भारतीय चिट्ठाजगत

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भारतीय चिट्ठाजगत से आशय है भारतीयों या भारतवंशी चिट्ठाकारों द्वारा लिखे जाने वाले चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय जो कि बृहतर चिट्ठाजगत का एक भाग है। भारत मे चिट्ठा लेखकों का विकाश तब से हुआ जब से भारत मे अंतरजाल और तकनीकी की प्रगति हुई और दिन प्रति दिन भारतीय चिट्ठाकारों की संख्या बढ़ती ही चली गए और ब्लॉग लेखन का नया दौर शुरू हुआ.[1]

इतिहास[संपादित करें]

यूनिकोड के उदय के पश्चात जब कम्प्यूटर पर भारतीय भाषाओं में लिखना संभव हो गया तो विभिन्न भारतीय भाषाओं में चिट्ठे लिखे जाने लगे। हिन्दी में चिट्ठाकारी की शुरुआत आलोक कुमार द्वारा की गई[उद्धरण चाहिए]

आरम्भ में भारतीय भाषाई टाइपिंग औजारों की सुलभता न होने अथवा इनके प्रति जागरुकता के अभाव के कारण भारतीय चिट्ठाजगत बहुत छोटा था। कालान्तर में इस बारे जागरुकता फैलने तथा इण्डिक टाइपिंग औजारों का विकास एवं सुलभता होने से भारतीय भाषी चिट्ठों की सँख्या तेजी से बढ़ने लगी।

भारतीय भाषी टाइपिंग औजार[संपादित करें]

यद्यपि भारतीय भाषाओं का मानक कीबोर्ड इनस्क्रिप्ट है परन्तु यूनिकोड टाइपिंग के लिये फोनेटिक विधि अपनी कमियों के बावजूद सर्वाधिक लोकप्रिय हुयी। पुराने समय में दो सर्वाधिक लोकप्रिय भारतीय भाषी टाइपिंग औजार इण्डिक आइऍमई तथा बरह आइऍमई थे। २००७ में गूगल के डिक्शनरी आधारित फोनेटिक टाइपिंग टूल गूगल इण्डिक ट्राँसलिट्रेशन के उसकी ब्लॉगिंग सेवा ब्लॉगर में आने के बाद वह नये चिट्ठाकारों का पसंदीदा औजार बन गया।

ब्लॉग प्लेटफॉर्म[संपादित करें]

यद्यपि भारतीय चिट्ठे बहुत सी ब्लॉगिंग सेवाओं पर लिखे जा रहे हैं लेकिन भारतीय चिट्ठाकारों में सर्वाधिक लोकप्रिय ब्लॉगर है। इसका कारण ब्लॉगर का मुफ्त होना, इण्डिक यूनिकोड हेतु पूर्ण समर्थन होना तथा इसकी बेहतरीन सुविधायें हैं। सन २००७ से इसमें भारतीय भाषी टाइपिंग औजार गूगल इण्डिक ट्राँसलिट्रेशन भी समाहित कर दिये जाने के पश्चात अलग से टाइपिंग औजार की भी आवश्यकता नहीं रही। इसके अतिरिक्त अपने डोमेन पर ब्लॉग चलाने वालों में वर्डप्रैस सर्वाधिक लोकप्रिय है।

हिन्दी चिट्ठाजगत[संपादित करें]

हिन्दी चिट्ठाजगत से आशय है हिन्दी भाषी चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय जो कि बृहतर भारतीय चिट्ठाजगत का एक भाग है। ९-२-११ नामत पहले हिन्दी चिट्ठे से अप्रैल २००३ शुरु हुआ हिन्दी चिट्ठाजगत में शुरुआत में सदस्यों की सँख्या कम थी लेकिन धीरे-धीरे बढ़ती रही। हिन्दी चिट्ठाजगत समुदाय को विकसित करने में अक्षरग्राम नेटवर्क की महत्वपूर्ण भूमिका रही। बाद में विभिन्न टाइपिंग औजारों की सुलभता तथा चिट्ठाकारी विधा के प्रचार-प्रसार के चलते हिन्दी चिट्ठाकारों की सँख्या तेजी से बढ़ने लगी जो कि वर्तमान में सक्रिय-निष्क्रिय कुल मिलाकर लगभग ११५०० चिट्ठे है।


इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Hindi Blogging Ka Itihas, Author- Ravindra Prabhat, Publisher-Hindi Sahitya Niketan, Bijnor, India, Year- 2011, p. 180, ISBN 978-93-80916-14-9

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]