महाव्युत्पत्ति

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वार्तू और तिब्बती लिपियों में महाव्युत्पत्ति का मुखपृष्ठ

महाव्युत्पति (तिब्बती भाषा में : བྱེ་བྲག་ཏུ་རྟོགས་པར་བྱེད་པ།, bye brag tu rtogs par byed pa) संस्कृत-तिब्बती द्विभाषिक पारिभाषिक कोश (Glossary) है। इसमें 285 अध्यायों में लगभग नौ हजार संस्कृत शब्दों का तुल्य तिब्बती शब्द दिये गये हैं। बौद्ध सम्प्रदाय के पारिभाषिक शब्दों का अर्थ देने के साथ-साथ पशु-पक्षियों, वनस्पतियों और रोगों आदि के पर्यायों का इसमें संग्रह है। इसमें लगभग 9,000 शब्द संकलित है। दूसरी ओर, मुहावरों, नामधातु के रूपों और वाक्यों के भी संकलन है। यह विश्व का सबसे पहला द्विभाषी शब्दकोश है। इसकी रचना तिब्बत में आठवीं शताब्दी के अन्तिम भाग एवं 9वीं शताब्दी के आरम्भिक भाग में हुई थी।

महाव्युत्पत्ति का निर्माण संस्कृत के बौद्ध धर्मग्रन्थों का तिब्बती भाषा में अनुवाद करने में सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया था। बाद में इसी तरह के पारिभाषिक कोश चीनी भाषा, मंगोली भाषा और मंचू भाषा के लिये भी बने।

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