बेहया
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बेहया या बेशर्म या थेथर एक पौधा है जो प्राय: तालाबों, पोखरों, नदियों व अन्य जलस्रोतों के किनारे पाया जाता है। यह कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी जिन्दा रहता एवं पुष्पित-पल्लवित होता रहता है। इसीलिये इसे बेहया कहते हैं। इसका पुष्प गुलाबी रंग का होता है। इसके फूल गुलाब जैसे रंग के होते है इस लिए इसे "गुलाबसी" भी कहते है। यह पौधा तो वैसे किसी काम का नहीं है, लेकिन गांवों में लोग इससे बाड़ बनाते हैं और जलाने के काम में लाते हैं। इसका अन्य उपयोग जैविक कीटनाशक के रूप में भी किया जा सकता है। कई ग्रामीण क्षेत्रीय लोग इसकी पत्तियों को नीम पत्तियों और धतूरा के साथ गौमूत्र में उबाल कर फसलों पर छिड़काव करते हैं, जिससे फसलों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बड़ जाती है।
वातरोग में बेहया की पत्तियों को गरम करके लपेटने से पीड़ा कम होती है ।यह सभी प्रकार की भूमियों मे उग सकता है