प्रवेशद्वार:इस्लाम/चयनित लेख

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इस्लाम का उदय सातवीं सदी में अरब प्रायद्वीप में हुआ । इसके जनक मुहम्मद साहब का जन्म 570 इस्वी में मक्का में हुआ था । लगभग 613 इस्वी के आसपास मुहम्मद साहब ने लोगों को अपने ज्ञान का उपदेशा देना आरंभ किया था । इसी घटना का इस्लाम का आरंभ माना जाता है । हँलांकि इस समय तक इसको एक नए धर्म के रूप में नहीं देखा गया था । परवर्ती वर्षों में मुहम्म्द के अनुयायियों को मक्का के लोगों द्वारा विरोध तथा मुहम्म्द के मदीना प्रस्थान (जिसे हिजरत के नाम से जाना जाता है) से ही इस्लाम को एक धार्मिक सम्प्रदाय माना गया ।

अगले कुछ वर्षों में कई प्रबुद्ध लोग हज़रत मुहम्मद सल्लाल्लाहो अलईहे वसल्लम (पैगम्बर नाम से भी ज्ञात) के अनुयायी बने । उनके अनुयायियों के प्रभाव में आकर भी कई लोग मुसलमान बने । इसके बाद मुहम्मद साहब ने मक्का वापसी की और उसे बिना युद्ध के जीत लिया । इस घटना के बाद कई और लोग इस्लाम में परिवर्तित हुए । पर पयम्बर (या पैगम्बर मुहम्मद) को कई विरोधों का सामना करना पड़ा जिसका दमन उन्होंने युद्ध में जीत हासिल कर की ।

उनकी मृत्यु के बाद अरबों का साम्राज्य और जज़्बा बढ़ता ही गया । अरबों ने पहले मिस्र और उत्तरी अफ्रीका पर विजय हासिल की और फिर बैजेन्टाइन तथा फारसी साम्राज्यों को हराया । यूरोप में तो उन्हें विशेष सफलता नहीं मिली पर फारस में कुछ संघर्ष करने के बाद उन्हें जीत मिलने लगी । इसके बाद पूरब की दिशा में उनका साम्राज्य फेलता गया । सन् 1200 तक वे भारत तक पहुँच गए । अगले कई दिनों में मध्य एशिया, भारतीय प्रायद्वीप और मलेशिया तक उन्हें विजय मिली ।