राजमण्डल

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राजमण्डल का सिद्धान्त कौटिल्य द्वारा रचित अर्थशास्त्र में आया है। 'मडल' का अर्थ 'वृत्त' है। इस सिद्धान्त में किसी राज्य के मित्रमण्डली और शत्रुओं की मडली का सिद्धान्त दिया गया है।

मनु का मण्डल सिद्धांत[संपादित करें]

मनु के मण्डल सिद्धांत के अनुसार राजा को अपनी शक्ति और प्रभाव के विस्तार के लिए सदा जागरूक रहना चाहिए॥ इस नीति का उपयोग कौटिल्य ने अपने विशेष राजनीति षडयंत्र की रचनाओं में किया जिसका पूर्ण श्रेय कौटिल्य को है । इसके संबंध में विशेषज्ञ बहुत सरी धारणाएं दे चुके है । पर चाणक्य के अनुसार कुछ अतिशयोक्ति नहीं हो सकता ।