राष्ट्रीय कृषिवानिकी अनुसंधान केन्द्र

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राष्ट्रीय कृषिवानिकी अनुसंधान केन्द्र (रा.कृ.वा.अनु.के.) झांसी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कृषिवानिकी कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष 1988 में स्थापित किया गया। यह केन्द्र उत्तर प्रदेश के झांसी नगर रेलवे स्टेशन से करीब 10 कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है और ‘‘कृषिवानिकी’’ के नाम से जाना जाता है।

अधिदेश[संपादित करें]

  • भारत में विभिन्न कृषि जलवायु वाले क्षेत्रों के लिए खेती योग्य जमीन, कम उपजाऊ जमीन और बंजर जमीन पर चिरस्थाई कृषिवानिकी पद्धतियों पर आधारित प्रौद्योगिकी विकसित करने और किसानों के लिए मौलिक और उपयुक्त अनुसंधान कार्य करना।
  • उन प्रौद्योगिकियों का पता लगाने के लिए एस ए यू, आई सी ए आर संस्थानों, अन्य संबद्ध अनुसंधान संस्थानों के अनुसंधान कार्य में तालमेल बिठाना जिन्हें एक क्षेत्रा से दूसरे क्षेत्रा में अंतरित किया जा सकता है।
  • अनुसंधान कार्य प्रणालियों और विभिन्न स्तरों पर विकसित प्रौद्योगिकियों के प्रयोग के संबंध में प्रशिक्षण देना।
  • विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों के लिए कृषिवानिकी पद्धतियों पर आधारित प्रौद्योगिकी विकसित करना ताकि उसका खेती योग्य जमीन और बंजर जमीनों पर प्रयोग किया जा सके।
  • कृषिवानिकी सम्बन्धित जानकारी के भंडार के रूप में कार्य करना।
  • उक्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संगत राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय एजेन्सियों का सहयोग लेना@तथा देना।
  • कृषिवानिकी सम्बंधी परामर्श देना।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]