पूर्वाफाल्गुनी
पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र 11वाँ नक्षत्र है। यह सूर्य की सिंह की राशि में आता है। इसके चारों चरण सिंह में मो टी ट नाम अक्षर से चरणानुसार आते हैं। नक्षत्र स्वामी शुक से इसकी मित्रता नहीं है। सूर्य अग्नितत्व प्रधान है तो शुक्र कला, सौंदर्य, धन का कारक है। इस नक्षत्र की दशा चंद्र की स्थिति अनुसार होती है। यह सर्वाधिक दशा 20 वर्ष वाला नक्षत्र है।
यह 13 अंश 20 कला से शुरू होकर 26 अंश 20 कला पर समाप्त होता है। सिंह राशि पर नक्षत्र स्वामी का होना उस जातक को सुंदर लावण्यमय बनाएगा। यदि ऐसा जातक कला के क्षेत्र में जाए तो सफलता अवश्य मिलती है। ऐसे जातक उत्तम कद, सम्मोहक, मधुर मुस्कान के धनी होते हैं। इनके जीवन पर सूर्य, शुक्र व जो भी लग्न में जन्मा हो व शुक्र जिस राशि पर हो उसके स्वामी का भी प्रभाव पड़ेगा।
मेष, सूर्य लग्न हो व शुक्र सप्तम भाव में हो तो ऐसा जातक सुंदर आकर्षक चेहरे वाला, होठों व जाँघों पर तिल होगा। इस लग्न में शुक्र की स्थिति द्वितीय, द्वादश, दशम, एकादश, चतुर्थ भाव में ठीक रहेगी। शुक्र मंगल साथ हुआ तो ऐसा जातक कामुक प्रवृत्ति का हो सकता है। शुक्र राहु के साथ हो तो बिगड़े स्वभाव का व्यसनी, वृषभ लग्न हो तो शुक्र की स्थिति लग्न में, तृतीय भाव में दशम, नवम भाव में उत्तम फलदायी रहेगी।
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• पुनर्वसु • पुष्य • अश्लेषा • मघा • पूर्वाफाल्गुनी • उत्तराफाल्गुनी • हस्त • चित्रा • स्वाती • विशाखा • अनुराधा • ज्येष्ठा • मूल • पूर्वाषाढ़ा • उत्तराषाढा • श्रवण • धनिष्ठा • शतभिषा • पूर्वाभाद्रपद • उत्तराभाद्रपद • रेवती
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