भारत में नस्लवाद

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भारत में जातीय सम्बंध अथवा भारत में नस्लवाद भारतीय लोगों के अन्य नस्ल अथवा जातीयता के लोगों के साथ रवैये को प्रदर्शित करता है। भारत के प्रत्येक राज्य में इसकी लोकसंस्कृति, रहन सहन, लोकगीत, लोकनृत्य आदि में भिन्नता पायी जाती है।[उद्धरण चाहिए]

रचनात्मक सम्बंध[संपादित करें]

विभिन्न क्षेत्रों के लोग एक दूसरे की संस्कृति–सभ्यता और रीति रिवाजों का सम्मान करते हैं। भारत में विविधता में एकता की परम्परा प्रचलित है जो इसके पंथनिरपेक्षता को प्रदर्शित करती है।[1]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Unity in diversity is basis for India" [विविधता में एकता भारत का आधार] (अंग्रेज़ी में). द हिन्दू. ९ जनवरी २०१०. मूल से 12 सितंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १३ जून २०१४.