बसोपिएर फ्रांस्वाद

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बसोपिएर फ्रांस्वाद

बसोपिएर फ्रांस्वाद (François de Bassompierre ; १५७९-१६४६) फ्रांस के राजा हेनरी चतुर्थ का यह एक दरबारी और अंतरंग मित्र था।

यह बहुत जल्दी राजदरबार की विलासिता में निमग्न हो गया। १६०० में सेवाँय के तथा १६०३ में तुर्कों के विरुद्ध हंगरी में इसने युद्ध में भाग लिया। ह्यूगोनोट के विप्लव में उनके दमनकार्य में इसने विशेष शौर्य का परिचय दिया। लंदन, स्पेन, स्विटजरलैंड आदि में यह दूत बना कर भेजा गया था परंतु सभी जगह यह असफल राजदूत घोषित हुआ। रिशलू की शक्ति के संहार के लिए एक षड्यंत्र फ्रांस में रचा गया था। उसमें बसोपिएर अकारण ही फँस गया। अत: रिशलू के द्वारा यह बैस्टील के किले में (१६३१-१६४३) बंद रहा। वहाँ पर इसने अपनी आत्मकथा और संस्मरण लिखे। यह उस काल के इतिहास के लिए अमूल्य स्रोत है।


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