भाई साहिब सिंह

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भाई साहिब सिंह १७वीं सदी के भारत में ख़ालसा पंथ की शुरूआत करने वाले प्रथम पाँच सिखों पंज प्यारे में से एक थे। उनके नाम का महत्व अन्य चार पंज प्यारों के नाम से निकलने वाले चारों अर्थ रखने वाले से है जिसमें दया, धर्म, रक्षा और निर्मोह भाव हों वो ही साहिब है।[1]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "आज सजेगा मुख्य दीवान". दैनिक जागरण. १४ अप्रैल २०१४. मूल से 29 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १६ अप्रैल २०१४.