भारत के पारंपरिक क्षेत्र

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पारंपरिक तौर पर भारत में अनेक विशिष्ट क्षेत्रों का सम्मिलन रहा है। ये विशिष्ट क्षेत्र अपने इतिहास, सभ्यता, बोलचाल, भूगोल आदि के आधार पर आम जन द्वारा परिभाषित किए जाते रहे हैं। वर्तमान अवस्था में प्रशासनिक इकाईयों से तुलना करने पर कई क्षेत्रों की यथावत स्थिति किसी इकाई यथा प्रांत, जिला, तालुक तहसील, खण्ड, मंडल आदि के रूप में मौजूद हैं, तो कई क्षेत्र टुकड़ों में बंट चुके हैं अथवा एक दूसरे के साथ संयुक्त कर दिए गए हैं। इस लेख में एसे ही क्षेत्रों का वर्णन है जो आज भी पारंपरिक तौर पर अपने पुराने रूप, नाम या विलक्षण पहचान से जाने जाते हैं। एसे में इस लेख में भारत का अर्थ आज का भारत देश न हो कर पारंपरिक भारत अर्थात् भारतीय उपमहाद्वीप समझना चाहिए।

उत्तर भारत[संपादित करें]

  • लद्दाख
  • कश्मीर
  • ज़ांस्कर
  • लाहौल-स्पीति
  • किन्नौर
  • माझा
  • मालवा
  • दोआबा
  • पंजाब (ऐतिहासिक-सम्पूर्ण पंजाब)
  • मुलतान
  • झंग
  • गढ़वाल
  • कुमाऊँ
  • तराई
  • मेवात
  • दिल्ली
  • ब्रज
  • शेखावाटी
  • राजपूताना
  • रोहेलखंड
  • गंगा-जमुनी

पूर्वी भारत[संपादित करें]

  • अवध
  • संथाल
  • परगना
  • कामरूप
  • झारखंड
  • बंग
  • पूर्वांचल
  • उत्कल
  • कलकत्ता (प्रेसिडेंसी)
  • मिथिला
  • कोशल

मध्य भारत[संपादित करें]

  • बुन्देलखंड
  • विन्ध्य क्षेत्र
  • विदर्भ
  • रायलसीमा

पश्चिमी भारत[संपादित करें]

  • गांधार
  • सिंध
  • मारवाड़
  • कारवाड़
  • काठियावाड़
  • कच्छ
  • कोंकण
  • मराठवाड़ा
  • बॉम्बे (प्रेसिडेंसी)


दक्षिण भारत[संपादित करें]

  • तेलंगाना
  • रायलसीमा
  • सीमान्ध्र
  • मद्रास (प्रेसिडेंसी)

सन्दर्भ[संपादित करें]