्रीय अभिगम के माध्यम से शोध कार्य निष्पादित करना।
  • भारत में हिमालय भूविज्ञान के क्षेत्र में तथा उससे सम्बद्ध क्षेत्रों में कार्य कर रहे विभिन्न संस्थानों तथा विश्वविद्यालयों की शोध गतिविधियों में समन्वय स्थापित करना।
  • हिमालय भूविज्ञान से सम्बद्ध विषयों पर तथा विशिष्ट शोध क्षेत्रों में कार्यशालाएं, संगोष्टियां, परिसंवाद तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
  • हिमालय भूविज्ञान हेतु राष्ट्रीय सन्दर्भ केन्द्र के रूप में कार्य करना तथा देशभर के संस्थानें, लोक-अभिकरणों तथा उद्योगों हेतु उच्च स्तर की परामर्शक सेवाएं प्रदान करना।
  • विदेशी शोध संस्थानों तथा विश्वविद्यालयों से, संस्थान के लक्ष्यों की पूर्ति की दृष्टि से प्रासंगिक क्षेत्रों में सहयोग करना, विशेषतया उन क्षेत्रों में सहयोग करना जिनमें नए यंत्रों, नई विधियों तथा विश्लेषाणात्मक तकनीकों की अनुप्रयुक्ति की आवश्यकता है।
  • हिमालय भूवैज्ञानिक तथा सम्बद्ध शोध के बारे में जानकारी तथा सूचनाओं का मोनोग्राफों शोध पत्रों, मानचित्रों, वैज्ञानिक रिपोर्टों तथा सन्दर्भिका सूचियों आदि के प्रकाशन के माध्यम से प्रसार करना।
  • मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालयों तथा उच्च शिक्षा केन्द्रों से संबंध स्थापित करना जिससे हिमालय भूविज्ञान को बढ़ावा मिले तथा शोधवेत्ता स्नातकोत्तर तथा शोध उपाधियों हेतु पंजीकरण करवाने में समर्थ हो सकें।
  • युवा भूवैज्ञानिकों को हिमालय भूविज्ञान के अध्ययन के लिए प्रेरित तथा प्रोत्साहित करना।
  • संस्थान में शोध कार्य करने के लिए हिमालय भूविज्ञान में वाडिया राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति स्थापित करना।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]