लाला भगवानदीन

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लाला भगवानदीन (1866 - 1930) हिन्दी के विद्वान एवं साहित्यसेवी थे। वे डॉ॰ श्यामसुन्दर दास तथा आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के ये प्रमुख सहयोगी रहे थे। उन्होने हिन्दी शब्दसागर के निर्माण में सहायक सम्पादक के रूप में महान योगदान दिया। ये छन्दशास्त्र के ज्ञाता थे। काशी (वर्तमान बनारस) मुख्य रूप से इनकी कर्मस्थली रही। वे गया से प्रकाशित होने वाली पत्रिका के सम्पादक भी रहे।

धर्म और विज्ञान, वीर प्रताप, वीर बालक इनकी प्रारम्भिक रचनाएँ थीं। 'रामचन्द्रिका', 'कविप्रिया', 'रसिकप्रिया, कवितावली', 'बिहारी सतसई' की प्रामाणिक टीकाएँ भी इन्होंने लिखीं। ‘अलंकार मंजूषा’, 'व्यंगार्थ मंजूषा’ हिन्दी काव्यशास्त्र की महत्वपूर्ण पुस्तक रही। ‘नवीन बीन’ तथा ‘नदी में दीन’ लाला भगवानदीन के काव्य रचना संग्रह है। ‘वीर पंचरत्न’ वीरतापूर्ण काव्य संग्रह है।