वराह

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प्रह्लाद के पिता दो भाई थे। हिरन्यकस्यप व हिरन्याक्छ। हिरन्याक्छ धरती को उठा कर पताल में चला गया। धरती की रक्षा के लिये परमात्मा ने वराह रूप धारण किया था।