राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा

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सन् १९२७ में पूसा बिहार स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का दृश्य

राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, भारत के बिहार राज्य के समस्तीपुर जिले के पूसा बाजार के निकट स्थित है। यह भारत के २६ कृषि विश्वविद्यालयों में से एक है। जुलाई २०१४ में इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने का निर्णय हुआ।[1] मूल रूप में यह संस्थान 'इम्पीरियल कृषि अनुसंधान संस्थान' (Imperial Agriculture Research Institute) था जो ब्रिटिश काल में सन् १९०३ में स्थापित किया गया था। सन् १९३४ में बिहार में एक भयंकर भूकंप आया जिसमें इस संस्थान के मुख्य भवनों को काफी क्षति हुई। इसके परिणामस्वरूप उसी वर्ष इस संस्थान को नयी दिल्ली स्थानान्तरित कर दिया गया जिसे 'पूसा कैम्प्स' कहा गया। आगे चलकर दिल्ली स्थित यह संस्थान का नाम भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (Indian Agricultural Research Institute) कर दिया गया और पूसा में जो कुछ बचा रहा उसे पदावनत (downgrade) करके 'कृषि अनुसंधान स्टेशन' (agricultural research station) कहा जाने लगा। अन्तत: ३ दिसम्बर सन् १९७० को भारत सरकार ने इसी को नामान्तरित करके 'राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय' के रूप में बदल दिया।

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय को इंडिया टूडे ग्रुप के देश के सभी विश्वविद्यालयों के सर्वे की रैंकिंग में 10 विश्वविद्यालय में शामिल किया गया है।.सर्वे में विश्विद्यालय को विभिन्न मानकों पर 1587 अंक मिला है.[2]

संगठन[संपादित करें]

इस विश्वविद्यालय में पांच संकाय (faculties) हैं - कृषि, पशुचिकित्सा, कृषि इंजीनियरी, मूलभूत विज्ञान तथा मानविकी एवं गृह विज्ञान। इसके अलावा कृषि महाविद्यालय, मत्स्य महाविद्यालय तथा दुग्ध प्रौद्योगिकी महाविद्यालय भी हैं। यह विश्वविद्यालय ६ पूर्व-स्नातक पाठ्यक्रम, ३३ परा-स्नातक कार्यक्रम तथा १८ पीएचडी कार्यक्रम संचालित करता है। भारत का यह एकमात्र विश्वविद्यालय है जो कृषि-व्यवसाय (Agribusiness) में एमबीए की डिग्री प्रदान करता है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "बिहार के राजेन्‍द्र कृषि विश्‍वविद्यालय को केंद्रीय विश्‍वविद्यालय बनाने को सिद्धांत रूप से मंजूरी". मूल से 28 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 जुलाई 2014.
  2. "डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय को इंडिया टूडे ग्रुप के देश के विश्वविद्यालयों के रैंकिंग में 10 विश्वविद्यालय में शामिल किया गया". Prabhat Khabar. 2 August 2020.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]